रिपोर्टर रजनीश पाण्डेय गुजरात सत्यार्थ न्यूज जिला सूरत
सूरत में शिक्षा समिति स्कूलों में ग्रीष्मकालीन शिविर आयोजित: छात्रों ने फायर स्टेशन, मंदिर और एक्वेरियम का दौरा किया
सूरत एस एम सी स्कूल समर कैंप: जब गर्मी की छुट्टियां शुरू होती हैं, तो विभिन्न संगठनों द्वारा महंगी फीस लेकर समर कैंप आयोजित किए जाते हैं, लेकिन नगर निगम द्वारा संचालित नगर प्राथमिक शिक्षा समिति स्कूल छात्रों के कौशल को विकसित करने के लिए उनकी उम्र के अनुसार विभिन्न गतिविधियां सिखा रहे हैं। इस ग्रीष्मकालीन शिविर के दौरान समिति स्कूलों के छात्रों को फायर स्टेशन, मंदिर और एक्वेरियम के दौरे के साथ-साथ विभिन्न गतिविधियाँ सिखाई गईं।नगर पालिका संचालित अडाजण के कंचनलाल मामावाला प्राइमरी स्कूल में विद्यार्थियों को नगर निगम स्कूल में पढ़ाई के दौरान छुट्टियों के दौरान भी उपयोगी बनाने के लिए ग्रीष्मकालीन शिविर का आयोजन किया गया है। इस विद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास और उनमें कला को निखारने तथा बिना शिक्षा के बोझ के सीखने के उद्देश्य से ग्रीष्मकालीन शिविरों का आयोजन किया जाता है। नई शिक्षा नीति का अर्थ है गतिविधि आधारित शिक्षा जिसमें बच्चों को आनंद की अनुभूति हो और अपने कौशल को सामने लाएँ।इस स्कूल में 3 से 8 मई तक आयोजित होने वाले समर कैंप के बारे में जानकारी देते हुए फाल्गुनी पटेल ने बताया कि समर कैंप में होने वाली एक्टिविटी से बच्चे को पूरे साल किताबी ज्ञान प्राप्त होने के साथ-साथ सोचने की शक्ति का विकास होता है और साथ ही वह एक्टिविटी का आनंद भी ले पाता है। उसके मन को प्रफुल्लित करें, बच्चे को मानसिक तनाव न हो और वह मोबाइल से दूर रहे, इस उद्देश्य से यह शिविर आयोजित किया गया है।पहले दिन रजाई बनाने का कार्य हुआ जिसमें दी गई पट्टी को अलग-अलग आकार में सजाकर व्यवस्थित किया गया और उन्होंने अपनी-अपनी गतिविधि की। इस समर कैंप में किंडरगार्टन से लेकर 8वीं कक्षा तक के बच्चे थे। इनके समूह भी इस प्रकार बनाए गए हैं कि इनमें किंडरगार्टन के बच्चे और कक्षा 8 के छात्र हों ताकि वे बड़ों को समझें और धैर्य विकसित करें तथा अपना और बड़ों का सम्मान करना सीखें। फिर अगले दिन मिट्टी के बर्तनों पर पेंटिंग का काम किया गया जो कि वात सीमा के अनुसार बहुत अच्छी तरह से किया गया था।इस प्रकार की गतिविधि के साथ-साथ बच्चों को एक्वेरियम में जाकर फायर स्टेशन, शिव मंदिर, रामजी मंदिर, बिली वृक्ष, पीपला वृक्ष का महत्व समझाकर चाय की लॉरी पर चाय की चुस्कियों का आनंद भी लेने दिया गया। बच्चों को चाय लॉरी का मज़ा लेने की अनुमति दी गई। इस समर कैंप के दौरान सभी दिन अलग-अलग दिए गए हैं। मनोरंजक खान-पान और गतिविधियों का सारा खर्च शिक्षक द्वारा वहन किया गया, जिसमें लगभग 70 बच्चों ने भाग लिया।