मथुरा : आगरा-अलीगढ़ मंडल में सबसे खतरनाक मथुरा की सड़कें, 30 दिन में 50 लोगों की जान गईपरिवहन विभाग ने जून माह के हादसों की रिपोर्ट तैयार करते हुए जो सूची जारी की है, उसके अनुसार आगरा-अलीगढ़ मंडल में सबसे खतरनाक मथुरा की सड़कें हैं। यहां 30 दिन में 50 लोगों ने सड़क हादसों में जान गवांई है। सड़क हादसों को कम करने के लिए शासन ने इनमें 10 प्रतिशत तक गिरावट लाने का अभियान छेड़ रखा है। बावजूद इसके मथुरा में हो रहे हादसों में कमी नहीं आ पा रही है। माह के में हुई दुर्घटनाओं की रिपोर्ट जारी हुई है। इसमें खुलासा हुआ कि आगरा और अलीगढ़ मंडल के आठ जिलों में सबसे अधिक 50 मौत 30 दिन के भीतर मथुरा में हुईं। इसके बाद दूसरा स्थान आगरा (46 मौत) और तीसरा स्थान अलीगढ़ (38 मौत) का है।डीएम और एसएसपी ने हादसों की समीक्षा व उनके रोकने के इंतजाम करने के अधीनस्थों को आदेश दिए हैं। एआरटीओ प्रवर्तन मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि शासन से आई रिपोर्ट के बाद हादसों को रोकने की समीक्षा के क्रम में किस मार्ग पर कितने हादसे हुए, कितनों की जान गई, कौन सा प्वाइंट सबसे अधिक खतरनाक है इसको लेकर ग्राफ/मैप तैयार कराया जा रहा है। आईरेड एप भी हादसों की जानकारी भरी जा रही है। आईरेड एप में पुलिस व स्वास्थ्य, एनएचएआई, परिवहन, पुलिस, पीडब्ल्यूडी की ओर से फीडिंग करना अनिवार्य किया गया है। इसमें सभी विभागों को अपने-अपने कामकाज के हिसाब से जांच-समीक्षा करते हुए हादसे का कारण भरना होता है।दावे तमाम, ब्लैक स्पॉट खात्मे के नहीं स्थाई इंतजाम
2021 में जिले में 12 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए थे। पिछले तीन साल से इनमें एक भी कम नहीं हो पाया है। यातायात, परिवहन विभाग, पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई को मिलकर अपने-अपने हिस्से का काम यहां करना होता है। कागजी दावों में इन कामों को दर्शाया जाता है, मगर धरातल पर स्थिति शून्य रहती है। हादसों के आंकड़ों के अनुसार आगरा-दिल्ली हाईवे सबसे खतरनाक है।