सत्यार्थ न्यूज़ संवाददाता पुनीत मरकाम कांकेर पर्यटक स्थल खंडी घाट चेमल
हर हर खंडेश्वर महा देव
देवालय खंडीघाट (चेमल ) दुर्गूकोंदल तहसील भानुप्रतापपुर जिला कांकेर
दुर्गूकोंदल मार्ग पर 06 वें कि.मी. दुरी पर स्थित ग्राम गुलाल बोड़ी से पश्चिम दिशा में 03.वे कि,मी की दुरी पर स्थित ग्राम चेमल से पश्चिम दिशा पर खण्डी घाट स्थित है। जो कि वन परिक्षेत्र दुर्गूकोंदल के उप
परिक्षेत्र दूर्गूकोंदल परिसर चेमल कप्रस्तावित क्षेत्र में पहुंचने के 01 कि,मी पहले खण्डी नदी को पार करके जाना पड़ता हैं स्थल के प्राकृतिक सौंदर्य को निहारने आने वाले पर्यटन धार्मिक आस्था से जुड़े लोगों का आना जाना निर्बाध रूप बना रहेगा । स्थल का पौराणिक पुरातात्विक ऐतिहासिक सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक महत्व
भानुप्रतापपुर से 25 वे कि. मी. पर स्थित एक दर्शनीय स्थल हैं । खण्डी घाट विशाल वृक्ष व झाड़ियों से भरी इस पहाड़ी जगह में अनेक प्रकार के दुर्लभ जड़ी बूटी व वनस्पति मिलती है।
प्राचीन काल से खण्डी घाट का ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व रहा है। मान्यता है यहां द्वापर युग में शांतेश्वर नामक राजा राज्य करता था । उस युग में इस जगह की प्रसिद्ध खण्डव वन के रूप में थी। यहां बिखरे पड़े कई पुरावशेष को महाभारत कालीन घटनाओं से जुड़कर देखा जाता है । खंडी घाट में तीन पत्थर के बारे में जन मान्यता है । कि इस पर भीम सेन ने प्रहार किया था। तब से खंडी घाट दो भागों में बंट गया । इसके एक सिद्धेश्वर महादेव माया मोहिनी योगी गुफा बारह ज्योतिष लिंग शिवालय स्थित है।
जबकि दूसरे भाग में भागवन शिव मां दुर्गा माता पार्वती गणेश जी और हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित है। यही कहीं भेजरगढ भी हुआ करता था यहां हर हर खंडेश्वर महादेव विराजमान है।
बाबाजी दसरू राठौर , शोभित पटेल