राजीव दीक्षित की जयंती एवं पुण्यतिथि के उपलक्ष में राजकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय मंडकोला में किया गया स्वास्थ्य शिविर का आयोजन
पलवल-03 दिसम्बर
कृष्ण कुमार छाबड़ा
राजीव दीक्षित की जयंती एवं पुण्यतिथि के उपलक्ष में राजकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय मंडकोला में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया ।जिसमें क्रांतिकारी श्री खुदीराम बोस, राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद को याद किया गया। आचार्य राजेश ने कहा हमारे देश को आजाद और आजादी दिलाने में 732,000 लोगों ने शहादत दी है राष्ट्र उन बलिदानियों के लिए हमेशा ऋणी हैं और रहेगा।
बच्चों को संबोधित करते हुए आचार्य राजेश ने कहा स्वास्थ्य के लिए हमें अपनी दिनचर्या में आयुर्वेद के साथ-साथ खानपान एन को सही तरीका अपनाना होगा। हमें सुबह प्रातः गुनगुना पानी पीना चाहिए। अधपका, कच्चा, दुर्गंध युक्त, ज्यादा तेल मिर्च मसाले कई दिन का बना हुआ भोजन स्वास्थ्य पर बहुत गहरा प्रभाव डालता है। जिसे बहुत सारी बीमारियां हमारे शरीर में आ जाते हैं। उन्होंने कहा भोजन हमारे लिए रस , रक्त,अस्थि, धातु आदि का निर्माण करता हैं। स्वास्थ्य बाजार से नहीं खरीदा जा सकता। उन्होंने कहा डीजल की गाड़ी पेट्रोल और पेट्रोल की गाड़ी डीजल से नहीं चल सकती वैसे ही हमारे शरीर में भी जो हमारे लिए लाभकारी है उन्हीं का प्रयोग करें। स्वास्थ्य के लिए सबसे प्रमुख घटक है भोजन। भोजन दूसरे के हाथ में चला गया तो हमारा स्वास्थ्य दूसरे के हाथ में चला गया इसलिए घर का बना हुआ भोजन हमारे लिए प्रभावशाली होगा। उन्होंने कहा सर्दियों में गुड़ चना मूंगफली गजक आदि का प्रयोग करने से हमें शरीर की जरूरतों को पूरा करता है। बथुआ मेथी पालक गाजर मूली शलगम वाला दालचीनी हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्कूल के हेड मास्टर राजकुमार खटाना ने कहा राजीव दीक्षित ने सैटलाइट कम्युनिकेशन में एक महान वैज्ञानिक का काम किया। उन्होंने भारत का चिंतन मनन और सामाजिक कार्य किए ।अपने जीवन में 12000 से अधिक व्याख्यान दिए। जिनमें अंग्रेजियत भारत छोड़ो, अंतरराष्ट्रीय मकड़ जाल में फंसा भारत, स्वदेशी, हिंदी एवं संस्कृत भाषा भारत की राष्ट्रीय भाषा बने। भारत का गौरवशाली इतिहास, क्रांतिकारी विषयों पर खुलकर विचार किया। उन्होंने कहा कि राजीव दीक्षित सही में एक सच्चे देशभक्त थे जिन्होंने कहा कि आजादी के बाद भी हम अंग्रेजों के गुलाम हैं 34735 कानून अंग्रेजो ने अपने लिए बनाए थे आज भी वैसे ही चल रहे हैं शिक्षा, चिकित्सा, न्याय व्यवस्था, खानपान व वेशभूषा आहार व्यवहार समाज के हिसाब से नहीं हो पा रही हैं जबकि भारत का गौरवशाली इतिहास रहा है। राजीव दीक्षित का सपना था कि मैं भारत को भारतीयता की मान्यताओं के आधार पर फिर से खड़ा करना चाहता हूं और उसी काम में लगा हूं। उन्होंने कहा हमें कोई ज्ञान से पराजित नहीं कर सकता, ना तर्क से और ना ही चरित्र से उसके बावजूद हम अंतरराष्ट्रीय संधियों के मकड़जाल में फंस गए हैं जिनसे हमें बाहर निकलना होगा और हमें हमारी भारतीय संस्कृति, भारतीय ऋषि मुनि और महापुरुषों, संतो के बनाए नियम कानून स्थापित करने पड़ेंगे। इस अवसर पर स्कूल के हेड मास्टर राजकुमार खटाना, वेदपाल, नथीराम, सूबे सिंह, राकेश कुमार शास्त्री ,सुषमा, इंदु, कविता, अनीता यादव और सरोज वाला उपस्थित रहे।