• कार साइड करने के विवाद में युवक की हत्या भाई–बहनोई घायल।
महराजगंज : भिटौली थाना क्षेत्र के गांव कम्हरिया खुर्द में बृहस्पतिवार की रात अपनी बहन के घर से,दावत खाकर घर लौट रहे बरगदहीं गांव निवासी दो सगे भाईयों पर कार साइड न करने पर दूसरे कार सवार युवकों ने धारदार हथियार से हमला कर दिया।जिससे दोनों भाई घायल हो गए।बीच बचाव करने पहुंचे बहनोई भी घायल हो गए। दोनों भाइयों में से एक की इलाज के दौरान मौत हो गई।जबकि दूसरे भाई व बहनोई का इलाज चल रहा है।पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
शुक्रवार को परिजन व ग्रामीण शव लेकर भिटौली थाने पर पहुंचे।मृतक के भाई अबरार अली ने कम्हरिया खुर्द गांव निवासी कुछ लोगों पर हत्या का आरोप लगाते हुए भिटौली पुलिस को तहरीर दी है।पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।भिटौली क्षेत्र के बरगदहीं निवासी इरफान (40), अपने भाई इस्तखार के साथ बृहस्पतिवार की देर रात कम्हरिया खुर्द निवासी अपनी बहन सुल्ताना खातून के घर दावत खाने गए थे। दावत खाकर कार से दोनों घर लौट रहे थे। कम्हरिया खुर्द गांव के बाहर रास्ते में सामने से एक और कार आ गई। रास्ता पतला होने के कारण दोनों एक-दूसरे को पीछे जाने के लिए कहने लगे।इससे दोनों पक्षों में बहस होने लगी। बहस इतनी बढ़ गई की,देखते ही देखते मारपीट शुरू हो गई। आरोप है कि इसी दौरान कम्हरिया खुर्द गांव के दर्जनों लोगों ने आकर उन्हें घेर लिया और धारदार हथियार से उनके ऊपर जानलेवा हमला कर दिया। जिससे दोनों भाई गंभीर रूप से घायल हो गए।
सूचना पाकर उनके बहनोई खैरूद्दीन भी मौके पर पहुंचे और बीच बचाव की कोशिश करने लगे,लेकिन हमलावरों ने उन पर हमला कर दिया,जिससे वे भी घायल हो गए।घायल बहनोई के साथ दोनों घायल भाइयों को लेकर परिजन गोरखपुर स्थित निजी हास्पिटल के कर गए, जहां डाॅक्टरों ने इरफान को मृत घोषित कर दिया।
वहीं गंभीर रूप से घायल इस्तखार व उसके बहनोई खैरुद्दीन का इलाज चल रहा है। शुक्रवार को परिजन इरफान की शव को लेकर भिटौली थाने पर पहुंचे। इरफान के भाई अबरार ने पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। भिटौली थानाध्यक्ष दुर्गेश कुमार वैश्य ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। तहरीर के आधार पर आरोपियों खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
हत्या के विरोध में भिटौली थाने पर ग्रामीणों का प्रदर्शन।
बरगदही निवासी इरफान की हत्या के बाद,शुक्रवार की सुबह ग्रामीणों ने भिटौली थाने पर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
परिजनों ने कहा कि मामले को दबाया जा रहा है। पुलिस इस मामले में गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर रही है, जबकि हत्या का केस दर्ज होना चाहिए। थानाध्यक्ष दुर्गेश कुमार वैश्य ने जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया। लोगों के हंगामा के बाद कोतवाली प्रभारी मनोज कुमार राय मयफोर्स थाने पर पहुंचे। फारेंसिक टीम ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। घटनास्थल पर एक जोड़ी चप्पल बरामद हुआ। इसके अलावा अन्य साक्ष्य की तलाश की जा रही है। पुलिस ने मामले में नामजद समेत अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
तीन बच्चों के सिर से उठ गया पिता का साया।
इरफान की मौत के बाद उसके तीन नाबालिग बच्चे अनाथ हो गए। उनके सिर से पिता का साया उठ गया है। पत्नी के जीवन में अंधेरा छा गया। परिवार के भरण-पोषण के लिए इरफान विदेश में रहकर काम करता था। दो महीने पहले ही वह छुट्टी लेकर घर आया था। इसी महीने में उसे विदेश जाना भी था। इरफान के दो बेटे वलिद 12, आदम 9 तथा एक बेटी आयत 5 वर्ष की है। पत्नी अख्तरून निशा का रो-रोकर बुरा हाल है।
छह माह पहले ही लिख दी गई थी इरफान की हत्या की कहानी।
भिटौली थानाक्षेत्र के बरगदही निवासी इरफान की हत्या की कहानी छह माह पहले ही लिख दी गई थी। परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार विगत छह माह पहले इरफान इसी तरह एक बार और अपनी बहन के यहां अपने कार से आ रहा था, उस समय भी आरोपियों ने बाइक लेकर इरफान के कार के आगे खड़ा कर दिया था। उस समय भी साइड को लेकर ही तकरार हुई थी। आरोपी सीधे सड़क पर बाइक ले जाने की बात कह रहा था, जबकि इरफान साइड लेकर जाने के लिए कह रहा था। इसी बात को लेकर उस समय भी इन दोनों में कहासुनी हुई थी। कहासुनी के दौरान हाथापाई भी हो गई थी। तब इरफान ने आरोपी के खिलाफ सिसवा मुंशी पुलिस चौकी पर एक प्रार्थना पत्र के माध्यम से घटना से अवगत कराया था। उस समय दोनों लोगों को समझा बुझाकर मामला शांत कराया था। मामले में सुलहनामा भी पुलिस ने लिखवा दिया था।ग्रामीणों के अनुसार यदि आरोपी के खिलाफ उस समय कार्रवाई हुई होती तो शायद इतनी बड़ी घटना नहीं होती।
दो माह पहले ही सऊदी से आया था घर।
इरफान अपने पांच भाइयों में चौथे नंबर का है। वह सऊदी अरब में रहकर अपने घर परिवार के आजीविका चलाने एवं तरक्की में सहयोग करता था। अभी वह दो माह पूर्व ही सऊदी से घर लौटा था।पुनः इसी महीने में 26 तारीख को सऊदी अरब जाने का टिकट भी लिया था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर थी। पत्नी अख्तर निशा का रो-रोकर बुरा हाल है। रह रहकर वह बेहोश हो जा रही है। आस-पड़ोस की महिलाएं समझा-बुझाकर सांत्वना दे रही हैं। इरफान के माता-पिता का आठ वर्ष पहले ही इंतकाल हो गया था।