Parul Rathaur
Haridwar
तीन दिवसीय बैंक सखी प्रशिक्षण कार्यक्रम ईटीसी हरिद्वार में सम्पन्न
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के अंतर्गत तीन दिवसीय बैंक सखी प्रशिक्षण कार्यक्रम गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय स्थित ईटीसी केंद्र में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम विशेषज्ञ नवल किशोर सिंह और केबी दीक्षित (राष्ट्रीय संसाधन व्यक्ति – NRP) के नेतृत्व में आयोजित किया गया। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण समुदायों एवं स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को वित्तीय साक्षरता, डिजिटल बैंकिंग, और सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर सशक्त बनाना था।
प्रशिक्षण का उद्देश्य और महत्व:-
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं और बैंक सखियों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़कर वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना था। डिजिटल बैंकिंग, साइबर सुरक्षा, और सरकारी योजनाओं से संबंधित जागरूकता को बढ़ावा देने के साथ-साथ उन्हें सक्षम ऐप और अन्य डिजिटल उपकरणों का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया गया। यह प्रशिक्षण ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाते हुए उन्हें डिजिटल युग की चुनौतियों के लिए तैयार करता है।
प्रशिक्षण में शामिल विषय:-
1. वित्तीय साक्षरता:
बैंकिंग सेवाओं की मूलभूत जानकारी जैसे खाता खोलना, पासबुक का उपयोग, और एटीएम से पैसे निकालने की प्रक्रिया।
ओटीपी (OTP) और पिन (PIN) की सुरक्षा के महत्व पर चर्चा।
साइबर अपराध से बचने के लिए जागरूकता और उपाय।
2. सरकारी योजनाओं की जानकारी:
प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY): सभी के लिए बैंक खाता खोलने और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने की योजना।
आयुष्मान भारत योजना: आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए स्वास्थ्य बीमा।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY): ₹330 वार्षिक प्रीमियम पर जीवन बीमा।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY): ₹12 वार्षिक प्रीमियम पर दुर्घटना बीमा।
अटल पेंशन योजना (APY): असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए पेंशन योजना।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN): किसानों को ₹6,000 वार्षिक वित्तीय सहायता।
3. स्वयं सहायता समूह (SHG) सशक्तिकरण:
रोजगार और व्यावसायिक ऋण के अवसर।
मुद्रा योजना (शिशु, किशोर, और तरुण श्रेणियां) की जानकारी।
बीसी सखी के रूप में ग्रामीण महिलाओं की भूमिका।
सक्षम ऐप का उपयोग और इसके माध्यम से वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करना।
4. डिजिटल बैंकिंग और साइबर सुरक्षा:
डिजिटल बैंकिंग सेवाओं को अपनाने और उनके उपयोग में सहायता।
डिजिटल लेन-देन के दौरान सुरक्षा उपायों की जानकारी।
कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से वित्तीय सेवाओं का प्रचार।
प्रशिक्षण की प्रमुख गतिविधियां और चर्चा:-
1. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY):
इस योजना का उद्देश्य छोटे और सूक्ष्म उद्यमों को बिना गारंटी के ऋण प्रदान करना है।
प्रतिभागियों को शिशु (₹50,000 तक), किशोर (₹50,001-₹5,00,000), और तरुण (₹5,00,001-₹10,00,000) श्रेणियों के बारे में जानकारी दी गई।
2. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN):
किसानों को ₹6,000 वार्षिक वित्तीय सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया और पात्रता मानदंड समझाए गए।
योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी साझा की गई।
3. सक्षम ऐप और एफएलसीआरपी:
सक्षम ऐप के माध्यम से SHG वित्तीय प्रबंधन की ट्रैकिंग की जानकारी दी गई।
एफएलसीआरपी (वित्तीय साक्षरता और क्रेडिट परामर्श संसाधन व्यक्ति) की भूमिका और जिम्मेदारियों पर चर्चा की गई।
4. डिजिटल बैंकिंग जागरूकता:
बैंकिंग फ्रॉड से बचने और सुरक्षित लेन-देन सुनिश्चित करने के लिए साइबर सुरक्षा उपायों की जानकारी दी गई।
डिजिटल उपकरणों और मोबाइल बैंकिंग के उपयोग को प्रोत्साहित किया गया।
अंतिम दिन की मुख्य बातें:-
एपीडी/डीएमएमयू महोदया द्वारा प्रशंसा:
कार्यक्रम के अंतिम दिन सहायक परियोजना निदेशक (APD) / जिला मिशन प्रबंधन इकाई (DMMU) ने प्रशिक्षण सत्रों की सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह प्रशिक्षण ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय साक्षरता और डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगा।
एपीडी/डीएमएमयू ने प्रतिभागियों को प्राप्त ज्ञान का उपयोग करके अपने समुदायों में परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सरकारी योजनाओं और डिजिटल उपकरणों की जानकारी से ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।
एनआरपी के प्रति सम्मान:
विशेष रूप से, केबी दीक्षित और नवल किशोर सिंह के प्रयासों की सराहना की गई, जिन्होंने प्रशिक्षण को प्रभावी और व्यावहारिक बनाया।
यह प्रशिक्षण न केवल बैंक सखियों और SHG सदस्यों को आर्थिक और डिजिटल सशक्तिकरण प्रदान करने में सहायक रहा, बल्कि उन्हें अपने समुदायों में वित्तीय सेवाओं को सुगम बनाने का मार्गदर्शन भी दिया। कार्यक्रम के अंतर्गत सीखी गई जानकारियां न केवल प्रतिभागियों की आजीविका को बढ़ावा देंगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को भी साकार करेंगी।
भविष्य की योजनाएं:
एनआरएलएम इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को अधिक व्यापक रूप से लागू करने और ग्रामीण क्षेत्रों में सशक्तिकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।