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गोण्डा-तहसीलदार सदर के बाद अब नायब तहसीलदार सदर पर गिरी गाज डीएम ने जारी की विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि

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संवाददाता अय्यूब आलम
गोण्डा

तहसीलदार सदर के बाद अब नायब तहसीलदार सदर पर गिरी गाज डीएम ने जारी की विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि

 

गोण्डा जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने नायब तहसीलदार गोण्डा, सदर के खिलाफ शनिवार को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि जारी कर दी है। कूटरचित दस्तावेजों के सहारे बैनामा कराने के प्रकरण में नायब तहसीलदार द्वारा दोषी के खिलाफ एफआईआर दर्ज न कराने के चलते यह कार्यवाही की गई है। आरोप है कि बार-बार निर्देश के बाद भी नायब तहसीलदार प्राथमिकी दर्ज कराने से टाल मटोल करते रहे। जिलाधिकारी ने साफ किया है कि जनपद में इस प्रकार की अनुशासनहीनता किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।
बता दें, जिलाधिकारी द्वारा तीन दिन पहले ही तहसीलदार सदर को भी चेतावनी दी गई है। सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर अनाधिकृत अध्यासन से संबंधित वादों के निस्तारण में लापरवाही के चलते यह कार्यवाही की गई थी।
बड़गांव निवासी विकास कुमार तिवारी ने बीती जुलाई को आईजीआरएस के माध्यम से कूटरचित दस्तावेजों के सहारे जमीन का बैनामा कराए जाने के संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता विकास कुमार तिवारी ने बताया कि उन्होंने जानकीनगर निवासी गंगाजली से 1035 वर्ग फुट प्लाट का बैनामा नवम्बर 2018 में कराया था। इस दौरान अनुसूचित जाति की गंगाजली द्वारा गैर अनुसूचित जाति के व्यक्ति के पक्ष में भूमि विक्रय की अनुमति न्यायालय अपर कलेक्टर गोण्डा से प्राप्त किए जाने के संबंध में जानकारी दी गई।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसी विक्रीत भूमि का बैनामा हेमलता मौर्या द्वारा नवम्बर 2019 को लिया गया तथा न्यायालय नायब तहसीलदार गोण्डा से नामन्तरण आदेश अप्रैल 2022 को प्राप्त कर लिया गया। आरोप है कि हेमलता मौर्या ने कूटरचित दस्तावेजों को प्रस्तुत कर नियम विरुद्ध तरीके से नामन्तरण आदेश प्राप्त किया।
प्राप्त शिकायत पर अपर जिलाधिकारी गोण्डा के स्तर पर जांच की गई। जांच में आरोप सही पाए गए। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, हेमलता मौर्या ने दाखिले खारिज कराने के लिए अपर जिलाधिकारी गोण्डा से गैर अनुसूचित जाति के पक्ष में विक्रय किए जाने की अनुमति विषयक पत्र को कूटरचना करके आदेश की छायाप्रति प्रस्तुत की। इस कूटरचित दस्तावेज के आधार पर ही दाखिल खारिज आदेश प्राप्त किया गया।
इस संबंध में नायब तहसीलदार गोण्डा अनुराग कुमार पाण्डेय को दोषी के विरुद्ध एफआईआर कराने के आदेश दिए गए। बार-बार निर्देशों के बावजूद उन्होंने एफआईआऱ नहीं दर्ज कराई। समय से आदेशों का अनुपालन न किए जाने के कारण जिलाधिकारी द्वारा वर्ष 2023-24 की मध्यावधि में विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि जारी की गई है।

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