दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के बीच ग्रैप-थ्री हुआ लागू : उपायुक्त
– धूल उड़ाने पर सख्ती, निर्माण गतिविधियां रहेंगी बंद-
पलवल-17 नवंबर
कृष्ण कुमार छाबड़ा
देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते हुए स्तर को देखते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट यानी सीएक्यूएम ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में ग्रैप-3 लागू कर दिया है। उपायुक्त डा. हरीश कुमार वरिष्ठ ने जानकारी देते हुए बताया कि सीएक्यूएम ने आदेशों के तहत सडक़ों की मशीन से सफाई बढ़ाने का आदेश दिया है। हॉटस्पॉट क्षेत्रों में सडक़ों पर पानी के छिडक़ाव को बढ़ाने की बात कही गई है। खासकर पीक ट्रैफिक के वक्त पानी के छिडक़ाव पर खास ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि ग्रैप-3 के दिशानिर्देशों के तहत निर्माण कार्यों पर पूरी तरह से रोक रहेगी, साथ ही तोडफ़ोड़ की गतिविधियों पर भी बैन लगाया गया है। दिल्ली एनसीआर में ग्रैप-3 के तहत अब गैर-जरूरी खनन कार्यों को भी अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है।
सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की सलाह दी
दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है, जो बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य के लिए काफी ज्यादा हानिकारक हो सकता है। इस बीच, कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने सडक़ों की मशीन से सफाई बढ़ाने का आदेश दिया है। दिल्ली-एनसीआर के लोगों को कारपूल करने और जितना संभव हो सके सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है।
उपायुक्त ने बताया कि ग्रैप-3 के दौरान पेंटिंग, पॉलिशिंग और वर्निशिंग से जुड़े कार्यों पर रोक रहेगा। इस दौरान सडक़ निर्माण या बड़े मरम्मत कार्य पर भी रोक रहेगी। किसी भी तरह के निर्माण कार्य से जुड़े मलबे को ढोने पर पाबंदी रहेगी। इस चरण के तहत धूल पैदा करने वाले किसी भी तरह के सामान जैसे-सीमेंट, राख, ईंट, बालू, पत्थर आदि की लोडिंग-अनलोडिंग पर पाबंदी रहेगा। वेल्डिंग और गैस कटिंग से जुड़े बड़े कार्यों पर रोक रहेगी। पानी की नई लाइन बिछाने, सीवर लाइन डालने, ड्रेनेज और जमीन के अंदर केबल डालने के कार्यों पर रोक रहेगी।
सीएक्यूएम के अनुसार मौसम विभाग द्वारा सूचित किया गया कि दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में एक्यूआई गंभीर स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि ग्रैप-3 लागू रहने के दौरान मशीनों के जरिए सडक़ों की सफाई के काम में तेजी लाई जाए। ट्रैफिक के व्यस्त घंटों से पहले सडक़ों पर पानी की फुहारें डालने के काम को सुनिश्चित किया जाए। साथ ही एकत्रित किए गए धूल का निस्तारण सही स्थान पर किया जाए। इसके अलावा सार्वजनिक परिवहन पर जोर दिया जाए।
सम्पूर्ण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में धूल वाली/वायु प्रदूषण फैलाने वाली निम्नलिखित श्रेणियों की सी एंड डी गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध लागू :
* बोरिंग और ड्रिलिंग कार्यों सहित खुदाई और भराई के लिए मिट्टी का काम।
* पाइलिंग कार्य।
* सभी विध्वंस कार्य।
* ओपन ट्रेंच सिस्टम द्वारा सीवर लाइन, पानी की लाइन, ड्रेनेज और इलेक्ट्रिक केबलिंग आदि बिछाना।
* ईंट/चिनाई कार्य।
* आरएमसी बैचिंग प्लांट का संचालन।
* प्रमुख वेल्डिंग और गैस-कटिंग ऑपरेशन। एमईपी (मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग) कार्यों के लिए मामूली वेल्डिंग गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी।
* पेंटिंग, पॉलिशिंग और वार्निशिंग कार्य आदि।
* सीमेंट, प्लास्टर/अन्य कोटिंग्स, मामूली इनडोर मरम्मत/रखरखाव को छोडक़र।
