संतोष कुमार पाण्डेय
सत्यार्थ न्यूज़ अयोध्या
प्राचार्य पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज सीजेएम के आदेश पर कोतवाली अयोध्या में दर्ज हुआ मुकदमा मेडिकल कॉलेज दर्शन नगर में संविदा लिपिक की मौत का मामला
अयोध्या:मेडिकल कॉलेज के संविदाकर्मी प्रभुनाथ मिश्र की मौत के मामले में प्राचार्य समेत तीन नामजद व 10-12 अज्ञात के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ है। न्यायालय के आदेश के बाद मृतक के पिता की तहरीर पर केस दर्ज करके विवेचना शुरू की गई है।दर्ज एफआईआर में हैदरगंज थाना क्षेत्र के बिंदा मिश्र का पुरवा पछियाना निवासी जगदीश चंद्र मिश्र ने बताया कि उनका पुत्र प्रभुनाथ मिश्र मेडिकल कॉलेज दर्शन नगर में कंप्यूटर ऑपरेटर था। 29 जुलाई की सुबह 11:30 बजे वह पंजीकरण कक्ष में पर्ची काट रहा था!उसी समय एमबीबीएस 2020 बैच की छात्रा ऋतु व निर्मला कुमावत बिना लाइन के जबरदस्ती केबिन में घुस गईं। प्रभुनाथ ने लाइन से आने को कहा तो वह लोग आक्रोशित हो गईं और गाली-गलौज करके सबक सिखाने की धमकी दी। बाद में 10-12 और लोग आ गए और उनके पुत्र की पिटाई की। इसकी शिकायत पर कॉलेज में जांच कमेटी भी बनी, लेकिन मेडिकल छात्राओं ने बयान नहीं दर्ज कराया और कोई कार्रवाई नहीं हुई। मनोबल बढ़ने के कारण छात्रा ऋतु, निर्मला व उनके सहयोगी उनके पुत्र को शिकायत वापस लेने, माफी मांगने के लिए धमकी देने लगे। प्रभुनाथ ने इसकी शिकायत प्राचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार से की तो उन्होंने कार्रवाई के बजाय प्रभुनाथ को बुरा-भला कहा। अपने कक्ष में बुलाकर छात्राओं से माफी मांगने के लिए विवश किया और तरह-तरह से धमकाया।सात अगस्त को भी उन लोगों ने धमकी दी। उनकी प्रताड़ना से वह अवसादग्रस्त हो गए। घर आकर उन्होंने परिजन समेत अन्य लोगों से यह बात बताई और जहर खा लिया। उन्हे मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया तो डॉक्टरों ने इलाज में भी लापरवाही की।हालत बिगड़ने पर केजीएमयू ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। इस बीच झूठी घटना दिखाकर 29 जुलाई को पेशबंदी में एक रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई।प्रभारी निरीक्षक मनोज शर्मा ने बताया कि प्राचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार, छात्रा ऋतु व निर्मला समेत 10-12 अज्ञात के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज करके विवेचना की जा रही है।सार्वजनिक नहीं की गई मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट संविदा कर्मचारी प्रभुनाथ मिश्र की मौत के बाद परिजन ने अगले दिन ही प्राचार्य व छात्राओं के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए कोतवाली में तहरीर दी। कई अन्य संगठनों ने भी आंदोलन शुरू किया तो 14 अगस्त को जिला प्रशासन ने मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दिया। रेजीमेंट मजिस्ट्रेट अयोध्या संदीप श्रीवास्तव को जांच सौंप गई, लेकिन अब तक इसकी रिपोर्ट भी सार्वजनिक नहीं की गई। इस पर भी लोग कई सवाल उठा रहे हैं।