राजस्थान बारां
राज सुमन
एमपी बॉर्डर होते हुए आ रहे अवैध बजरी के ओवरलोड ट्रॉले, बजरी माफिया हो रहे मालामाल
केलवाड़ा:- राजस्थान प्रदेश में सत्ता बदली, सत्ता बदलने के साथ-साथ यहां का रिवाज ही बदल गया प्रदेश की हर विधानसभा में बदलाव देखने को मिला. केलवाड़ा क्षेत्र में भी सत्ता बदली, नहीं बदला तो यहां का रिवाज पूर्व सरकार से कई गुना अवैध कार्यों की गतिविधि देखने को मिल रही है. सरकारी जमीनों पर कब्जे से लेकर अन्य अवैध गतिविधियां जमकर पर फल फूल रही है बात करें हम बजरी माफिया की तो ओवरलोड़ अवैध बजरी से भरे ट्रॉले आए दिन एमपी बॉर्डर होते हुए केलवाड़ा मे खाली हो रहे हैं, धार्मिक नगरी सीताबाड़ी होते हुए यह ट्रॉले केलवाड़ा नगर में प्रवेश करते हैं तब इनकी गति बहुत तेज होती है इनका आने का समय और स्कूल के वाहनों का आने-जाने का समय लगभग एक ही है.तेज गति होने के कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है इसको लेकर राहगीर भी चिंतित है। शुक्रवार को अवैध बजरी के चार ट्रॉले आए. खंडेला रोड पर दो बाइक सवारों ने अपनी बाइक को सड़क से उतारा नहीं होता तो अपनी जान से हाथ धो सकते थे। एक बाइक सवार के साथ तो अपना संपूर्ण परिवार था अगर कोई राहगीर इनकी शिकायत करें तो कैसे करें इन ट्रॉलों पर नंबर भी नहीं होते है.
पूर्व सरकार की अपेक्षा दो हजार तक महंगी हुई बजरी
पूर्व कांग्रेस सरकार में 100 फीट बजरी 5500 से लेकर 6000 तक मिल रही थी सत्ता बदलते ही बजरी माफिया सक्रिय हो गए अवैध तरीके से खंडार से बजरी आना शुरू हो गई.सत्ता का संरक्षण होने के कारण बजरी माफिया और भी मजबूत हो गए. बिना किसी की रोक-टोक के खुलेआम बजरी का कालाबाजारी करना शुरू कर दी। केंद्र सरकार की सहरिया परिवारों के उत्थान के लिए चलाई जा रही जनमन योजना बजरी माफियाओं के उत्थान की योजना बन कर रह गई। बजरी के दाम बढ़ाकर 8 हजार से 9 हजार तक 100 फ़ीट की ट्रोली मिलना शुरू हो गई. इसका प्रभाव सीधा मेहनत मजदूरी कर घर बना रहे मजदूर वर्ग के लोगों पर पड़ रहा है.
वर्जन
केलवाड़ा में अवैध बजरी के ओवरलोड ट्रॉलों की सूचना मिली है इस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी
अंशुमान मीणा ,खनिज विभाग बारां