• आवारा पशुओं का आतंक जारी किसानों की फसले हुई नष्ट।
• ब्लाक सिंधौली के ग्राम पंचायत महाऊ महेश के गुस्साए किसानों ने बताया सच गौशालाओं के नाम पर हो रही जमकर धन उगाई ।
शाहजहांपुर । यूपी के शाहजहांपुर में आवारा पशुओं का आतंक जारी शहर से लगाकर गांव तक आवारा पशुओं की भरमार लोगों के लिए परेशानी का सबव बनती जा रही है गुस्सा है किस ने आवारा पशुओं को ब्लाक सिंधौली के महाऊ महेश के पंचायत घर में किया बंद कौन है जिम्मेदार वहीं किसानों ने कहा कि कई बार शिकायत करने पर भी यह समस्या का समाधान नहीं हुआ है हमारे ग्राम पंचायत में लगभग 100 आवारा पशु घूम रहे हैं जिससे हमारी फसलों में घुसकर हमारे फैसले नष्ट कर देते हैं जिससे हम लोगों को भारी कठिनाइयों और मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है इसमें किसानों ने कहा कि गौशालाओं के नाम पर संबंधित अधिकारी मोटी रकम ऐड कर खाना पूर्ति कर रहे हैं और यह योगी सरकार की लाभान्वित योजना पूरी तरह फेल होते साफ नजर आ रही है योगी सरकार के बड़े-बड़े बांदो पर संबंधित अधिकारी पानी फेर रहे है आवारा पशुओं द्वारा फसलों को नष्ट करना किसानों के लिए एक असहनीय दुःस्वप्न बनता जा रहा है, आवारा पशुओं से लगातार बच्चे व बूढ़े चपेट में आने से कई लोग जान गवा चुके हैं इसके बाद भी प्रशासन नहीं चेता । वही किसानों का कहना है कि भीषण गर्मी व मच्छरों के कहर में हम लोग रात भर अपनी फसल की रखवाली करते हैं । यह बहुत ही तकलीफ देह है स्थानीय किसानों का कहना है कि अधिकारी उनकी शिकायतों को सुनने के लिए तैयार नहीं है ऐसे में मजबूर होकर गांव के कुछ आवारा पशुओं को पंचायत घर मे बंद कर दिया फिर भी आवारा पशुओं को कोई भी अधिकारी मौके पर देखने नहीं पहुंचा है । वही गुस्साए किसानो का कहना है की जब तक आवारा पशुओं का शासन पशुओं का प्रबंध नहीं कर लेता जब तक पंचायत घर में बंद रहेंगे इनके जिम्मेदार स्थानीय अधिकारी हैं जिनको कई सालों से लिखित व ऑनलाइन शिकायत करने के बावजूद भी अनदेखा कर रहे हैं योगी योगी सरकार के कड़े निर्देशों के बाद भी गौशालयों के नाम पर केवल धन उगाई हो रही है इसके अलावा कोई भी गौशाला में नियमित पशु नहीं मिलेंगे स्थानीय अधिकारी जेम गर्म करके निकल जाते है कुछ ग्राम पंचायतों में हजारों की संख्याओं में मिनी सरकारी गौशालाएं खुले हैं पर एक भी गाय गौशाला पर पर नहीं हैं इसके जिम्मेदार कौन है । सरकार द्वारा खाली टीम सेट जलाकर गायों को छोड़ देंते है और तीन सेट अपने घरेलू कर में उसे करते हैं और सरकारी पैसा को गवर्न करते हैं इसके जिम्मेदार कर क्षेत्रीय अधिकारी हैं परंतु कोई भी किसानों की सुनवाई नहीं होती है ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान सतेन्द्र कुमार सहित कई किसान आवारा पशुओं का विरोध करते हुए क्या कहते हैं आओ सुनते हैं ।