* टाइल्स, पत्थरों और अन्य फ्लोरिंग सामग्री को काटना/पीसना और लगाना, मामूली इनडोर मरम्मत/रखरखाव को छोडक़र।
* वॉटर प्रूफिंग कार्य (रासायनिक वॉटर प्रूफिंग को छोडक़र)।
* सडक़ निर्माण गतिविधियाँ और प्रमुख मरम्मत।
* परियोजना स्थलों के अंदर/बाहर कहीं भी सीमेंट, फ्लाई-ऐश, ईंट, रेत, मुरम, कंकड़, कुचला हुआ पत्थर आदि जैसी धूल पैदा करने वाली सामग्रियों का स्थानांतरण, लोडिंग/अनलोडिंग।
* कच्ची सडक़ों पर निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही।
एनसीआर में इन पर भी लगाया गया है प्रतिबंध
-पूरे एनसीआर में स्टोन क्रशरों का संचालन बंद रहेगा।
-पूरे एनसीआर में सभी खनन और संबंधित गतिविधियों को बंद रहेगी।
-एनसीआर राज्य सरकारें। /जीएनसीटीडी दिल्ली और गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर जिलों में बीएस IIl पेट्रोल और बीएस IV डीजल एलएमवी (4 पहिया वाहन) के संचालन पर सख्त प्रतिबंध लगाएगा।
-जीएनसीटीडी दिल्ली के बाहर पंजीकृत बीएस-III और इससे नीचे के डीजल संचालित एलसीवी (माल वाहक) को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देगा, सिवाय आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वालों को छोड़कर।
– ईवी/सीएनजी/बीएस-VI डीजल के अलावा एनसीआर राज्यों से अंतरराज्यीय बसों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति न दें (अखिल भारतीय पर्यटक परमिट के साथ संचालित बसों/टेंपो यात्रियों को छोड़कर)
सख्त अनुपालन के अधीन इन गतिविधियों की दी गई अनुमति
जो अपेक्षाकृत कम प्रदूषणकारी/कम धूल पैदा करने वाले हैं, उन्हें सी एंड डी अपशिष्ट प्रबंधन नियमों, धूल की रोकथाम/नियंत्रण मानदंडों के सख्त अनुपालन के अधीन, आयोग द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुपालन सहित एनसीआर में जारी रखने की अनुमति दी जाएगी। सभी सी एंड डी) संबंधित गतिविधियों को केवल कुछ श्रेणियों की परियोजनाओं के लिए अनुमति दी जाएगी, हालांकि सी एंड डी अपशिष्ट प्रबंधन नियमों, धूल की रोकथाम/नियंत्रण मानदंडों के सख्त अनुपालन के अधीन है। समय-समय पर जारी आयोग के निर्देशों का अनुपालन करना होगा।
-रेलवे सेवाओं और स्टेशनों के लिए परियोजनाएं
– मेट्रो रेल सेवाओं और स्टेशनों के लिए परियोजनाएं
-हवाई अड्डे और अंतरराज्यीय बस टर्मिनल
-राष्ट्रीय सुरक्षा/रक्षा संबंधी गतिविधियाँ/राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाएँ;
– अस्पताल/स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं
-रेखीय सार्वजनिक परियोजनाएं जैसे राजमार्ग, सड़कें, फ्लाईओवर, ओवर ब्रिज, बिजली पारेषण/वितरण, पाइपलाइन, टेली-संचार सेवाएं (केवल गैर-खुली खाई कार्यों के लिए) आदि।
– स्वच्छता परियोजनाएँ जैसे सीवेज उपचार संयंत्र और जल आपूर्ति परियोजनाएँ आदि।
– उपरोक्त परियोजना श्रेणियों के लिए विशिष्ट और अनुपूरक सहायक गतिविधियाँ।
उपायुक्त की आम नागरिकों से अपील :
* वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने नागरिकों से ग्रेप के निर्देशों का पालन करने की अपील की है, इसका सभी आम नागरिक पालन करें।
* छोटे सफर के लिए पैदल चलें या साइकिल का उपयोग करें।
* प्रदूषण न फैलाने वाले परिवहन का चुनाव करें और साझा यात्रा करें।
* संभव हो तो घर से ही काम करने का विकल्प अपनाएं।
* हीटिंग के लिए कोयले और लकड़ी का उपयोग न करें।
* सुरक्षा कर्मियों के लिए इलेक्ट्रिक हीटर की व्यवस्था करें।
* अपनी यात्रा को संयोजित करें और अनावश्यक सफर से बचें।
समीर ऐप पर दर्ज करवाएं शिकायत
जिला उपायुक्त डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि कोई भी नागरिक प्रदूषण से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत के लिए समीर ऐप पर शिकायत दर्ज कराएं l शिकायत पर यथाशीघ्र कार्रवाई की जायेगी।