हत्या के दो दोषियों को उम्रकैद
* 25-25 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर 4-4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
* जेल में बितायी अवधि सजा में होगी समाहित
* करीब साढ़े 10 वर्ष पूर्व हुए राजू हत्याकांड का मामला
सोनभद्र /संतेश्वर सिंह
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सोनभद्र। करीब साढ़े 10 वर्ष पूर्व हुए राजू हत्याकांड के मामले में वृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जीतेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषियों संजय कुमार धोबी व मनीष कुमार को उम्रकैद व 25-25 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 4-4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक राजेश उर्फ बल्ला पुत्र स्वर्गीय बद्री प्रसाद गुप्ता निवासी न्यू मार्केट रॉबर्ट्सगंज, थाना रॉबर्ट्सगंज, जिला सोनभद्र ने 4 नवम्बर 2013 को रॉबर्ट्सगंज थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 3/4 नवंबर 2013 को रात्रि करीब 12 बजे उसके छोटे भाई राजू उर्फ ननकू से संजय कुमार धोबी पुत्र मुन्नालाल उर्फ खेदू निवासी अशोक नगर , रॉबर्ट्सगंज तथा मनीष कुमार पुत्र लालधारी निवासी आर्यनगर, रॉबर्ट्सगंज के बीच गाली गलौज हो गया,था, क्योंकि संजय और मनीष दारू पीकर दरवाजे पर गाली दे रहे थे। जिसपर उसके भाई ने दो चार थप्पड़ मारकर दोनों को भगाने की कोशिश किया। इसपर संजय और मनीष ने यह धमकी दिया कि 24 घण्टे के भीतर हमलोग तुम्हें सबक सिखा देंगे।इसके बाद करीब 2:30 बजे भोर में संजय और मनीष फिर उसके घर पर आए और माफी मांगने लगे और कहा कि अब हमलोग कुछ नहीं करेंगे। इसके बाद कहा कि दिवाली की हमलोगों को त्यौहारी दीजिए और हमलोग राजू के साथ जाकर कुछ खा पी लेंगे। उसके बाद संजय और मनीष राजू को लेकर नईबस्ती शराब की दुकान पर ले गए और धोखे से राजू के ऊपर ईट और पत्थर से प्रहार कर सर और चेहरे पर गंभीर चोटें पहुंचा कर हत्या कर दिया। लाश मौके पर पड़ी है। आवश्यक कार्रवाई की जाए। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया। मामले की विवेचना करते हुए विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर कोर्ट ने दोषसिद्ध पाकर दोषियों संजय कुमार धोबी व मनीष कुमार को उम्रकैद व 25-25 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 4-4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील विनोद कुमार पाठक ने बहस की।