कुरुक्षेत्र। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) कुरुक्षेत्र में 19वे दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यातिथि राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के हाथों डिग्रियां प्राप्त करने के बाद विद्यार्थियों के चेहरे खुशी से खिल उठे। विशिष्ट अतिथि एडीए अध्यक्ष एवं भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के पूर्व चेयरमैन डॉ. सतीश रेड्डी रहे। समारोह में 2021-22, 2022-23 और 2023-24 सत्र के बीटेक की 2890, एमटेक 1365 और पीएचडी के 133 विद्यार्थियों ने पारंपरिक पोशाक में डिग्रियां प्राप्त कीं। राज्यपाल के हाथों डिग्रियां प्राप्त कर विद्यार्थियों के चेहरे खिल उठे।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों को डिग्रियां वितरित कर सफल जीवन के गुर दिए तथा संस्थान से बाहर निकल नए जीवन में कड़ी मेहनत एवं लग्न से कार्य करने के लिए प्रेरित किया। विशिष्ट अतिथि डॉ. सतीश रेड्डी ने भी विद्यार्थियों को आत्मनिर्भरता की राह पर चलने के लिए प्रेरित किया तथा जीवन में नए कार्य कर हर रोज कुछ नया करने की सीख दी। उन्होंने कहा कि भारत युवाओं का देश है, जोकि विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है। शोध और विकास के हब भारत देश में युवाओं को अहम योगदान देकर 2047 तक विकसित भारत के मिशन को सफल बनाना होगा। समारोह में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत नहीं कर पाए। पूर्व छात्रों में डिग्री लेने के उपरांत भरपूर उत्साह देखने को मिल रहा है। वे अपने शिक्षकों, सीनियर और जूनियर साथियों से मिलकर अपनी यादों को ताजा करते दिखाई दिए
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि दीक्षांत समारोह केवल समारोह नहीं है अपितु विद्यार्थियों की उपलब्धियों और क्षमताओं का उत्सव है। आप यहां से डिग्री लेने के बाद नौकरी लेने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बने, दुनिया में आपकी पहचान बने ऐसा विश्वास बनाना है।
उन्होंने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में एनआईटी, कुरूक्षेत्र के पास अकादमिक उत्कृष्टता, मॉडर्न शोध और समग्र विकास की एक शानदार विरासत है। पिछले कुछ वर्षों में, इस संस्थान ने देश के कुछ सबसे प्रतिभाशाली दिमागों को पोषित किया है, जिन्होंने भारत की तकनीकी, औद्योगिक और सामाजिक उन्नति में योगदान दिया है।
तेजी से बदलते औद्योगिक परिदृश्य के साथ तालमेल रखते हुए संस्थान ने मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इंडिस्ट्रल इंटरनेट ऑफ थिंग्स, एनर्जी टकलोजी, माइक्रो इकोनॉमिक्स एंड वीएलएसआई इंजीनियरिंग, रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड डाटा साइंस जैसे कई नए पाठ्यक्रम शुरू किए हैं जो कि बेहद सराहनीय कदम है।
इसके अलावा, संस्थान ने आर्किटेक्चर का एक नया विभाग स्थापित किया है और वर्तमान सत्र से आर्किटेक्चर में बीटेक भी शुरू किया गया है।
अपनी महत्वाकांक्षाओं में साहसी बने महामहिम राज्यपाल ने कहा कि जीवन में नैतिक मूल्यों का होना बहुत जरूरी है, जिसमें हिम्मत और विश्वास होता है उसे कोई भी व्यक्ति आगे बढ़ने से रोक नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि आप किसी देश का एंबेसडर बने, ऊंचा पद ग्रहण कर ऐसी मेरी कामना है। कृतज्ञता विनम्रता की नींव है और विनम्रता सच्चे नेतृत्व की पहचान है।
जब आप इस नए अध्याय में कदम रख रहे हैं, तो उस यात्रा पर चिंतन करे जो आपको यहां तक लाई है। अपने माता-पिता के बलिदान, अपने शिक्षकों की सलाह और अपने साथियों के योगदान को याद रखें। उन्होंने कहा कि आप अनंत संभावनाओं की दहलीज पर खड़े है, दुनिया आपके योगदान, आपके विचारों और आपके नेतृत्व का इंतजार कर रही है।
हमें अपने पूरे जीवन में कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए क्योंकि ज्ञान एक अंतहीन खोज है। असफलताओं का सामना करने के लिए दृढ़ रहें और अपनी महत्वाकांक्षाओं में साहसी बने। उन्होंने कहा कि एनआईटी कुरूक्षेत्र के स्नातक, इस बदलती दुनिया में नेतृत्व करने के लिए अद्वितीय रूप से सुसज्जित हैं। अपने ज्ञान, कौशल और यहां आपको दिए गए मूल्यों के साथ, आपके पास नवाचार को आगे बढ़ाने और राष्ट्र का नवनिर्माण करने की क्षमता है।
