शेयर बाजार अडाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट के बाद बाजार टूटने के साथ ही निवेशकों की संपत्ति बृहस्पतिवार को 5.27 लाख करोड़ रुपए घट गई। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 422.59 अंक गिरकर 77,155.79 अंक पर बंद हुआ। दिन के कारोबार के दौरान यह 775.65 अंक या 0.99 प्रतिशत गिरकर 76,802.73 अंक पर आ गया था।
बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 5,27,767.57 करोड़ रुपए घटकर 4,25,38,908.01 करोड़ रुपए (5.04 लाख करोड़ डॉलर) रह गया। अमेरिकी अभियोजकों ने गौतम अडाणी पर सौर ऊर्जा अनुबंधों के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ डॉलर (लगभग 2,200 करोड़ रुपए) की रिश्वत देने की योजना का हिस्सा होने का आरोप लगाया है।
अडाणी एंटरप्राइजेज, अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस, अडाणी पोर्ट्स और अडाणी ग्रीन एनर्जी समेत अडाणी समूह के अन्य सभी शेयरों में भी भारी गिरावट आई। एनटीपीसी, भारतीय स्टेट बैंक, आईटीसी, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व भी प्रमुख रूप से पिछड़ने वालों में शामिल रहे। वहीं पावर ग्रिड, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और कोटक महिंद्रा बैंक लाभ में रहे।
अमेरिकी अदालत के फैसले के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में आई गिरावट और गहरा सकती है, क्योंकि एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अडानी समूह की 3 यूनिट्स- अडानी पोर्ट्स, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और अडाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड पर अपना आउटलुक घटाकर नेगेटिव कर दिया है. अमेरिका की अदालत में घूस देने के आरोप दायर होने के बाद रेटिंग फर्म ने अडानी समूह के कैश फ्लो, फंडिंग, फंडिंग कॉस्ट और कॉरपोरेट गवर्नेंस के लिए संभावित जोखिमों का हवाला दिया है.
अडानी ग्रुप की 3 कंपनियों में रेटिंग आउटलुक में बदलाव अमेरिकी अभियोजकों द्वारा गौतम अडानीसमेत अन्य लोगों पर भारत में सोलर एनर्जी के कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने के लिए 250 मिलियन डॉलर की घूस देने के मामले में आरोप तय होने जाने के बाद लिया गया है.
अगर आरोप सिद्ध हुए तो..
एसएंडपी ने अडानी इलेक्ट्रिसिटी और अडानी पोर्ट्स पर अपनी ‘BBB-‘ रेटिंग की पुष्टि की, साथ ही AGEL RG2 पर अपनी ‘BB+’ इश्यू रेटिंग की भी पुष्टि की. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर आरोप सिद्ध हो जाते हैं या ग्रुप को लेकर निवेशकों का विश्वास बिगड़ जाता है, तो इससे अडानी समूह के कैश फ्लो, गवर्नेंस इश्यू और फंडिंग को लेकर खतरा पैदा हो सकता है.
बता दें कि 21 नवंबर को अमेरिकी अदालत का फैसला सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली थी. समूह की कंपनी के कुछ शेयर तो 20 फीसदी से ज्यादा टूट गए थे. हालांकि, आज के कारोबारी सत्र में इन शेयरों में हल्की खरीदारी देखने को मिल रही है फिर भी ये शेयर लाल निशान के साथ कारोबार कर रहे हैं.
गौतम अडानी के खिलाफ यूएस में लगे आरोपों के बाद उनकी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है. इसकी वजह से उन स्टॉक्स में पैसा लगाए बैठे निवेशकों की संपत्ति भी इस आग की चपेट में आ गई है. इन्हीं निवेशकों में से एक सरकारी इंश्योरेंस कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (LIC) भी है. एलआईसी का पैसा अडानी की 7 कंपनियों में पैसा लगा है. नतीजतन, एलआईसी को 12000 करोड़ रुपये की चपत लग गई है.
