ठेकेदार और नेताजी की अधिकारियों की संरक्षण में चल पड़ी दुकान: – कलेक्टर साहब ध्यान दीजिए
ठेकेदार को दुगना लाभ पहुंचाने जनपद सीईओ और एसडीएम की मौन स्वीकृति
बीना अनुमोदन के टीन सेड के लिए राशि स्वीकृत कि
संवाददाता देवीनाथ लोखंडे बैतूल
बैतूल वर्षों से चले आ रहे पूर्णा मेले के आयोजन को भव्य बनाने के लिए जनपद से आस पास की समस्त ग्राम पंचायतों में सचिव सरपंच के माध्यम से मेले की सूचना का प्रचार प्रसार करवाया जाता है , जिससे कि ग्रामीण लोग अधिक अधिक संख्या में आकर मेले को भव्य रूप दे सके , और मेले का आनंद उठा सकें। परन्तु जब उन्हीं श्रद्धालुओं के साथ खुली लूट हो रही तो कोई सामने आकर उन्हें लूटने से बचाने की जहमत नहीं उठा रहा , ठेकेदार के हाथों लूटने दिया जा रहा है। जबकि मेले में आए श्रद्धालुओं को लुट , खसोट , से बचाना और सुरक्षा प्रदान करना स्थानीय प्रशासन की नैतिक जिम्मेदारी बनती है। पर भैंसदेही के पूर्णा मेले में इसके विपरीत देखने को मिल रहा है। जहा ठेकेदार को नियमों के विरुद्ध वसुली का अधिकार दे रखा है। जिस पर जिले के कलेक्टर साहब ने ध्यान देना चाहिए।
वाहनों और फेरी वालों से लिया जा रहा दुगना किराया
मेले में आने वाले श्रद्धालुओं में से कुछ मोटर साइकिल वाहन चालकों ने बताया कि शासकीय दर 20 रुपए प्रति मोटर साइकिल की बजाय 50 रुपए प्रति मोटर साइकिल के हिसाब से किराया जबरदस्ती वसूल किए जा रहे जिसका विरोध कुछ जनपद सदस्य ने किया पर ठेकेदार ने उनकी भी नहीं सुनी गई। तो तत्काल जनपद सदस्य दहिकर ने जनपद सीईओ को अवगत कराया गया। वही छोटे खिलौने वाले बैतूल के व्यापारी ने बताया कि उनसे 50 रुपए प्रतिदिन के जगह 100 रुपए प्रतिदिन वसूल किया जा रहा है। इतना सब कुछ होने की जानकारी मेले के जिम्मेदार हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं, और ठेकेदार मेले में आए श्रद्धालुओं ओर छोटे व्यापारियों को लुटते चले जा रहे है।
आपत्ति के बाद जमा कराई थी ठेकेदार से राशि
बता दे कि पूर्व में भी जिले के एक अखबार में ठेकेदार को उपकृत करने के आरोप जनपद के जिम्मेदारों पर लगाया गया था , जिसमे अवगत कराया गया था कि नियम अनुसार ठेकेदार को नीलामी की पूरी राशि 12 नवंबर तक जमा करना सुनिश्चित किया गया था, जिसके बाद भी ठेकेदार को राशि जमा का अवसर दिया जा रहा था , जब राशि जमा नियत समय पर जमा नहीं होने पर कुछ लोगो ने आपत्ति जताई तो चुपके से ठेकेदार से 14 नवंबर को राशि जमा कराकर अखबार में राशि जमा करवाकर मीडिया में पब्लिश करवा कर वाहवाही लूट ली , परंतु नियम अनुसार समय पर राशि जमा नहीं होने पर प्रथम बोली कर्ता की जमा राशि रात सात कर द्वितीय बोलीकर्ता को अवसर प्रदान किया जाना था , जिससे जनपद का भी लाभ होता , परंतु विभागीय सूत्र बताते है कि साहब ने जनपद के लाभ के बदले स्वयं लाभ उठाया और नियम विरुद्ध प्रथम बोली कर्ता का ठेका बने रहने दिया , जिसका खामियाजा मेले में आए श्रद्धालुओं को भुगतना पड़ रहा है। जिस पर जिला प्रशासन ने ध्यान देकर नियमानुसार कार्यवाही करना चाहिए।
बीना अनुमोदन के स्वीकृत की राशि
एक हाथ से लेकर दूसरे हाथ मे जमा होती है पुर्णा मेले की राशि, वहीं दूसरे हाथ मे बिना अनुमोदन के नेताजी उसी राशि से तीन सेट बना देते हैं। और किसी जनपद सदस्य को कानो कान खबर नहीं होती, पंचायत को राशि कब स्वीकृत की गई कब तीन सेट बन गया, यह जानकारी किसी को नहीं पंचायत को नहीं पता कि किश निधि से टीन सेड का निर्माण किया गया और ना ही जनपद सदस्यों को चार लाख 53000 की राशि टीन सेड में बिना अनुमोदन के खर्च की गई ठेकेदार से पैसा लेकर नेताजी के हाथों में सोपा गया जिससे जनपद के कुछ जनपद सदस्यों में काफी नाराज़गी है।
मेले में फल फूल रहा नशे का कारोबार
पवित्र पूर्णा मेले में नसे का कारोबार भी काफी फल फूल रहा है एक तरफ नेताजी ब्रह्माकुमारी आश्रम का फिता काटकर लोगों को अपना सामाजिक रूप दिखाते हैं। वही दूसरे रास्ते से नजरों के सामने अपने संबंधित से मेले मे शराब की दुकाने लगवाते है। और शासन प्रशासन के सभी अधिकारियों का मैनेजमेंट वह खुद करते हैं।
इनका कहना है
जनपद पंचायत द्वारा संपूर्ण मेले का ठेका बोलीकर्ता को नियम अनुसार तीन किस्तों में राशि जमा करना है। यदि ठेकेदार द्वारा विलंब होता है। तो जमा राशि राजसात की जाना है। यह नियम स्वयं जनपद के अधिकारी ने बनाए है। परन्तु ठेकेदार द्वारा 50 प्रतिशत राशि 5 लाख 25 सौ रुपए नियत समय तक जमा नहीं की गई। जिसको लेकर मेरे द्वारा उच्च अधिकारियों को लिखित शिकायत एवं फोन के माध्यम से जानकारी दी गई। उसके पश्च्यात ठेकेदार द्वारा दो दिन बाद राशि जमा की गई। नियम को ताक पर रखकर ठेकेदार को सरक्षण दिया जा रहा है, बिना अनुमोदन के ठेकेदार से पैसा लेकर नेताजी को सौपा जा रहा है। शराब खुलेआम बिक रही, कोई अधिकारीगण सुनने वाला नहीं, सब अंधेर नगरी चौपट राजा की तर्ज पर मेला चल रहा है।
पवन मनवर
आम आदमी पार्टी
ईनका कहना
टीन सेड पूर्णा मेले की राशि से बनाया गया पंचायत एजेंसी के द्वारा कार्य किया गया।
जितेंद्र ठाकुर सीईओ भैंसदेही
ईनका कहना
काटोल सचिव सरपंच का कहना हमे नहीं पता कि किस निधि से टीन सेड का निर्माण कार्य किया गया कब और कहां बनाया गया।
रेखा कनाठे सचिव काटोल