रक्षाबंधन का त्यौहार हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। पुरातन काल से ही राखी का त्यौहार भारत में मनाया जाता रहा है।
कहा जाता है कि अभिमन्यु युद्ध में विजयी हों, इसके लिए उनकी दादी माता कुंती ने भी उनके हाथ पर रक्षा सूत्र बांधकर भेजा था। एक बार कृष्ण की उंगली में चोट लगने से खून निकलने लग गया था। तब द्रौपदी ने अपने ओढ़नी के टुकड़े को फाड़कर उनकी उंगली के पट्टी बांधी थी। तब कृष्ण ने द्रौपदी को सुरक्षा का वादा किया था। इस दिन सावन के महीने की पूर्णिमा तिथि थी।
रानी कर्णावती ने बादशाह हुमायूं को राखी भेज कर सुरक्षा की मांग की थी।
इसी प्रकार बंगाल विभाजन के समय रविंद्र नाथ टैगोर ने राखी का त्यौहार हिंदू मुस्लिम भाईचारे के रूप में मनाया।
आज राखी के पर्व पर बहनों ने राखी की दुकानों पर अपनी मनपसंद की राखियां खरीदी। वही मिठाई और नारियल की दुकानों पर भी खरीददारों की भीड़ दिखाई दी। बाजार राखियो, मिठाइयों से सजे हुए थे। आज सोमवार को राखी के पर्व पर सुबह से ही भद्रा नक्षत्र होने की वजह से दोपहर 1:30 बजे बाद रक्षाबंधन का मुहूर्त शुरू हुआ। शुभ मुहूर्त में बहनों ने भाई की कलाइयों पर राखियां बांधी। भाई के माथे पर तिलक करके मुंह मीठा कराया। और आरती उतारकर भाई की लंबी उम्र की कामना की। भाई ने भी बहन की सुरक्षा का संकल्प लिया।
राजस्थान सरकार द्वारा हर वर्ष राखी से के पर्व पर रोडवेज बसों में महिलाओं के लिए यात्रा निशुल्क रखी गई, जिसमें बसों में काफी भीड़ नजर आई। राखी का पर्व सभी समाज द्वारा एक दूसरे को बधाई और शुभकामनाएं देकर मनाया जा रहा है।