कहां कितनी घटी संपत्ति
एलआईसी को अडानी पोर्ट्स के शेयरों में गिरावट से 5009 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. इसके बाद अडानी एटंरप्राइजेज से 3012 करोड़, अंबुजा सीमेंट्स से 1207 करोड़, अडानी टोटल गैस से 807 करोड़, अडानी एनर्जी सॉल्यूशन से 716 करोड़ और अडानी ग्रीन एनर्जी से 592 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है. इसके अलावा अडानी की ही कंपनी एसीसी से एलआईसी को 381 करोड़ रुपये की चपत लगी है.
अडानी समूह पर लगे रिश्वत के आरोपों के बाद समूह के शेयरों में 20 फीसदी तक की गिरावट देखी गई है. अडानी के स्टॉक्स में गिरावट के बाद एलआईसी को सबसे ज्यादा नुकसान अडानी पोर्ट्स के कारण हुआ है.
अडानी ग्रुप के सभी स्टॉक में भारी गिरावट देखने को मिली थी. वहीं, शुक्रवार को भी बिकवाली का सिलसिल जारी है. कारोबार के अंतिम दिन अडानी स्टॉक में 11 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, जिसमें सबसे अधिक Adani Enterprises के शेयर टूटे हैं, जबकि कई अन्य कंपनियों के शेयरों में भी लोअर सर्किट लगा है.
केन्या ने तोड़ी डील
दरअसल, गुरुवार को अडानी पर धोखाधड़ी और रिश्वतखोरी का मामला सुर्खियों में आने के बाद केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने देश के मुख्य हवाई अड्डे के विस्तार के लिए खरीद प्रक्रिया को रद्द करने का ऐलान किया है, जिसमें अदानी समूह का एक प्रस्ताव शामिल था. इसके अलावा, पावर ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण के लिए अडानी ग्रुप की एक यूनिट से जुड़े 700 मिलियन डॉलर से अधिक की डील को रद्द करने का भी निर्देश दिया.केन्या के राष्ट्रपति ने अडानी समूह के साथ हाल ही में साइन की गई 30 साल की पावर लाइन निर्माण की डील को रद्द करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही देश के मुख्य एयरपोर्ट के संचालन को लेकर अडानी की योजना पर भी रोक लगा दी गई है. केन्या के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें अपने साझेदार देशों से “नए और गंभीर सबूत” मिले हैं, जिसके बाद यह कदम उठाया गया.
डील की अहमियत और रद्द होने का असर
अडानी समूह के लिए यह डील अफ्रीका में अपने पैर पसारने का एक बड़ा मौका थी. 30 साल की इस डील के तहत पावर ट्रांसमिशन लाइनों के निर्माण और देश की बुनियादी ढांचे को विकसित करने का काम होना था. लेकिन अब इस डील के रद्द होने से अडानी समूह की छवि और कारोबारी हितों पर बड़ा असर पड़ सकता है.
ऑलटाइम लो पर पहुंचा Adani Enterprises
जिसके बाद शुक्रवार को भी अडानी ग्रुप के सभी कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की जा रही है. ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी Adani Enterprises के शेयर आज सुबह 7 प्रतिशत गिरकर 2,030 नया ऑलटाइम लो लेवल बनाए हैं, जबकि अडानी पोर्ट में 5.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, जो 1,055.40 के लेवल पर पहुंचकर इंड्राडे लो लेवल बनाया है.वहीं, अडानी पावर, अडानी एनर्जी सॉल्यूशन, अडानी टोटल गैस और अडानी विलमार में 2.6 से 5 प्रतिशत के बीच गिरावट दर्ज की गई है.
