न्यूज रिपोर्टर मनोज मूंधड़ा बीकानेर श्रीडूंगरगढ़
सभी रोगों में लाभकारी अनुलोम विलोम प्राणायाम जानिए योग एक्सपर्ट ओम कालवा के साथ।
श्रीडूंगरगढ़। कस्बे की ओम योग सेवा संस्था के डायरेक्टर योगाचार्य ओम प्रकाश कालवा ने जानकारी देते हुए बताया कि छोटे से लेकर असाध्य रोगों में लाभकारी सिद्ध हुआ है अनुलोम विलोम प्राणायाम इसका अभ्यास जितना हो सके उतना धीमी गति और दीर्घ श्वास के साथ करना बहुत ही अच्छा माना गया है।
विधि
????अनुलोम विलोम करते समय अंगूठे को अपनी दाहिनी नासिका पर रखना चाहिए. हल्के दबाव के साथ इस नथुने को ढककर, अपनी आंखें बंद करें और अपने बाएं नथुने से धीरे धीरे सांस छोड़ें. एक बार पूरी तरह से सांस छोड़ने के बाद कुछ सेकंड का ब्रेक लें और अब अपनी अनामिका को बाएं नथुने पर रखें. दाहिनी ओर से गहरी और धीरे-धीरे सांस लें
समय
????आप दस मिनट तक इसका अभ्यास सुबह या शाम खाली पेट कर सकते हैं. सुबह पाँच-दस बार इसका अभ्यास नियमित रूप से करना चाहिए
लाभ
????कई शोध से पता चला है कि अनुलोम विलोम का अभ्यास करने से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, गठिया, माइग्रेन का दर्द, गंभीर अवसाद आदि से राहत मिलती है। अगर सही तरीके से रोजाना अनुलोम विलोम का अभ्यास किया जाए तो शरीर और मस्तिष्क दोनों स्वस्थ बना रहता है।
44 अध्ययनों के एक सर्वेक्षण में, अनुलोम-विलोम का स्वायत्त तंत्रिका तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पाया गया । कार्डियोपल्मोनरी सिस्टम (हृदय और फेफड़े) संज्ञानात्मक (मानसिक) कार्य।
नोट ???? योग की सभी क्रियाओं का सुनियोजित तरीके से अभ्यास योग शिक्षक की देखरेख में ही करें।