हर्षल रावल
13 नवंबर, 2024
सिरोही/राज.
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सर्दियों में हार्टअटैक और लकवा अटैक अधिक होने की संभावना होती है। इन कारणों का ध्यान रखें और हो जाएं सावधान
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सिरोही। सर्दियों में हार्टअटैक तथा ब्रेन हेमरेज के मामले कई गुना बढ़ जाते हैं। हेल्थ कंसर्ट हर्षल रावल की माने तो, नवंबर से लेकर मार्च महीने तक का समय ऐसा होता है, जब हृदय घात तथा लकवा मारने की संभावना अधिक प्रबल हो जाती है। इसका सबसे बड़ा कारण शरीर के तापमान का अचानक से कम हो जाना होता है।
सर्दियों में जब भी हम किसी बंद कमरे में गर्म पानी से नहाते हैं, तो हमारे शरीर का तापमान बाहर के तापमान की अपेक्षा अधिक रहता है। इस दौरान बाहर और शरीर के तापमान में अनियमितता के कारण से रक्त के परिवहन में दबाव बढ़ने लगता है। मुख्य रूप से यह स्थिति उस समय उत्पन्न होती है, जब कोई व्यक्ति गर्म पानी से नहाने के पश्चात तुरंत खुले में निकल आता है, या फिर रात्रि को वॉश रूम जाने के लिए रजाई तथा कंबल से बाहर निकलता है। इन दोनों परिस्थितियों में शरीर का तापमान अचानक से प्रभावित होता है, जिसका प्रभाव रक्त के बहाव यानि ब्लड प्रेशर पर पड़ता है। विशेषज्ञों की मानें तो, सर्दियों में ब्लड प्रेशर के प्रभावित होने के कारण से ही ब्रेन हैमरेज तथा हार्ट अटैक जैसी समस्या उत्पन्न होती है।
हार्टअटैक तथा ब्रेन हैमरेज (लकवा) जैसी समस्या सर्दियों में ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाते हैं। जिससे रक्त की सप्लाई धीमी हो जाती है। ऐसे में ब्लडप्रेशर हाई हो जाता है, जिससे हार्ट अटैक की संभावना बनने लगती है। ठीक इसी प्रकार ठंड के मौसम में रक्त गढ़ा होने की कारण से कई बार ‘रक्त’ हार्ट तथा ब्रेन तक नहीं पहुंच पाता है। परिणाम स्वरूप हार्टअटैक तथा ब्रेन स्ट्रोक जैसी समस्या उत्पन्न होने लगती है।
नहाते समय न करें ये गलती:-
यहां समझने वाली बात यह है कि सर्दियों में जब भी हम किसी बंद कमरे में गर्म पानी से नहाते हैं, तो हमारे शरीर का तापमान बाहर के तापमान की अपेक्षा अधिक रहता है। लेकिन जैसे ही हम बाहर निकलते हैं, तो बाहर की ठंडी हवाएं हमारे शरीर के तापमान को तुरंत कम करने लगती हैं, जिससे रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने लगती हैं। परिणाम स्वरूप रक्त का दबाव बढ़ने लगता है, जो हृदय घात की समस्या को उत्पन्न करता है। हेल्थ कंसर्ट हर्षल रावल कि मानें तो आपको गर्म पानी से नहाने के पश्चात शरीर को कपड़ों से ढक कर तथा कुछ देर प्रतिक्षा कर ही बाहर खुले में आना चाहिए।
रजाई कंबल से बाहर निकलने से पहले करें यह काम:-
इसी प्रकार जब भी आप रात्रि में या भोर में रजाई-कंबल से बाहर निकलते हैं तो एकदम से ना उठें। क्योंकि ठंड के मौसम में ब्लड गाढ़ा हो जाता है और एकदम से उठने पर कई बार रक्त हार्ट या ब्रेन तक नहीं पहुंच पाता है। परिणाम स्वरूप हृदय घात तथा ब्रेन स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए सर्दियों में बिस्तर छोड़ने से पहले कुछ देर बैठ जाएं। करीब 40 सेकंड तक बैठने के पश्चात करीब 1 मिनट तक अपने पैर नीचे लटकाएं और फिर गर्म कपड़े पहनकर ही उठें। इससे शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन प्रॉपर बना रहेगा और स्ट्रोक्स की संभावना घटेगी।
इस समय में बढ़ जाता है स्ट्रोक्स का खतरा:-
हेल्थ कंसर्ट हर्षल रावल बताते हैं कि ब्रेन स्ट्रोक के कारण से लकवे की दो स्थिति उत्पन्न होती है। एक स्थिति में मस्तिष्क में रक्त की सप्लाई अधिक कम हो जाती है, जिसे स्टेमिक कहते हैं। इसमें मनुष्य के बचने की संभावना रहती है। दूसरी स्थिति में ब्रेन की नसें फट जाती हैं, जिसे हैमरेजिक कहते हैं। ऐसी स्थिति में पीड़ित के बचने की संभावना न के बराबर रहती है। गौर करने वाली बात यह है कि सर्दियों में रात्रि 03:00 बजे से लेकर भोर के 06:00 बजे तक स्ट्रोक्स की संभावनाएं अधिक प्रबल होती हैं। ऐसे में इस दौरान आपको कुछ करते समय अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।