2 दिन में 2.69 लाख करोड़ का नुकसान
इसके अलावा, अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर 11 प्रतिशत टूटकर 1,020.85 के लेवल पर अपना इंट्राडे लो लेवल बनाए हैं. हालांकि ACC Ltd और अंबुजा सिमेंट के शेयर फ्लैट लेवल पर कारोबार कर रहे हैं. अडानी ग्रुप की सभी 11 कंपनियों के स्टॉक में गिरावट की वजह से इनका संयुक्त मार्केट कैपिटल 38,000 करोड़ रुपये गिरकर 11.68 लाख करोड़ रुपये हो गया. वहीं, दो कारोबारी दिनों में अडानी को 2.69 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
रिश्वत मामले में गौतम अडानी और उनके सहयोगियों को कोई राहत मिलती हुई दिखाई नहीं दे रही है. गुरुवार को केन्या ने भी एक प्रोजेक्ट से हाथ पीछे खींच लिए हैं. वहीं दूसरी ओर रेटिंग एजेंसीज ने भी अडानी की कंपनियों को नेगेटिव रेटिंग देना शुरू कर कर दिया है. जिसकी वजह से शुक्रवार को भी अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में बाजार खुलते ही गिरावट देखने को मिली. अडानी इंटरप्राइजेज समेत कुछ कंपनियों के शेयर अपने 52 हफ्तों के लोअर लेवल पर पहुंच गए. जिसकी वजह से अडानी ग्रुप के मार्केट कैप को करीब 76 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो गया
वहीं दूसरी ओर शेयर बाजार में तेजी देखने को मिल रही है. सेंसेक्स जहां 600 से ज्यादा की तेजी के साथ कारोबार करता हुआ दिखाई दिया. वहीं दूसरी ओर निफ्टी में 130 से ज्यादा अंकों की तेजी देखने को मिली. शेयर बाजार में बैंकिंग शेयर में तेजी देखने को मिल रही है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर अडानी ग्रुप की कंपनियों के मार्केट कैप को कितना नुकसान हुआ और शेयर बाजार में किस तरह की तेजी देखने को मिल रही है.
अडानी ग्रुप की कंपनियों को कितना नुकसान
अडानी इंटरप्राइजेज के शेयर में गिरावट देखने को मिली और बाजार खुलते ही कंपनी के मार्केट कैप में 14,888.94 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया और कंपनी का मार्केट कैप 2,34,298.68 करोड़ रुपए पर आ गया.
अडानी पोर्ट एंड एसईजेड के शेयरों में गिरावट देखी गई और बाजार खुलते ही कंपनी के मार्केट कैप में 12,799.32 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया और कंपनी का मार्केट कैप 2,27,991.37 करोड़ रुपए पर आ गया.
अडानी पावर के शेयरों में गिरावट देखी गई और बाजार खुलते ही कंपनी के मार्केट कैप में 11,851.68 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया और कंपनी का मार्केट कैप 1,71,796.47 करोड़ रुपए पर आ गया.
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयरों में गिरावट देखी गई और बाजार खुलते ही कंपनी के मार्केट कैप में 7,189.68 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया और कंपनी का मार्केट कैप 76,623.81 करोड़ रुपए पर आ गया.
अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में गिरावट देखी गई और बाजार खुलते ही कंपनी के मार्केट कैप में 20,199.15 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया और कंपनी का मार्केट कैप 1,61,394.33 करोड़ रुपए पर आ गया.
अडानी टोटल गैस के शेयरों में गिरावट देखी गई और बाजार खुलते ही कंपनी के मार्केट कैप में 4,052.8 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया और कंपनी का मार्केट कैप 62,194.26 करोड़ रुपए पर आ गया.
अडानी विल्मर के शेयरों में गिरावट देखी गई और बाजार खुलते ही कंपनी के मार्केट कैप में 2,032.02 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया और कंपनी का मार्केट कैप 36,237.02 करोड़ रुपए पर आ गया.
एसीसी लिमिटेड के शेयरों में गिरावट देखी गई और बाजार खुलते ही कंपनी के मार्केट कैप में 748.33 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया और कंपनी का मार्केट कैप 37,293.61 करोड़ रुपए पर आ गया.
अंबूजा सीमेंट के शेयरों में गिरावट देखी गई और बाजार खुलते ही कंपनी के मार्केट कैप में 2,142.92 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया और कंपनी का मार्केट कैप 1,17,010.68 करोड़ रुपए पर आ गया.
एनडीटीवी के शेयरों में गिरावट देखी गई और बाजार खुलते ही कंपनी के मार्केट कैप में 43.52 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया और कंपनी का मार्केट कैप 1,047.66 करोड़ रुपए पर आ गया.
