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आत्मा योजना के तहत कृषकों का शैक्षणिक भ्रमण सह प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न

आत्मा योजना के तहत कृषकों का शैक्षणिक भ्रमण सह प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न

कांकेर। एक्सटेंशन रिफॉर्म्स “आत्मा” योजनांतर्गत कृषकों के ज्ञानवर्धन एवं आधुनिक कृषि तकनीक की जानकारी हेतु एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण सह कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रथम चरण में चारामा विकासखण्ड के कृषकों को कृषि विज्ञान केन्द्र संभलपुर, धमतरी के लिए रवाना किया गया, जहां बीएफएसी अध्यक्ष नारायण सोनकर ने हरी झंडी दिखाकर दल को रवाना किया।

कृषि विज्ञान केन्द्र धमतरी में विशेषज्ञों द्वारा जैविक खेती के उद्देश्य, जीव अमृत एवं बीज अमृत के निर्माण, प्रयोग, महत्व और उससे होने वाले लाभों की जानकारी विस्तारपूर्वक दी गई। साथ ही प्राकृतिक खेती की प्रक्रिया एवं उसके लाभों पर चर्चा की गई।
डॉ. शक्ति वर्मा (कीट विज्ञान) ने फसलों में लगने वाले कीटों और रोगों की पहचान व नियंत्रण के उपायों पर मार्गदर्शन दिया।
प्रेमलाल साहू (एग्रोनॉमी) एवं आशीष बंजारा (फार्म मैनेजर) ने मखाने की खेती, सुगंधित धान की खेती, आम्रपाली आम की किस्म तथा बाँस प्लांटेशन की तकनीकों पर विस्तृत जानकारी दी।

इस भ्रमण दल में कृषि विकास अधिकारी राजकुमार सिंह, कवल सिंह कश्यप, धनीराम निषाद, असिस्टेंट टेक्नोलॉजी मैनेजर गोपाल कृष्ण, कृषक मित्र जगदीश भास्कर, तुलसी पाल, तुलसी बघेल, दिलेश सहित महिला समूह सदस्य, कृषि सलाहकार समिति सदस्य एवं कृषक गण शामिल रहे।

दूसरे चरण में आत्मा योजना के अंतर्गत कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र बोरगांव, जिला कोण्डागांव में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जनपद पंचायत अध्यक्ष पूर्णिमा ईश्वर कावड़े, कृषि सभापति राजेश्वरी नेताम, पूर्व जनपद अध्यक्ष ईश्वर कावड़े एवं विभागीय अधिकारियों प्रमोद सार्वा (अनुविभागीय अधिकारी), संगीता रॉय (डीपीडी आत्मा प्रोजेक्ट), डॉ. नरेंद्र राणा (पशुपालन विभाग) और नरेंद्र नेताम (रेशमपालन विभाग) द्वारा हरी झंडी दिखाकर किया गया।

कार्यक्रम में वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी मयाराम नेताम ने एक्सटेंशन रिफॉर्म्स “आत्मा” योजना की जानकारी देते हुए कृषकों को कार्यक्रम की रूपरेखा बताई।
कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. सुरेश मरकाम ने धान के साथ दलहन, तिलहन, उद्यानिकी फसलों जैसे गेंदाफूल व गुलाब की खेती, पशुपालन, मुर्गीपालन, बकरी पालन, सुकर पालन, बत्तख पालन, मछली पालन, रेशम पालन, लाख पालन एवं खेत-तालाब के समुचित उपयोग पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
डॉ. भूपेंद्र कुमार ठाकुर (विषय विशेषज्ञ) ने खरीफ व रबी फसलों के रोग एवं कीट पहचान, लक्षण, नियंत्रण तथा जैविक कीटनाशकों जैसे निमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, नाडेप खाद, वर्मी कम्पोस्ट और हरी खाद के उपयोग की विधि समझाई।

प्रशिक्षण के उपरांत कृषकों को शैक्षणिक भ्रमण कराया गया, जिसमें बोरगांव कृषि विज्ञान केन्द्र की गतिविधियों का अवलोकन कराया गया। तत्पश्चात मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म (राजाराम त्रिपाठी, कोण्डागांव) में कालीमिर्च की उन्नत खेती का निरीक्षण तथा नारियल विकास बोर्ड में उन्नत नारियल प्रजातियों की खेती की जानकारी दी गई।

इस अवसर पर उद्यानिकी विभाग से राजेश जगत (उद्यान अधीक्षक, सिंगारभाट), कृषि विभाग से जगबती नेताम (कृषि विस्तार अधिकारी), आत्मा योजना से बलवीर सेन, सलमान (असिस्टेंट टेक्नोलॉजी मैनेजर), महिला एवं पुरुष कृषक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

इस प्रशिक्षण व भ्रमण कार्यक्रम का उद्देश्य कृषकों को उन्नत कृषि तकनीकों, जैविक खेती, कीट एवं रोग प्रबंधन तथा विविध आजीविका आधारित गतिविधियों की व्यावहारिक जानकारी देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।

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