मुख्य समन्वयक प्रो. आरके शर्मा 2019 बैच के पुरुष वर्ग में सर्वश्रेष्ठ ऑल राउंडर अवाॅर्ड मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के सचिन अग्रवाल ने, महिला वर्ग में सिविल इंजीनियरिंग विभाग की कशिश ने तथा दिव्यांग वर्ग में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के दिव्यांश ने 25 हजार रुपये का चेक और गोल्ड मेडल हासिल किया। जबकि 2020 सत्र में पुरुष वर्ग में कंप्यूटर इंजीनियरिंग के अंकित कुमार को, महिला वर्ग में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग की लक्ष्मी कुमारी तथा दिव्यांग वर्ग में सिविल इंजीनियरिंग विभाग के कुनाल मलिक ने 25 हजार रुपये का चेक और गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इस मौके पर संस्थान निदेशक संस्थान निदेशक प्रो. बीवी रमना रेड्डी, उपायुक्त नेहा सिंह, पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला, एसडीएम कपिल शर्मा, प्रो. पीसी तिवारी, प्रो. जयदीप गुप्ता सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे
अजय और यश सर्वश्रेष्ठ नवाचार परियोजना के पहले पुरस्कार से सम्मानित
2019 बैच के सर्वश्रेष्ठ नवाचार परियोजना का पहला पुरस्कार सिविल इंजीनियरिंग विभाग के अजय जैन को डिग्री के साथ 50 हजार रुपये का चेक देकर राज्यपाल ने सम्मानित किया तथा दूसरा अवाॅर्ड सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के देव्यांश चावला को 30 हजार रुपये चेक के साथ प्रदान किया गया। 2020 बैच का सर्वश्रेष्ठ नवाचार परियोजना का पहला पुरस्कार कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के यश मित्तल को 50 हजार रुपये चेक के साथ तथा दूसरा अवाॅर्ड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रथम सरंगल ने 30 हजार रुपये चेक के साथ राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय हाथों हासिल किया।
शौर्य, हरकिरत और अरीना श्री श्याम सुंदर ढींगरा अवाॅर्ड से सम्मानित
2018 सत्र के ओवरऑल टॉपर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के शौर्य गौतम को श्री श्याम सुंदर ढींगरा अवाॅर्ड से सम्मानित किया गया। 2019 सत्र के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से हरकिरत सिंह तथा 2019 सत्र से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग की अरीना को श्री श्याम सुंदर ढींगरा अवाॅर्ड से सम्मानित किया गया।
शिक्षा सागर फाउंडेशन के तत्वावधान में राष्ट्रीय शैक्षिक विचार गोष्ठी एवं राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर बीवी रमणा रेड्डी निदेशक राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कुरुक्षेत्र व मदन मोहन छाबड़ा चेयरमैन 48 कोस तीर्थ कमेटी कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड रहे। कार्यक्रम में 20 राज्यों के 155 नवाचारी, कर्मठ और कर्तव्यनिष्ठ शिक्षकों को राष्ट्रीय नवाचारी शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया।
विभिन्न प्रदेशों ने आने वाले शिक्षकों ने उनके द्वारा किए गए श्रेष्ठ शैक्षणिक कार्यों, सहायक शिक्षण सामग्री, शिक्षा में नवाचार, ई-अधिगम, बेस्ट प्रैक्टिस, आनंददायक शिक्षण गतिविधियों को अन्य शिक्षकों के साथ साझा किया। कार्यक्रम में नई शिक्षा नीति, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या, शिक्षण में चुनौतियां, विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा चलाए जा रहे शैक्षिक कार्यक्रमों पर विचार विमर्श किया गया।
प्रो. बीवी रमणा रेड्डी ने कहा कि इस शैक्षिक समागम से शिक्षकों को नवीन ऊर्जा मिलेगी। शिक्षा का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व है। शिक्षा न केवल व्यक्ति के मानसिक और बौद्धिक विकास को बढ़ाती है, बल्कि समाज और राष्ट्र की प्रगति में भी अहम भूमिका निभाती है। शिक्षा वह माध्यम है, जिससे व्यक्ति ज्ञान, मूल्य और कौशल प्राप्त करता है, जो हर इंसान को आत्मनिर्भर और समाज का एक जिम्मेदार नागरिक बनाता है। मदन मोहन छाबड़ा ने कहा कि राष्ट्र के विकास के संदर्भ में शिक्षा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। एक शिक्षित समाज ही नए विचारों, नवाचारों और तकनीकी विकास को प्रोत्साहन देता है, जो किसी भी देश की प्रगति के लिए आवश्यक है। कार्यक्रम संयोजिका सुशीला जांगड़ा ने उपस्थित शिक्षकों का आभार व्यक्त किया। इस दौरान ऊषा रानी, अनिल रोहिल्ला, प्रितीका जाखड़, पवन मित्तल, निशा राणा, जसबीर सिंह, सुभाष शास्त्री, जितेंद्र राठौड़, अरुण राणा, धर्मचंद शर्मा, रणजीत फुलिया आदि शामिल रहे।
इन राज्यों के शिक्षक रहे शामिल
फाउंडेशन के संस्थापक राज्य शिक्षक पुरस्कार विजेता शिक्षक डॉ. सुरेश राणा ने बताया कि गीता स्थली कुरुक्षेत्र में आयोजित इस कार्यक्रम में तेलंगाना, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, केरल, नागालैंड, कर्नाटक, झारखंड आदि 20 प्रदेश के शिक्षक शामिल रहे।