अडानी ग्रुप के शेयरों में इस गिरावट की वजह से मार्केट कैप को 75,948.36 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया.
क्या है मामला?
रॉयटर्स के अनुसार, गौतम अडानी समेत 8 लोगों पर रिश्वत देने का आरोप लगा है. रिपोर्ट की मानें तो उन्होंने भारतीय अधिकारियों को करीब 25 करोड़ डॉलर (करीब 2029 करोड़ रुपये) की रिश्वत की पेशकश की थी. यह आरोप न्यूयॉर्क में लगाया गया है. आरोप के मुताबिक, ऐसा 2020-24 तक किया गया. इस मामले में अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के अलावा 7 और लोग शामिल हैं.
रिपोर्ट्स के अनुसार, अडानी की एक कंपनी को 8 गीगावॉट रिन्यूएबल एनर्जी भारत सरकार की सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया को सप्लाई करने का कॉन्ट्रेक्ट मिला था. केंद्र सरकार सौर ऊर्जा से बनी इस बिजली को राज्यों को बेचती. हालांकि, केंद्र को इसके लिए खरीदार ही नहीं मिले और यह सौदा आगे नहीं बढ़ सका. इसके बाद अडानी समूह ने अधिकारियों को कथित तौर पर घूस देना शुरू किया ताकि वह कंपनी को एनर्जी सप्लाई के कॉन्ट्रेक्ट दिला सकें. रिपोर्ट के अनुसार, इस सौदे के तहत अडानी समूह को 20 साल में 2 अरब डॉलर का प्रॉफिट होना तय था
अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) का प्रकोप झेलने के बाद भारतीय अरबपति गौतम अडानी (Gauatam Adani) पर एक बार फिर अमेरिकी बम फूटा है. अमेरिकी न्याय विभाग और SEC ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी को एक सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत ऑफर की. इस खबर के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों में जैसे सुनामी आ गई और ये 20 फीसदी तक टूट गए.
US से आई इस खबर से एक नहीं, बल्कि गौतम अडानी को तीन झटके लगे हैं.
क्यों अमेरिका में घिरे गौतम अडानी?
सबसे पहले बात कर लेते हैं अमेरिका में गौतम अडानी किन आरोपों में घिरे हैं. तो बता दें कि अमेरिका में न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में सुनवाई के दौरान गौतम अडानी की कंपनी पर US में निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने और एक सोलर एनर्जी कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को मोटा रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है. आरोप है कि 2020 से 2024 के बीच अडानी ग्रीन और एज्योर पावर ग्लोबल को ये सोलर प्रोजेक्ट दिलाने के लिए गलत रूट से भारतीय अधिकारियों 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) को रिश्वत दी गई.
यही नहीं, कहा जा रहा है कि रिश्वत वाली बात अमेरिकी कंपनी यानी एज्योर पावर ग्लोबल से छुपाई गई. इस कॉन्ट्रेक्ट के जरिए 20 साल में दो अरब डॉलर से ज्यादा मुनाफे का अनुमान लगाया गया था और इसका लाभ लेने के लिए झूठे दावे करते हुए लोन और बॉन्ड्स जुटाए गए.
पहला झटका- शेयरों में सुनामी
अमेरिका में जांच और आरोपों की खबर का पहला असर Adani Group के शेयरों पर दिखाई दिया, जो ठीक वैसा ही था, जैसा कि Hindenburg की रिसर्च रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद बीते साल जनवरी 2023 में दिखा था. अडानी के तमाम शेयर 20 फीसदी तक टूट गए और कई में लोअर सर्किट लगा. बीते कारोबारी दिन गुरुवार को ही कंपनियों के स्टॉक्स बिखरने के चलते उन्हें 2.5 लाख करोड़ रुपये का तगड़ा घाटा हुआ, तो वहीं शुक्रवार को भी कंपनी के कई शेयरों ने गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की. देखा जाए तो इन दो दिनों में अडानी ग्रुप का मार्केट कैप करीब 3 लाख करोड़ रुपये कम हो गया है. इसका असर Gautam Adani Net Worth पर भी दिखा है, ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के मुताबिक, ये कम होकर 85.5 अरब डॉलर रह गई है.
