नई दिल्ली, 22 दिसंबर:-बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पर अपमानजनक टिप्पणी को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस लगातार केंद्रीय गृह मंत्री और केंद्र सरकार पर सवाल उठा रही है। इस बीच, कांग्रेस 23 दिसंबर को केंद्रीय अमित शाह के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी।
कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहेब के बारे में अपमानजनक टिप्पणी के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने की घोषणा की है। इस अभियान के तहत, कांग्रेस 23 दिसंबर को देश भर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी। इसके बाद 24 दिसंबर को सभी जिलों में आंबेडकर सम्मान मार्च निकालेगी।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के दूसरे नेताओं ने अपमानजनक बयान पर खेद व्यक्त नहीं किया है।
कांग्रेस नेता ने इन टिप्पणियों के लगातार बचाव की आलोचना करते हुए इसे भीमराव आंबेडकर की विरासत का घोर अपमान बताया।
खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस के सभी सांसद, राज्यसभा और लोकसभा सदस्य, सीडब्ल्यूसी के सदस्यों के साथ 23 दिसंबर को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों, राज्य मुख्यालयों या जिला मुख्यालयों में संवाददाता सम्मेलन करेंगे। साथ ही वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग करेंगे।
इसके अलावा 24 दिसंबर को बाबा साहेब आंबेडकर सम्मान मार्च को हर जिले में डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ शुरू किया जाएगा और संबंधित जिला कलेक्टरों (डीसी) के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के साथ समाप्त होगा।
गृह मंत्री अमित शाह की इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी अगले साल 26 जनवरी तक देशभर में कैंपेन चलाएगी। 22 और 23 दिसंबर को कांग्रेस के नेता 150 से ज्यादा शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। 24 मार्च को कलेक्ट्रेट पर मार्च निकालेंगे। 27 दिसंबर को कर्नाटक के बेलगावी में पार्टी बड़ी रैली होगी।
इतना ही नहीं, साल 1924 में बेलगावी कांग्रेस अधिवेशन में महात्मा गांधी के अध्यक्ष बनने के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में पार्टी 26 दिसंबर को एक विस्तारित सीडब्ल्यूसी बैठक आयोजित करेगी, इसके बाद 27 दिसंबर को कर्नाटक के बेलगावी में एक बड़ी रैली भी आयोजित होगी।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने रविवार को बताया कि “संसद सत्र में संविधान पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने अपने भाषण में बाबा साहब का अपमान किया है। शाह के बयान से सभी आहत हैं। अब तक अमित शाह या प्रधानमंत्री ने इसके लिए माफी मांगने की कोशिश नहीं की। कांग्रेस गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी तक इस मुद्दे को देशभर में उठाएगी।’
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी जानकारी दी थी कि लोकसभा और राज्यसभा के कांग्रेस सांसद सीडब्ल्यूसी सदस्यों के साथ देश भर के 150 अलग-अलग शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग करेंगे।
भाजपा ने भी जवाबी तैयारी शुरू की कांग्रेस के प्रदर्शन को देखते हुए भाजपा ने भी विपक्ष को जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने अपने एससी/एसटी मोर्चा को सभी विधानसभा सीटों पर जवाबी अभियान की योजना बनाने के लिए कहा है।
यूपी भाजपा एससी/एसटी मोर्चा के अध्यक्ष राम चंद्र कन्नौजिया ने पुष्टि की कि पार्टी जमीनी स्तर पर विपक्ष को बेनकाब करने के लिए अभियान शुरू करेगी। उन्होंने कहा, “पार्टी दलित विरोधी नारों और विपक्षी दलों के तहत पिछली सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों को उजागर करेगी।”
उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत में होने वाले संगठनात्मक चुनावों के तुरंत बाद यह कैंपेन शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मोर्चे की जिला इकाइयों को दलित बहुल गांवों में जाने और पिछले 10 वर्षों में भाजपा सरकार द्वारा शुरू किए गए योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने को कहा गया है।
अंबेडकर विवाद पर शाह सफाई दे चुके अंबेडकर पर दिए बयान पर अमित शाह सफाई दे चुके हैं। उन्होंने 18 दिसंबर को कहा था- ‘संसद में बात तथ्य और सत्य के आधार पर होनी चाहिए। भाजपा के सदस्यों ने ऐसा ही किया। जब साबित हो गया कि कांग्रेस अंबेडकर विरोधी पार्टी है, आरक्षण विरोधी है, संविधान विरोधी है, तो कांग्रेस ने अपनी पुरानी रणनीति अपनाते हुए बयानों को तोड़ना-मरोड़ना शुरू कर दिया।’
शाह ने कहा था कि खड़गेजी इस्तीफा मांग रहे हैं, उन्हें आनंद हो रहा है तो शायद मैं दे भी दूं पर उससे उनका काम नहीं बनना है। अभी 15 साल तक उन्हें जहां हैं, वहीं बैठना है, मेरे इस्तीफे से उनकी दाल नहीं गलने वाली।
संसद में अमित शाह के भाषण पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह संविधान पर हमला है, संविधान के संस्थापक पिता पर हमला है। जिस तरह से अमित शाह ने आंबेडकर के खिलाफ बयान दिया है, वह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। हम इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाएंगे।
रिजिजू को घेरा
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के बयान पर वेणुगोपाल ने कहा कि उन्होंने भारत का इतिहास नहीं पढ़ा है। वे कहते हैं कि संविधान भारतीय नहीं है, वे संविधान की नहीं, मनुस्मृति की बात करते हैं। संविधान का अपमान करने वाले लोग कांग्रेस पार्टी से माफी मांग रहे हैं।
चुनाव आयोग के फैसले पर भी साधा निशाना
उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद हमने भारत के चुनाव आयोग से अंतिम मतदाता सूची मांगी थी। इसे देना अनिवार्य है, लेकिन उन्होंने हमें नहीं दिया। इसके बाद हम हाईकोर्ट गए और हाईकोर्ट ने उन्हें पार्टियों को पर्याप्त दस्तावेज उपलब्ध कराने का आदेश दिया। इसके तुरंत बाद उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने के बजाय नियमों में संशोधन कर दिया। चुनाव आयोग और चुनावी प्रक्रिया में कुछ हो रहा है। क्या कारण है कि उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश को मुख्य चुनाव आयुक्त चुनने वाले पैनल से हटा दिया? ये बहुत स्पष्ट सबूत हैं कि वे चुनाव प्रक्रिया में बाधा डाल रहे हैं और चुनावी मतदाता सूची को हाईजैक कर रहे हैं, जिसके खिलाफ हम कानूनी रूप से लड़ने जा रहे हैं।
राष्ट्रपति को सोपेंगे ज्ञापन
बाबासाहेब अंबेडकर सम्मान मार्च निकालेगी और जिला कलेक्टरों के माध्यम से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन सौंपेगी। खेड़ा ने बताया, “24 दिसंबर को हम अपने जिला मुख्यालयों पर मार्च निकालेंगे और कलेक्टरों को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन देंगे। उसमें भी हम अमित शाह के इस्तीफे की अपनी मांग दोहराएंगे।