अवैध सागौन कटाई पर अचानक निरीक्षण करने पहुंचे नर्मदापुरम पुलिस महानिरीक्षक इरशाद वली तथा संभागायुक्त श्री के जी तिवारी
रिपोटर्स देवीनाथ लोखंडे बैतूल
महाराष्ट्र के माफिया द्वारा बैतूल के जंगलों का सफाया करने की मिली थी शिकायत
भैंसदेही विकासखंड के जंगलों में हो रही अवैध सागौन कटाई की शिकायत पर नर्मदापुरम संभाग के पुलिस महानिरीक्षक श्री इरशाद वली, कमिश्नर श्री के.जी. तिवारी ने अचानक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सी सी एफ वासु कनौजिया पुलिस अधीक्षक बैतूल श्री निश्चल एन झारिया, कलेक्टर बैतूल श्री नरेंद्र सूर्यवंशी, तथा जिला पंचायत सीईओ श्री अक्षत जैन मौजूद रहे।
अवैध कटाई को रोकने के लिए पुलिस ,प्रशासन तथा वन विभाग की एक संयुक्त टास्क फोर्स का गठन भी किया गया है व इसमें सभी की जिम्मेदारी भी निर्धारित की गई है
औचक निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को तालाब के निकट जंगल में अवैध कटाई के अनेक ताजा ठूंठ दिखाई दिए, जिससे मामले की गंभीरता का अंदाजा लगाते हुए अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
इस अवसर पर आयुक्त श्री तिवारी ने वनग्राम साकली में आयोजित चौपाल में ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं और उन्हें अवैध कटाई रोकने में प्रशासन का सहयोग करने की सलाह दी। उन्होंने ग्रामीणों को शासन की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस मौके पर एसडीएम भैंसदेही, तहसीलदार भैंसदेही, और अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।
बैतूल, पुलिस अधीक्षक श्री निश्चल झारिया की ओर से अपील
पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए वनों का महत्वपूर्ण योगदान है। बैतूल जिले के घने जंगल न केवल हमें शुद्ध हवा, जल, औषधियां और कई प्रकार के प्राकृतिक संसाधन प्रदान करते हैं, बल्कि विभिन्न वन्य प्राणियों का भी आश्रय स्थल हैं। हाल के दिनों में इन वनों में अवैध कटाई की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिससे पर्यावरण के साथ-साथ वन्य जीवन को भी गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है।
पुलिस अधीक्षक श्री निश्चल झारिया ने बैतूल जिले के ग्रामीणों, सामाजिक संगठनों एवं आम जनता से वनों की अवैध कटाई रोकने में प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अवैध कटाई के कारण हमारे प्राकृतिक संसाधनों पर संकट गहराता जा रहा है, जिससे आने वाली पीढ़ियों के भविष्य पर भी असर पड़ेगा। ऐसे में सभी का यह कर्तव्य बनता है कि वे इस दिशा में प्रशासन का साथ दें और वनों के संरक्षण में सहभागी बनें।यदि हम सभी मिलकर प्रयास करें, तो वनों की अवैध कटाई पर नियंत्रण पाया जा सकता है और हम अपनी धरोहर को संरक्षित रख सकते हैं। वनों का संरक्षण केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हम सभी का नैतिक दायित्व है। आइए, हम सब मिलकर वनों को संरक्षित करने का संकल्प लें और प्रकृति को बचाने में योगदान दें।