विवेक पाण्डेय
03/04/2024
लखीमपुर खीरी
छात्रनेता प्रभात गुप्ता हत्याकांड में भाई राजीव गुप्ता का बड़ा बयान तिकुनिया खीरी
8 जनवरी 2024 कों सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी जी और पंकज मिट्ठल जी की डबल बेंच में आधा घंटे की बहस एडवोकेट कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में मा. न्यायाधीश को दस्तावेज दिखाए कि 29 मार्च 2004 को लखीमपुर ज़िला जज आर पी सिंह ने प्रभात गुप्ता की हत्या मे चारो आरोपी अजय मिश्रा टेनी, सुभाष, शशि भूषण, राकेश को कैसे वरी कर दिया, और लखनऊ हाईकोर्ट ने भी सुप्रीम कोर्ट के क़ानून को नज़र अन्दाज़ करते हुए खीरी के ज़िला जज के बरी आदेश को कैसे सही ठहराया जो क़ानूनी रूप से रद्द करने की ज़रूरत है*
लेकिन सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने जो आधे घंटे बहस हुई उस को भी आर्डर में उल्लिखित नहीं किया गया
जब कि प्रभात गुप्ता की दिनदहाड़े हत्या 8 जुलाई 2000 को दो गोली मार कर तिकुनिया में की गई थी जिस में तीन गवाह ने नामज़द चारों आरोपी को हत्या में शामिल होना बताया कोर्ट को यही तय करना है कि चारो बरी हुए आरोपी पर किस पर 302 और किस पर धारा 34 का दोषी माना जाए क्यू की दोनों धारा में सामान्य सजा का प्रावधान है लेकिन डबल बेंच ने आधे घंटे चली बहस का संज्ञान ही नही लिया और हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया*
राजीव गुप्ताने सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दाखिल की गई है
और बेंच से अनुरोध किया है कि 8 जनवरी 2024 की जो बहस हुई उस को अब लिखित बहस समीक्षा याचिका में दाखिल किया गया है जिस का संज्ञान लेकर फ़ैसला सुनाया जाये जिस से प्रभात गुप्ता को न्याय मिल सके*
राजीव गुप्ता ने विश्वास जताया है कि समीक्षा याचिका में सुप्रीम कोर्ट प्रभात गुप्ता की हत्या में न्याय करेगा