हर्षल रावल
30 दिसंबर, 2024
सिरोही/राज.
अंग्रेजी नए साल का जश्न मनाना अनुचित, -स्वामी महंत रूपपुरी महाराज ने सनातनी हिन्दू से की यह अपील
सिरोही। अंग्रेजी नया वर्ष आने को है। 1 दिन बाद वर्ष 2024 समाप्त हो जाएगा। लोग आने साल 2025 के स्वागत के लिए जोर शोर से तैयारी कर रहे हैं। एक तरफ अंग्रेजी नए साल के जश्न मनाने की तैयारी की जा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ वोवेश्वर महादेव मंदिर (मठ़) के मठा़धीश स्वामी महंत रूपपुरी महाराज ने सनातन हिन्दू धर्मप्रेमियों से अंग्रेजी नया साल न मनाने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि हिंदुओं को अंग्रेजी नए साल पर जश्न नहीं मनाना चाहिए। अंग्रेजी नए साल का जश्न मनाना, बधाई, शुभकामनाएं देना और प्रोग्राम आयोजित करना सनातन धर्म में संपूर्ण प्रकार से अनुचित है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी नए साल का जश्न मनाना गर्व की बात नहीं है। इसकी बधाई नहीं देनी चाहिए। यह ईसाइयों का त्योहार है और सनातनियों के लिए ये सख्त अनुचित है। मठाधीश ने कहा कि सनातन धर्म कहता है कि रात्रि में फिल्मी गानों पर नाचना संपूर्ण प्रकार से अनुचित है। धर्म शास्त्रों में यह कार्य राक्षसों वाला है। ऐसे में सनातनी युवाओं को निवेदन किया जाता है कि अंग्रेजी नया वर्ष न मनाए।
‘शास्त्रों के विरुद्ध कार्य न करें हिंदू’
मठाधीश ने कहा कि हर साल इस अवसर पर कई कार्यक्रम होते हैं, जिसमे हिंदू समाज के लोग भी सम्मिलित होते हैं, जोकि संपूर्ण प्रकार से गलत है। उन्हें ऐसे कार्यक्रमों से दूर रहना चाहिए। सनातन इस प्रकार के कार्यक्रमों को सख्ती के साथ रोकता है। मठाधीश ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति इस प्रकार का गैर धार्मिक कार्य करता है तो वह धर्म का विरोधी होगा। ऐसे में सनातनी हिन्दू को चाहिए कि शास्त्रों के विरुद्ध कोई भी कार्य न करें और अन्यायी न बनें। हमारा सनातन धर्म का वर्षों पूराना इतिहास हैं। अंग्रेजी का 2024 वर्ष केवल हैं। इस पर हमें विचार करने की अतिआवश्यक हैं।
हिन्दू नव वर्ष की क्या विशेषता है:-
हिंदू नववर्ष अंग्रेजी नव वर्ष से उत्तम माना जाता है। भारतवासियों का नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर आता है, 31 दिसम्बर पर नही आता। 31 दिसंबर मनाना, एक दिन का धर्मांतर ही है ! हिन्दुओ, 31 दिसंबर मनाना यह पश्चिमी संस्कृति है ! इस भोगवादी (कु) संस्कृति को न अपनाएं !
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर ही नववर्ष मनाकर धर्माभिमानी बनें:-
स्वामी महंत श्री रूपपुरी महाराज ने कहा कि मेरा आप सभी भारतीयों से निवेदन है कि नकली कैलेण्डर के अनुसार अंग्रेजी नए साल पर फ़ालतू का हंगामा करने के बजाये पूर्णरूप से ऋषि-मुनि और भारतीय पंचांग (विक्रम संवत) के अनुसार आने वाले नव बर्ष प्रतिपदा पर समाज उपयोगी सेवाकार्य करते हुए नवबर्ष का स्वागत करें और हर्षोल्लास से मनाएं….
ईसाई नववर्ष मनाने से पहले सोचों:-
* हिन्दु के घर पुत्र उत्पन्न होता है, उसका जन्म संस्कार हिन्दु पंचाग के अनुसार होता है।
* हिन्दु के घर हवन-यज्ञ होता है तो हिन्दु पंचाग के अनुसार होता है।
* हिन्दु के घर विवाह होता है तो शुभमुहुर्त हिन्दु तीथि के अनुसार होता है।
* हिन्दु के घर किसी भी व्यक्ति की मृत्यु हो तो मृ्त्युसंस्कार हिन्दु पंचाग के अनुसार होता है।
तो यह हिन्दु लोग ईसाई नववर्ष क्यों मनाते हैं। ईसाई नववर्ष मनाने वाले ये लोग उन 7 लाख 32 हजार क्रान्तिकारियो के बलिदान का अपमान कर रहे है। जिन्होने देश को इन्ही अंग्रेजो से स्वतंत्र कराने के लिए अपने प्राणो की आहुती दी थी। जिन लोगों को भारतीय होने पर गर्व है, वे विदेशी गुलामी त्यागकर भारतीय परम्पराओं को अवश्य निभायें…. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को हमारा नववर्ष है। हम परस्पर उसी दिन एक दुसरे को शुभकामनाये दें। अंग्रेजी कैलेन्डर के अनुसार, 30 अप्रैल 2025 को यह दिन आयेगा। अंग्रेजी वर्ष कैलेंडर के रूप में उपयोग करें।
हिंदुओं में थोड़ी सी भी धार्मिकता और अपनी सभ्यता संस्कृति के प्रति सम्मान गौरव की भावना है। तो तत्काल इस प्रकार के हैप्पी न्यू ईयर पर शुभकामनाएं देने की आदत छोड़ देनी चाहिए।