दूसरा झटका- 600 मिलियन जुटाने का प्लान कैंसिल
अब बात करते हैं अमेरिकी जांच की खबर के दूसरे असर की, तो बता दें कि रिश्वतखोरी मामले में न्यूयॉर्क की कोर्ट ने गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी समेत 7 लोगों पर अरबों डॉलर की धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप लगाए हैं. उनपर भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलरकी घूस देने का दावा किया गया है. इसके बाद अडानी ग्रुप ने बॉन्ड के जरिए फंड जुटाने की अपनी योजना को कैंसिल कर दिया. गौरतलब है कि Gautam Adani की कंपनी की बॉन्ड के जरिए 60 करोड़ डॉलर जुटाने की योजना बनाई थी, लेकिन अमेरिका में लगे आरोपों के बाद ग्रुप ने स्टेटमेंट जारी कर इस प्लान को रद्द करने का ऐलान कर दिया. बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद भी Adani Group ने अपने FPO के जरिए 20000 करोड़ रुपये जुटाने के प्लान को कैंसिल किया था.
तीसरा झटका- केन्या के साथ डील रद्द
गौतम अडानी को तीसरा झटका केन्या (Kenya) से लगा है. जिसने अडानी ग्रुप के साथ अपनी दो बड़ी डील कैंसिल कर दी हैं. इनमें पहले रद्द किए गए सौदे की कीमत 700 मिलियन डॉलर थी, जिसमें पावर ट्रांसमिशन लाइनों का निर्माण शामिल था. वहीं दूसरे सौदे की कीमत 1.8 अरब डॉलर थी, जो एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए था. बता दें कि इन कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए कॉम्पटीशन करने वाली एक चीनी कंपनी थी. हालांकि, एनालिस्ट्स का कहना है कि केन्या के द्वारा रद्दीकरण की वजह चीन समर्थित अमेरिकी डीप-स्टेट संस्थाओं द्वारा गढ़े गए भू-राजनीतिक नैरेटिव्स कदम हो सकते हैं
अरेस्ट वॉरेंट जारी
अडानी के खिलाफ यह आरोप जस्टिस डिपार्टमेंट के अंतर्गत के आपराधिक प्रभाग की डिप्टी असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल लिसा एच मिलर ने लगाया है. इस मामले में एक औपचारिक लिखित शिकायत पत्र दाखिल किया गया है. इसके बाद गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ अरेस्ट वॉरेंट जारी किया जा चुका है. हालांकि, अडानी समूह ने केवल इसे निराधार आरोप करार देते हुए कहा है कि इस संबंध में हरसंभव कानूनी विकल्पों की मदद ली जाएगी.
अडानी ग्रुप ने आरोप को बेबुनियाद बताया
गौरतलब है कि हिंडनबर्ग के असर से उबर चुके गौतम अडानी के लिए ये एक बड़ा झटका माना जा रहा है, और फिर ये झटका भी विदेश से लगा है. हालांकि अडानी ग्रुप का सफाई भी चुका है. अडानी समूह ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका के न्याय विभाग और प्रतिभूति बाजार विनियामक द्वारा अडानी ग्रीन कंपनी के निदेशकों के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और इसका खंडन किया जाता है. अडानी समूह ने कहा कि अदालत में लगाए गए आरोप सिर्फ आरोप हैं और प्रतिवादियों को तब तक निर्दोष माना जाता है जब तक की दोष साबित नहीं हो जाते, हम कानून का हर संभव सहारा लेंगे.
उन्होंने कहा कि अडानी समूह अपने ऑपरेशन्स में गवर्नेंस, ट्रांसपेरेंसी और रेगुलेटरी कम्पलायंस के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. हम अपने सभी साझेदारों, कर्मचारियों और हितधारकों को यह पूरा भरोसा दिलाते हैं कि हम कानून का पालन करने वाले समूह है और नियमों का दृढ़ता से पालन करते हैं.
