पंजाब के किसानों को धान खरीद में परेशान कर रही केंद्र सरकार, कैबिनेट मंत्री ने लगाए आरोप
संवाददाता विशाल लील की रिपोर्ट
धान का उठान न होने और पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ दर्ज FIR को लेकर किसानों ने पंजाब में 4 अलग-अलग जगहों पर हाईवे को ब्लॉक किया. किसानों ने फागवाड़ा में नेशनल हाईवे ब्लॉक कर दिया. इसके चलते अमृतसर-दिल्ली हाईवे काफी प्रभावित रहा. इसके साथ ही किसान संगठनों ने मोगा, संगरुर और बटाला में भी हाईवे को ब्लॉक किया.
किसान नेता सरवान पांडर ने कहा कि पंजाब के किसान बुरी तरह से पीड़ित हैं. धान को मंडियों में नहीं खरीदा जा रहा है और न ही लिफ्टिंग हो रही है. इतना ही नहीं, किसानों को पराली के नाम पर एफआईआर दर्ज कर पीड़ित किया जा रहा है. पांडर ने कहा कि पंजाब सरकार ने धान के मौसम से पहले विस्तृत व्यवस्था की होगी. लेकिन आज किसान मंडियों में अंतहीन इंतजार कर रहे हैं, लेकिन फसल नहीं खरीदी जा रही है.
किसानों के खिलाफ FIR दर्ज कराए जाने को लेकर पांडर ने राज्य सरकार पर निशाना साधा. किसान नेता ने कहा कि क्या सिर्फ प्रदूषण के लिए किसान जिम्मेदार हैं? क्या औद्योगिक प्रदूषण नहीं हो रहा है. लेकिन किसानों को बिना कारण के परेशान किया जाता है.उन्होंने कहा कि हम एक समाधान चाहते हैं और आशा करते हैं कि केंद्र और राज्य दोनों किसानों के संकटों को हल करने के लिए एक साथ आएंगे, लेकिन तब तक हम सड़कों पर बैठे रहेंगे.
पंजाब में एक बार फिर से किसानों ने सड़कों पर उतरकर विरोध किया है. ये किसान राज्य सरकार के खिलाफ एक दिन का प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी प्रमुख मांगे जैसे समय पर धान की खरीद और अन्य मुद्दों को लेकर वे सड़कों को जाम कर रहे हैं. पंजाब में किसानों का ये प्रदर्शन कई दिलचस्प बदलावों की उम्मीद के साथ हो रहा है, जो उनकी जरुरतों और समस्याओं को तत्काल समाधान देने का संकेत देता है
पंजाब सरकार का कहना है कि इस समस्या की वजह केंद्र सरकार है. पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरपाल चीमा ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘केंद्र सरकार ने एफसीआई गोदामों को खाली नहीं किया है जहां फसल को रखा जाना है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से भी मुलाकात की थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ.’
चीमा का आरोप है कि केंद्र सरकार जानबूझकर गोदाम उपलब्ध नहीं करा रही है, जिससे किसानों को आंदोलन के लिए सजा देने का इरादा दिखता है. दूसरी ओर भाजपा नेता हरजीत गरेवाल ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि असल समस्या पंजाब सरकार की असफलता है और अब वह केंद्र सरकार पर गलत आरोप लगा रही है.
इस बार पंजाब में ज्यादातर किसानों ने धान की PR 126 किस्म लगाई है. राइस मिलर्स का कहना है कि इस किस्म में चावल टूटने का डर ज्यादा है, इसलिए वे इसे खरीदने में हिचकिचा रहे हैं. राज्य सरकार का दावा है कि फसल की खरीद हो रही है और किसानों को भुगतान भी किया जा रहा है, लेकिन उठान की समस्या को सुलझाने में केंद्र सहयोग नहीं कर रहा है.
आढ़ती हरविंदर सिंह ने बताया, ‘हम किसानों के साथ इस बड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं. फसल मंडियों में पड़ी है. पंजाब सरकार और केंद्र सरकार को मिलकर इस स्थिति का समाधान निकालना चाहिए. राइस मिलर्स का कहना है कि पीआर 126 किस्म में ज्यादा टूटन है, जिससे वे अनिच्छुक हैं. सरकार को जगह की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि फसल की उठान हो सके और किसानों की समस्या का तुरंत समाधान हो.’