• निगम की लापरवाही से बदहाल पिंक टॉयलेट न पानी की सुविधा, दरवाजे भी टूटे पड़े।
मथुरा। लाखों की लागत से महिलाओं के लिए शहर में बनाए गए 11 पिंक शौचालय आज बदहाल स्थिति में हैं। इन शौचालय की न सफाई हो रही है और न ही पानी की सुविधा है। ऐसे में इनका क्या औचित्य है। यहां तक की इनके दरवाजे तक खराब हैं।
नगर निगम द्वारा महिलाओं के लिए लाखों की लागत से मथुरा में विभिन्न स्थानों पर 11 पिंक शौचालय बनाए गए हैं। इनमें से 10 पिंक शौचालयों के संचालन का जिम्मा जागृति स्वयं सहायता समूह को दिया गया, जबकि एक वृंदावन में सौ शैय्या अस्पताल के समीप पिंक शौचालय के संचालन की जिम्मेदारी सुलभ संस्था को दी गई। मथुरा के बल्देवपुरी एक्सटेंशन वाले पार्क में बने पिंक शौचालय में देखरेख के अभाव में न ही पानी हैं और न ही हाथ धोने के लिए वाशबेसिन है। इतना ही नहीं शौचालय में गंदगी भरी है। दरवाजे भी टूटे हैं। पिंक शौचालय में महिलाओं के शौचालय की सुविधा तो दूर उनके अंदर प्रवेश भी मुश्किल है।
मथुरा। लाखों की लागत से महिलाओं के लिए शहर में बनाए गए 11 पिंक शौचालय आज बदहाल स्थिति में देखने को मिल रहे हैं। इन शौचालय की न सफाई हो रही है और न ही पानी की सुविधा है। ऐसे में इनका बनाने का क्या औचित्य है। यहां तक की इनके दरवाजे तक खराब हैं।
नगर निगम द्वारा महिलाओं के लिए लाखों की लागत से मथुरा में विभिन्न स्थानों पर 11 पिंक शौचालय बनाए गए हैं। इनमें से 10 पिंक शौचालयों के संचालन का जिम्मा जागृति स्वयं सहायता समूह को दिया गया, जबकि एक वृंदावन में सौ शैय्या अस्पताल के समीप पिंक शौचालय के संचालन की जिम्मेदारी सुलभ संस्था को दी गई। मथुरा के बल्देवपुरी एक्सटेंशन वाले पार्क में बने पिंक शौचालय में देखरेख के अभाव में न ही पानी हैं और न ही हाथ धोने के लिए वाशबेसिन है। इतना ही नहीं शौचालय में गंदगी भरी है। दरवाजे भी टूटे हैं। पिंक शौचालय में महिलाओं के शौचालय की सुविधा तो दूर उनके अंदर प्रवेश भी मुश्किल है।
पिंक शौचालय के पास ही रहने वाले निवासी ने बताया कि पिंक शौचालय में देखरेख के लिए नगर निगम ने सफाई निरीक्षक तैनात किए हैं, लेकिन यहां कोई देखरेख नहीं करता। यहीं कारण है कि पिछले कई माह से शौचालय बदहाल है। लोग टोंटी और वाशबेसिन उखाड़ लेकर ले गए। वहीं आनंदपुरम कॉलोनी के पार्क में बना पिक शौचालय में पानी और सफाई व्यवस्था जिम्मेदार संस्था द्वारा नहीं कर पा रही है। यही कारण है कि इस शौचालय के आसपास गंदगी और कचरा पड़ा है। शौचालय पिछले छह माह से अधिक समय से बंद है।शौचालय की देखरेख के लिए लगाए गए सफाई निरीक्षक सौरभ अग्रवाल ने बताया कि जिस संस्था को यह शौचालय संचालन के लिए दिया गया है। वह देखरेख नहीं कर पा रही है। इस बारे में वह उच्चाधिकारियों को बता चुके हैं। आनंद पुरम कॉलोनी के पार्क में बने शौचालय में सफाई व्यवस्था के कारण तेज दुर्गंध से आसपास के लोग परेशान हैं। राधिका विहार बड़ा वाला पार्क एवं गौतम बुद्ध पार्क में स्थित पिंक शौचालय में सफाई व्यवस्था समुचित नहीं है।पुराने बस स्टेशन के पास बगलामुखी देवी मंदिर के सामने सार्वजनिक शौचालय की टोंटी खराब है। महिला शौचालय का गेट खराब होने के कारण वह पिछले छह माह से अधिक समय से बंद पड़ा है।
मथुरा के सभी पिंक शौचालयों का संचालन किया जा रहा है। इन शौचालयों के संचालन का जिम्मा सुलभ और जागृति स्वयं सहायता समूह को दिया गया है। इनकी मॉनीटरिंग के लिए नगर निगम द्वारा सफाई निरीक्षक लगाए हैं। इस पर भी यदि शौचालय में सफाई और पानी की परेशानी है तो उसे दुरुस्त किया जाएगा।