रिपोर्टर रजनीश पाण्डेय सूरत गुजरात सत्यार्थ न्यूज
सूरत के युवक ने कंबोडिया में डिजिटल अरेस्ट गैंग बनाई:
90 वर्षीय बुजुर्ग को 15 दिन डिजिटल अरेस्ट रखकर 1.15 करोड़ ठगे, 5 गिरफ्तारसंभवतः यह सूरत में डिजिटल अरेस्ट का पहला मामला है, जिसमें आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है।
सूरत के एक युवक ने कंबोडिया जाकर डिजिटल अरेस्ट की गैंग बनाई, जिसने 90 वर्षीय वृद्ध को 15 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर उनसे 1.15 करोड़ रुपए ठग लिए। पुलिस ने गैंग के 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मास्टरमाइंड पार्थ उर्फ मॉडल संजय गोपानी कंबोडिया में है, जिसका स्कैच जारी किया गया है। संभवतः यह सूरत में डिजिटल अरेस्ट का पहला मामला है, जिसमेंआरोपियों की गिरफ्तारी की गई है।
पीड़ित 90 वर्षीय वृद्ध सूरत के पारले पॉइंट के हैं।
डिजिटल अरेस्ट की इस गैंग का कनेक्शन एक चीनी गैंग से है, जो पूरे देश में साइबर धोखाधड़ी में लिप्त है।
ठगी के रुपए क्रिप्टो करेंसी में बदलकर कंबोडिया भेजे जाते थे। आरोपियों ने खुद को CBI, ED व मुंबई पुलिस का अधिकारी बताकर वरिष्ठ नागरिक से संपर्क किया।
वीडियो कॉल के जरिए उन्हें डराया गया कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग्स तस्करी के एक केस में आया है।
आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट के फर्जी दस्तावेज और ED के लेटर दिखाकर धमकी दी कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस डर से बुजुर्ग ने आरोपियों के कहे अनुसार 1.15 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए। कंबोडिया में बैठे मास्टरमाइंड पार्थ के लिए पकड़े गए आरोपी काम करते थे। पार्थ के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने की तैयारी है। आरोपियों को कोर्ट से 3 दिन की रिमांड ली गई है। फरार आरोपी पार्थ सूरत के डभोली का रहने वाला है।’मास्टरमाइंड पार्थ उर्फ मॉडल संजय गोपानी कंबोडिया में है, जिसका स्कैच जारी किया गया है।
ठगी का तरीका, बुजुर्ग से लगातार पैसे ट्रांसफर कराए
आरोपी वरिष्ठ नागरिक को यह कहकर डरा रहे थे कि उनके नाम पर मुंबई से चीन भेजे गए पार्सल में 400 ग्राम एमडी ड्रग्स मिला है। 15 दिनों तक आरोपियों ने उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर डिजिटल गिरफ्तारी में रखा और लगातार पैसे ट्रांसफर कराते रहे।
सूरत साइबर क्राइम सेल ने 1930 हेल्पलाइन पर शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच शुरू की। तकनीकी सर्विलांस और बैंक खातों की जानकारी के आधार पर आरोपियों का पता लगाया गया। HDFC बैंक की कापोद्रा शाखा से पैसे निकालने आए कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पीड़ित 90 वर्षीय वृद्ध बीए, एलएलबी डिग्रीधारी हैं। वह पिछले 30 वर्षों से स्टॉक मार्केट में सक्रिय निवेशक हैं।
दुबई गैंग की तरह कंबोडिया गैंग भी रुपए को क्रिप्टो में बदलती थी
मास्टरमाइंड पार्थ ठगी की रकम को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर चीनी गैंग तक पहुंचाता है। इस गैंग के खिलाफ देश के 14 राज्यों में 28 मामले दर्ज हैं। इस गैंग के काम करने का तरीका दुबई वाली गैंग जैसा है। दुबई गैंग फ्रॉड के पैसों को यूएसडीटी में कन्वर्ट कर दुबई भेजती थी। इसी तरह पार्थ गैंग भी रुपए क्रिप्टो करेंसी में कन्वर्ट कर कंबोडिया भेजती थी। दुबई गैंग रुपए को दुबई में निकाती थी, जबकि पार्थ गैंग भारत में ही रुपए विथड्रॉ कर क्रिप्टो करेंसी में कन्वर्ट कर कंबोडिया भेजती थी।वसूले रुपए यहीं विथड्रॉ कर क्रिप्टोकरेंसी में बदल कंबोडिया भेजते थे गैंग के लोग।
साइबर क्राइम का बढ़ता खतरा
गिरोह अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर लोगों को फंसाने का काम करता है। यह मामला देशभर में बढ़ते साइबर क्राइम का एक और उदाहरण है, जहां लोगों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर निशाना बनाया जा रहा है।
भावेशरोजिया, डीसीपी, साइबर क्राइम सेल
आरोपियों की भूमिका
1 नरेश कुमार हिम्मत भाई सुरानीः यह आरोपी लगातार मास्टरमाइंड पार्थ से संपर्क में रहता था। वह पार्थ से रुपए मंगाता था।
2 रमेश कुमार चनाभाई कातरियाः अपने और दूसरों के बैंक अकाउंट में रुपए डलवाता था। उसके पास से 5 लाख रुपए बरामद हुए हैं।
3 राजेश अर्जन भाई दीहोराः मास्टरमाइंड पार्थ का मौसेरा भाई है। वह रुपए को क्रिप्टो करेंसी में बदल कंबोडिया भेजता था।
4 गौरांग हरसुख भाई राखोलियाः बैंक अकाउंट से रुपए निकाल कर उसे गाड़ी से अलग-अलग जगह पहुंचाता था।
5 उमेश करशनभाई जींजालाः इसके 5 बैंक अकाउंट है। वह दूसरों के भी खाते लाता था। उसके पास से ~4.50 लाख मिले।