रजनीश शुक्ला (संवाददाता)
सत्यार्थ न्यूज़ सुलतानपुर
उत्तर प्रदेश
“प्रतापपुर कमैचा साधन सहकारी समिति पर खाद के लिए किसानों की लगी लंबी लाइन फिर भी नहीं मिल पा रही
है खाद”।
सत्यार्थ न्यूज़ (चांदा) सुलतानपुर: साधन सहकारी समिति प्रतापपुर कमैचा पर सुबह से ही किसान आकर खाद की आस लिए लाइन में खड़े हो गए हैं।
जिले में आलम यह है कि अन्नदाता अपने खेतों की समय पर बुवाई के लिए खाद की आस लिए किसान साधन सहकारी समितियां के चक्कर लगा रहे हैं। समितियां से
किसानों के सापेक्ष खाद का वितरण कम होने से अंततः अपनी बारी आने पर खाली हाथ निराशा घर लौट जा रहे हैं।
रवि के फसलों की बुवाई के लिए सुबह के समय किसान अपने खेत जाता है। और अपने खेत की नमी देखता है। और नमी देखने के बाद किसान साधन सहकारी समितियां पर डीएपी उर्वरक लेने के लिए चक्कर काटता है। खाद बट रही होती है तो वह लाइन में लग जाता है। और अपनी बारी का इंतजार करता है। इसी बीच कुछ बड़े काश्तकार समिति पर आ जाते हैं। और रौब दिखाते हुए 5 से 10 बोरी अपनी गाड़ी पर लाद कर चले जाते हैं। लाइन में खड़े किस देखते रह जाते हैं। चांदा, लंभुआ, कूरेभार,, बल्दीराय, धनपतगंज, मोतिगरपुर, करौंदी कला, कुड़वार, दोस्तपुर, जयसिंहपुर समेत अन्य ब्लॉक क्षेत्र में डीएपी नदारत है। पूनी भीम पट्टी निवासी किसान बृजेश शुक्ला ने बताया कि कई बार साधन सहकारी समितियों के चक्कर लगा चुका हूं। दिन भर लाइन में खड़े-खड़े अपनी बारी आने पर मायूसी ही हाथ लगती है।
अंत में निराश होकर वापस घर लौट आया। प्राइवेट दुकान से ही महंगे दाम पर डीएपी खरीद कर बुवाई करनी पड़ेगी। रामगढ़ निवासी बजरंगी यादव ने बताया कि कई बार साधन सहकारी समिति पर गया किंतु खाद नहीं मिल पाई। वहीं महिला किसान चौकिया निवासिनी दर्शन सिंह ने बताया की पति की मृत्यु हो चुकी है। दो बेटियों की शादी कर चुकी हूं अब अकेले ही समितियां पर खाद के लिए दौड़ लगाकर थक हार चुकी हूं। अब प्राइवेट दुकान से खाद खरीद कर बुवाई करनी पड़ेगी।
राजेंद्र दुबे मठा, पप्पू पांडे तेराएं साधन सहकारी समिति प्रतापपुर कमैचा पर लाइन में खड़े मिले उनका कहना था कि कई दिनों से समितियां के चक्कर लगा रहा हूं अंत में अपनी बारी आने पर खाद समाप्त हो जाती है जिससे रवि की बुवाई बढ़ रही है।
“डिमांड के हिसाब से भेजी जा रही है खाद”। जिला कृषि अधिकारी सदानंद चौधरी ने फोन पर बताया कि 1400 मेट्रिक टन डीएपी की रैक आने वाली है। रैक आने के बाद डिमांड के हिसाब से समितियां पर खाद भेजी जाएगी। जिले में खाद की कमी नहीं है दिसंबर तक गेहूं की बुवाई की जाएगी।
रजनीश शुक्ला (संवाददाता) सत्यार्थ न्यूज़ सुलतानपुर उत्तर प्रदेश।