• हड़ताल बनी मुसीबत, 450 मरीजों के नहीं हो सके ऑपरेशन; ओपीडी भी बंद।
कोलकाता में डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की वारदात को लेकर आगरा में हड़ताल जारी है। एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी बंद है। वहीं सामान्य ऑपरेशन भी नहीं होने से मरीज भटक रहे हैं।
आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से 7 दिन में करीब 450 मरीजों के सामान्य ऑपरेशन नहीं हो पाए हैं। इसमें हड्डी, नेत्र और सर्जरी विभाग के मरीज हैं। पहले ऑपरेशन के लिए 10-15 दिन की तारीखें मिल रही थीं। हड़ताल से मरीजों की परेशानी और बढ़ गई है
कोलकाता में प्रशिक्षु डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के विरोध में एसएन के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। ओपीडी में औसतन 2500 मरीज आते हैं। इनमें 60-65 मरीज ऑपरेशन वाले होते हैं। इन मरीजों की सर्जरी नहीं हो पा रही है। इमरजेंसी प्रभारी डॉ. मनीष बंसल ने बताया कि इमरजेंसी-आईसीयू में चिकित्सकीय सेवाएं चल रही हैं। ओपीडी की हड़ताल के चलते इमरजेंसी में 5-10 फीसदी मरीज बढ़ गए हैं।
ट्रॉमा और इमरजेंसी में हो रहे ऑपरेशन
प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता का कहना है कि ट्रामा और इमरजेंसी में ऑपरेशन हो रहे हैं। इसमें गंभीर हाल के सभी तरह के ऑपरेशन के लिए अतिरिक्त टीम भी लगाई गई है। आईसीयू में भी मरीजों को पूर्ण इलाज मिल रहा है। ओपीडी से औसतन रोजाना 60-65 मरीज ऑपरेशन वाले रहते हैं। हड़ताल से इनको लाभ नहीं मिल पा रहा है।कोलकाता में डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की वारदात को लेकर आगरा में हड़ताल जारी है। एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी बंद है। वहीं सामान्य ऑपरेशन भी नहीं होने से मरीज भटक रहे हैं।
आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से 7 दिन में करीब 450 मरीजों के सामान्य ऑपरेशन नहीं हो पाए हैं। इसमें हड्डी, नेत्र और सर्जरी विभाग के मरीज हैं। पहले ऑपरेशन के लिए 10-15 दिन की तारीखें मिल रही थीं। हड़ताल से मरीजों की परेशानी और बढ़ गई है।
कोलकाता में प्रशिक्षु डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के विरोध में एसएन के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। ओपीडी में औसतन 2500 मरीज आते हैं। इनमें 60-65 मरीज ऑपरेशन वाले होते हैं। इन मरीजों की सर्जरी नहीं हो पा रही है। इमरजेंसी प्रभारी डॉ. मनीष बंसल ने बताया कि इमरजेंसी-आईसीयू में चिकित्सकीय सेवाएं चल रही हैं। ओपीडी की हड़ताल के चलते इमरजेंसी में 5-10 फीसदी मरीज बढ़ गए हैं।
ट्रॉमा और इमरजेंसी में हो रहे ऑपरेशन
प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता का कहना है कि ट्रामा और इमरजेंसी में ऑपरेशन हो रहे हैं। इसमें गंभीर हाल के सभी तरह के ऑपरेशन के लिए अतिरिक्त टीम भी लगाई गई है। आईसीयू में भी मरीजों को पूर्ण इलाज मिल रहा है। ओपीडी से औसतन रोजाना 60-65 मरीज ऑपरेशन वाले रहते हैं। हड़ताल से इनको लाभ नहीं मिल पा रहा है।
एक दिन में ऑपरेशन की ये है स्थिति :
– सर्जरी विभाग: हर्निया, पथरी, एपेंडिक्स समेत 15 ऑपरेशन।
– हड्डी रोग: हड्डी टूटने, कूल्हे-घुटने बदलने समेत 15 ऑपरेशन।
– नेत्र रोग: मोतियाबिंद, नासूर, कालापानी समेत 15 ऑपरेशन।
– स्त्री रोग: रसौली समेत 5 ऑपरेशन।
– ईएनटी: कान, नाक और गले के 5 ऑपरेशन।
– सुपर स्पेशियलिटी सेंटर: पेट, आंत समेत 5-8 ऑपरेशन।
– ऑपरेशन के लिए मिली थी तारीख
कालिंदी विहार निवासी राकेश कर्दम ने बताया कि उनके भाई के पथरी का ऑपरेशन होना है। हड़ताल से पहले ओपीडी में भी दिखाया था। 17 अगस्त को बुलाया था, लेकिन हड़ताल से नहीं हो सका।
हड़ताल खत्म होने का इंतजार
आवास विकास कॉलोनी निवासी राजीव कुमार ने बताया कि कान में परेशानी होने पर 10 दिन पहले एसएन में दिखाया था। यहां डॉक्टरों ने छोटा ऑपरेशन की बात कही थी लेकिन हड़ताल हो गई। हड़ताल खत्म होने का इंतजार है।
छात्रों से मिले जनप्रतिनिधि
डॉक्टरों की हड़ताल पर कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्य, मेयर हेमलता दिवाकर, विधायक पक्षालिका सिंह ने मुलाकात की। जनप्रतिनिधियों ने उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का भरोसा दिया। एसएन के जूनियर रेजिडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. साहिल का कहना है कि सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने और कोलकाता में डॉक्टर से बलात्कार और हत्या के दोषियों को फांसी और एसएन में सुरक्षा के लिए इंतजाम कराने की मांग के लिए ज्ञापन दिया है।