लगातार महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा को लेकर गूगल मीट करने वाली पुलिस के हाथ खाली।
रिपोर्ट- प्रेम कुमार साहनी
बांसगांव के बहोरवा कांड में अभी तक पुलिस नाकाम।
न्याय के लिए ढाई साल से अधिक समय से दौड़ रहा पिता।
अभी तक मिला है सिर्फ अधिकारियों से आश्वासन।
कितने ADG, DIG, SSP, SP क्राइम, CO और बांसगांव थानेदार बदल गए लेकिन बेबस पिता को मिला सिर्फ आश्वासन।
शिक्षक पिता अनुरुद्ध अपने इकलौते बेटे की हत्या का मांग रहा न्याय।
2 अप्रैल 22 को उनका इकलौता बेटा 7 साल का गोलू रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गया था।
चार दिन बाद 6 अप्रैल को उसकी लाश घर से 200 मीटर दूरी पर मिली।
उसका दोनो हाथ लाल कपडे से बंधा था।
और मुंह मे कपड़ा ठूंसा हुआ था।
हत्यारे ने बड़ी बेरहमी से बालक की निर्मम हत्या की थी।
तत्कालीन SP मौके पर पहुचे थे कई टीम को खुलासे के लिए लगाया था।
ढाई साल से टीम अभी तक खोज रही है और अधिकारी आश्वासन दे रहे हैं।
घटना नवरात्र के करीब होने एवं लाल कपड़ा हाथ में बंधे होने से तंत्र मंत्र की तरफ ध्यान गया।
पुलिस ने कई तांत्रिको से पूछताछ की लेकिन कोई सफलता नही मिली।
कई लोग शक के दायरे मे आये। पूछताछ हुई लेकिन कोई सफलता नही मिली।
कड़ाई से पूछताछ करने पर कई लाइन हाजिर/निलम्बित हुए।
स्थानीय पुलिस जब हार गई तो क्राइम ब्रांच को मामला ट्रांसफर हो गया।
क्राइम ब्रांच के विवेचना की तेजी से लगभग लोग वाकिफ हैं।
बेबस पिता का कहना कि बड़े- बड़े दावे करनी वाली गोरखपुर पुलिस से न्याय की उम्मीद नहीं दिख रही।
:- मृतक बच्चे के पिता से बातचीत, चौराहों पर चर्चा, मीडिया रिपोर्ट पर आधारित।