• पुरानी उज्जैन-आगर रेल लाइन पर बस गए हजारों लोग, पेट्रोल पंप भी।
उज्जैन 9 घंटे पहले
अब नया सर्वे होगा, फाइनल लोकेशन के लिए हैदराबाद की फर्म को वर्क ऑर्डर जारी
दिनांक : 14.8.2024
दिन : बुधवार
ब्यूरो चीफ “मनोज कुमार माली” सुसनेर
उज्जैन-आगर-झालावाड़ तक नई रेलवे लाइन के लिए कवायद शुरू हो गई हैं। इस रेलवे लाइन के लिए पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल ने फाइनल लोकेशन सर्वे (एफएलएस) का वर्क ऑर्डर हैदराबाद की फर्म को जारी कर दिया है। इस सर्वे के आधार पर ही फाइनल डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार होगी। इससे मुख्य रूप से पटरी बिछाने, पुल-पुलिया-अंडर पास व स्टेशनों के निर्माण आदि के लिए जरूरी व उपयुक्त जमीन का पता चलेगा।
फाइनल डीपीआर से ये भी स्पष्ट हो पाएगा कि वास्तव में यह रेल लाइन कहां से होकर गुजरेगी
इसकी लंबाई कितनी रहेगी? स्टेशन-पुल-पुलियाओं की स्थिति आदि क्या रहेगी? उम्मीद हैं कि सर्वे 4 से 5 महीने में पूरा हो जाएगा। इसके बाद बाद चिह्नित जमीन के अधिग्रहण आदि की प्रक्रिया के लिए काम होने लगेगा।
गौरतलब है कि इससे पहले 1930 से 40 के दशक के बीच उज्जैन से आगर तक रेलवे लाइन डाली गई थी।
इस पर चलने वाली नेरो गेज ट्रेन प्रमुख रूप से गांव वालों के लिए आवागमन का प्रमुख साधन थी, क्योंकि तब बस भी कम चलती थी और सड़कें भी अभी की तरह डेवलप नहीं थी। बाद में ये रेल लाइन 1975 से 1977 के आसपास बंद कर दी गई। समय बीतने के साथ इस लाइन को पुन: शुरू करने की जरूरत महसूस होती रही थी। रेलवे लाइन के स्थान पर वर्तमान में कई जगह बसाहट हो गई हैं, बाजार व पेट्रोल पंप बन गए हैं।
उज्जैन से दिल्ली पहुंचने की दूरी कम होगी।
उज्जैन से दिल्ली पहुंचने के लिए दूरी कम होगी। अभी उज्जैन से नागदा व यहां से झालावाड़ होते हुए दिल्ली पहुंचा जाता है। इस नई लाइन से सीधे दिल्ली पहुंच सकेंगे तो 60 से 80 किमी सफर कम होगा। ये लाइन दिल्ली-मुंबई ट्रैक से जुड़ेगी।
इस लाइन से सीधे तौर पर मप्र व राजस्थान जुड़ जाएंगे श्रद्धालुओं व पर्यटकों को भी मदद मिलेगी।
उज्जैन व आगर जिले का व्यापारिक विस्तार होगा, अंचलों में भी डेवलमेंट बढ़ेगा। औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।