NEET में गड़बड़ी से जुड़ी 38 याचिकाओं पर CJI की बेंच के सामने आज तीसरी सुनवाई होनी है। CJI चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की डिवीजन बेंच मामले की सुनवाई कर रही है।
बेंच ने मामले पर पहली सुनवाई 8 जुलाई को की थी। इसके बाद कोर्ट ने NEET से जुड़े चारों स्टेकहोल्डर्स – NTA, केंद्र सरकार, CBI और रीएग्जाम की मांग कर रहे याचिकाकर्ताओं को हलफनामा दायर करने के लिए 10 जुलाई तक का समय दिया था।
NEET पर दूसरी सुनवाई 11 जुलाई को हुई थी। इसके बाद कोर्ट ने मामले को 18 जुलाई तक के लिए टाल दिया था। CJI की बेंच ने कहा था कि NTA और केंद्र सरकार के हलफनामे सभी लोगों तक नहीं पहुंचे हैं। इस वजह से सुनवाई की डेट बढ़ा दी गई। 8 जुलाई को हुई मामले की पहली सुनवाई में बेंच ने कहा था कि ये स्पष्ट है कि पेपर लीक हुआ है। ये कितना व्यापक है, ये जानने के बाद ही रीएग्जाम पर फैसला लिया जा सकेगा।
NEET मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एग्जाम से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स से 10 जुलाई शाम 5 बजे तक रिपोर्ट मांगी थी। CBI ने 11 जुलाई को कोर्ट में हलफनामा जमा किया था। रजिस्ट्री ने कहा था कि तय समय से देरी के बाद हलफनामा जमा करने को लेकर कोर्ट से चर्चा करें। हालांकि, बेंच के जस्टिस जे बी पारदीवाला ने कहा कि उन्होंने CBI की रिपोर्ट जमा किए जाने की जानकारी है।
सुप्रीम कोर्ट में NEET-UG में गड़बड़ी को लेकर 38 याचिकाओं लगाई गई हैं। इनमें से 34 याचिकाएं स्टूडेंट्स, टीचर्स और कोचिंग इंस्टीट्यूट्स ने, जबकि 4 याचिकाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने लगाई हैं। NEET कैंडिडेट शिवांगी मिश्रा ने 13 मई को सुप्रीम कोर्ट में पेपर लीक की जांच करने को लेकर याचिका दायर की। इसके बाद NTA ने तय डेट से 10 दिन पहले 4 जून को ही एग्जाम का रिजल्ट अनाउंस कर दिया।
देशभर में 4 जून के बाद से NTA के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन जारी हैं। केंद्र सरकार ने 22 जून को NEET केस की जांच CBI को सौंप दी। अब तक पेपर लीक केस की जांच 6 राज्यों तक पहुंच चुकी है। 7 राज्यों से अब तक 42 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। CBI ने अब तक कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया है।