SECI ने कहा- जांच जरूरी नहीं...
वहीं सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने गौतम अडानी मामले में अपनी सफाई पेश की है. उसने इस पूरे मामले को अपने अलग रखा है. उसने कहा कि गौतम अडानी के ग्रुप पर अमेरिकी कोर्ट में लगाए गए आरोपों से जुड़ा उसे कोई दस्तावेज नहीं मिला है. ऐसे में उसे कंपनी के किसी नियम के तोड़े जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
दरअसल, रॉयटर्स ने ये रिपोर्ट SECI के चेयरमैन एंव एमडी आर पी गुप्ता के हवाले से दी है. गुप्ता ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए कंपनी के पास कोई आधार नहीं है. ऐसे में अब आगे क्या होता है, इस पर सबकी नजर होगी. बता दें, सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) एक सरकारी कंपनी है. यह देश में रिन्यूबल एनर्जी की झमता बढ़ाने पर काम करती है.
पहले भी विवादों में रहा अडानी समूह
यह पहली बार नहीं है जब अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगे हैं. इससे पहले भी अडानी पर पर्यावरण नियमों का उल्लंघन, कर चोरी और कारोबारी प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचाने के आरोप लग चुके हैं. लेकिन इस बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठे सवालों ने समूह के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है. अमेरिका में लगाए गए आरोपों और केन्या में डील रद्द होने के बाद, अडानी समूह के अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स पर भी असर पड़ सकता है.
अमेरिका में गौतम अडानी पर धोखाधड़ी के आरोप
भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी पर अमेरिका में निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है. उन पर आरोप है कि उन्होंने भारत में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के अनुबंध और फंडिंग हासिल करने के लिए बड़े पैमाने पर रिश्वत दी और यह जानकारी अमेरिकी निवेशकों से छिपाई. इस मामले में अडानी के भतीजे सागर अडानी, जो अडानी ग्रीन एनर्जी के कार्यकारी निदेशक हैं, और कंपनी के पूर्व सीईओ विनीत जैन पर भी आरोप लगे हैं. विनीत जैन 2020 से 2023 तक कंपनी के सीईओ रहे और अब कंपनी के प्रबंध निदेशक हैं.
ब्रुकलिन की अदालत में दर्ज हुए दो मामले
62 वर्षीय गौतम अडानी पर बुधवार को प्रतिभूति धोखाधड़ी और साजिश रचने के आरोप लगाए गए. यह मामले ब्रुकलिन की संघीय अदालत में दर्ज किए गए हैं. यह मामला भारत सरकार को 12 गीगावाट सौर ऊर्जा बेचने के लिए रिश्वत देने से जुड़ा है. अडानी और उनके सहयोगियों पर आरोप है कि उन्होंने अरबों डॉलर के अनुबंध और वित्त पोषण पाने के लिए करीब 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने या देने की योजना बनाई थी.
निवेशकों को गुमराह करने का आरोप
अडानी पर अमेरिकी निवेशकों को गुमराह करने और वास्तविक स्थिति छिपाने का भी आरोप है. अमेरिकी शेयर बाजार के इन निवेशकों ने पिछले पांच सालों में अडानी की इस परियोजना में अरबों डॉलर का निवेश किया था. उप सहायक अटॉर्नी जनरल लिसा मिलर ने कहा कि अडानी और उनके सहयोगियों ने अमेरिकी निवेशकों को नुकसान पहुंचाकर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के जरिए ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध और फंडिंग हासिल करने की कोशिश की. अमेरिकी अटॉर्नी ब्रियोन पीस ने कहा कि आरोपियों ने एक सुनियोजित साजिश के जरिए वित्तीय बाजारों से फायदा उठाने की कोशिश की.
धोखाधड़ी-रोधी कानूनों का उल्लंघन
अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) ने अडानी और उनके सहयोगियों पर प्रतिभूति कानूनों के धोखाधड़ी-रोधी प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. नियामक ने उन पर जुर्माना लगाने और अन्य प्रतिबंधों की मांग की है.