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फतेहपुर-बदहाल सड़क का दृश्य – यूं तो मैं अपने पर इतराती हूं कि दो विधानसभा क्षेत्रों से गुजरती हूं

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बदहाल सड़क का दृश्य

– यूं तो मैं अपने पर इतराती हूं कि दो विधानसभा क्षेत्रों से गुजरती हूं

संवाददाता मोहित चक्रवर्ती

असोथर/फतेहपुर

यूं तो मैं अपने पर इतराती हूं कि दो विधानसभा क्षेत्रों से मेरा नाता है। एक क्षेत्र के विधायक विकास गुप्ता हैं और एक विधायक कृष्णा पासवान है जो जिले की सांसद और मुख्यमंत्री के बहुत नजदीकी मानी जाती हैं और फतेहपुर से कांग्रेस नेता शिवाकांत तिवारी और जिले से सांसद रह चुके विशंभर प्रसाद निषाद विपक्ष में रहकर विभिन्न मुद्दों को जोरशोर से उठाते हैं। ऐसे में मुझे तो यह उम्मीद थी कि मेरे पर कभी आंच भी नहीं आएगी, पर ऐसी आशा तो दूर मेरा तो जीर्णोद्धार का काम भी चींटी की चाल जैसा चल रहा है और मेरे ऊपर से निकलने वाले हजारों वाहन चालक मन ही मन कोसते हुए निकलते हैं और पूछते हैं कि आखिर कब पूरा होगा मेरा निर्माण काम। ऐसे में मेरा वीआइपी होने का भ्रम भी टूटता है, अब तो बस यही दुआ कर रही हूं कि है रहनुमाओ मेरे हाल पर रहम खाओ और सड़क जल्दी बनाओ।
संसदीय क्षेत्र, अयाह शाह और खागा विधानसभा से जुड़ी विजयीपुर से गाजीपुर तक की सड़क अगर बोल सकती तो कुछ उपरोक्त अंदाज में अपनी व्यथा व्यक्त करती। पिछले कई वर्षों से तो यह सड़क जर्जर अवस्था में थी और जब पिछले वर्ष 2017 भाजपा सरकार में इसका काम शुरू हुआ, तो उम्मीद बंधी कि अब जल्द सब ठीक हो जाएगा, पर सात वर्ष बाद भी निर्माण अधूरा है। अति व्यस्त है यह मार्ग अयाह शाह विधानसभा के असोथर और हसवा, विजयीपुर ब्लॉक के लोग इस मार्ग से लोग औद्योगिक क्षेत्र मलवां, कानपुर और चित्रकूट जिले को जाने वाले धाता पुल से राष्ट्रीय राजमार्ग बांदा की ओर भी आवागमन करते हैं। इसी मार्ग से जुड़ी हुई शहर की सबसे बड़ी मलाका सब्जी मंडी है। आगे भारतीय खाद्य निगम का भंडारण गृह है। इसी राजमार्ग से होते हुए वाहन चालक कानपुर, बांदा, चित्रकूट, मध्य प्रदेश, कौशांबी और प्रयागराज जैसे बड़े महानगरों को आवागमन करते हैं। दो साल स्कूल-कालेज बंद रहे, तो ट्रैफिक कुछ कम था पर अब तो शहर के सभी सरकारी, निजी स्कूल-कालेज भी खुल गए हैं और सैकड़ों बसें भी यहां से निकलने लगी हैं। स्कूली बच्चे धूल खाते हुए निकलते हैं, पर जनप्रतिनिधियों व पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को इसकी परवाह क्यों हो, वो तो एयरकंडीशन कारों में निकलते हैं, उन्हें किसी के दुख-दर्द से क्या। गत कई वर्ष पहले सरकी गांव के पास हुआ था जानलेवा बस हादसा, इस जर्जर मार्ग से निकलते समय आए दिन कोई न कोई वाहन फंस जाता है, गिर जाता है। कोई न कोई हादसा होता है। पिछले वर्ष तो एक दोपहिया वाहन चालक युवक सरकी गांव के पास गिरने से जान तक चली गई थी। पिछले वर्ष आक्रोशित क्षेत्रीय ग्रामीणों ने मार्ग पर धान और सत्याग्रह आंदोलन शुरू कर आवाज उठाई, तो जिले की सांसद और अयाह शाह विधायक विकास गुप्ता के अथक प्रयासों के बाद लोकनिर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने सड़क निर्माण के लिए 89 करोड़ का बजट उपलब्ध कराकर 28 फरवरी को सड़क का जिला मुख्यालय के गांधी मैदान से शिलान्यास भी किया गया। हालांकि इस मार्ग के लिए अयाह शाह के विधायक विकास गुप्ता ने भी पहले भी कई बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व लोक निर्माण मंत्री केशव प्रसाद मौर्य को जर्जर सड़क की दशा के बारे में अवगत कराया था और विधानसभा तक में मामला उठा। तब जाकर सड़क का बननी शुरू हुई, पर काम पूरा होने की जगह कागजों में सिमट कर रह गया।

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