रिपोर्टर इन्द्र जीत कालावाली
जिला सिरसा
रूल्दु राम जैन रब्ब को मिला ‘गरीबो का मसीहा का गौरव, जैन समाज ने लिया मृत्यु भोज त्याग का ऐतिहासिक संकल्प”

समाज भूषण व समाज रत्न रहे रूल्दु राम जैन ने त्यागे सभी पद
मृत्यु भोज के स्थान पर लंगर व सेवा कार्यों का संकल्प
कालांवाली, 27 सितम्बर() कालांवाली की धरती पर 27 सितम्बर का दिन जैन समाज के इतिहास में एक सुनहरे अक्षरों में लिखे जाने वाला दिन बन गया। समाज भूषण, समाज रत्न और जैन सभा कालांवाली के पूर्व प्रधान एवं संरक्षक रूलदु राम जैन रब्ब को समाज में उनके दीर्घकालिक योगदान और गरीबों की सेवा भावना के लिए “गरीबो क मसीहा” की उपाधि प्रदान की गई।
इस विशेष अवसर पर रूल्दु राम जैन ने समाज के सभी पदों से त्याग की घोषणा कर दी। उन्होंने जीवन भर जप, तप और सेवा भाव के माध्यम से जैन समाज का नाम रोशन किया है।
साध्वी श्री सर्वज्ञ प्रभा जी महाराज की प्रेरणा
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही पंजाब वीरांगना व हरियाणा सिहनी महासाध्वी श्री सर्वज्ञ प्रभा जी महाराज, जिन्होंने समाज को एक नई दिशा दी। उन्होंने कहा कि मृत्यु भोज एक सामाजिक बुराई है। हमें इसे समाप्त करना होगा और इसकी जगह गरीबों की सेवा तथा लंगर की परंपरा को बढ़ाना चाहिए। उनकी प्रेरणा से जैन समाज ने सर्वसम्मति से संकल्प लिया कि अब से मृत्यु भोज का आयोजन नहीं किया जाएगा।
रूल्दु राम जैन का योगदान
जैन सभा के संरक्षक ज्ञानचंद जैन ने बताया कि रूलदु राम जैन ने अपने जीवन में हमेशा धर्म को प्राथमिकता दी और समाज में आदर्श स्थापित किया।
उनकी समाज सेवा, दानशीलता और धार्मिक आस्था को देखते हुए ही उन्हें गरीबों का मसीहा की उपाधि दी गई
समाज की सराहना और भागीदारी
इस अवसर पर जैन समाज के कई प्रमुख पदाधिकारी और सदस्य मौजूद रहे।
इस मोके पर प्रदीप जैन जिला अध्यक्ष आढती संगठन सिरसा, सन्दीप जैन प्रधान, एस. जैन सभा, लवलीन जैन समाज सेवी ने जैन समाज का घर आने पर स्वागत किया।
इस मोके पर मंत्री राकेश जैन,नवीन जैन हैप्पी पूर्व सचिव जैन सभा ,सरक्षक मंगत राय जैन , सरक्षक ज्ञानचंद जैन , सरंक्षक पारस जैन,सुखराम फत्ता,डॉक्टर राजेश दीप गोयल, संजय जैन,संजीव जैन,पवन जैन,लछु राम जैन, नरेश गर्ग जैन, महिला मंडल की प्रधान निर्मला जैन ,उषा जैन,बबली जैन,बबीता जैन,तनुजा जैन,तनु जैन,बंदना जैन,
बाल मंडल के प्रधान वैभव जैन ,मंत्री केशव जैन कन्या मंडल से आयुषी जैन,सीरत जैन,निकिता जैन ने मिलकर समाज के इस निर्णय का स्वागत किया और मृत्यु भोज त्यागने का संकल्प लिया।
समाज के लिए ऐतिहासिक क्षण
इस मौके पर महा साध्वी श्री सर्वज्ञ प्रभा जी महाराज ने विशेष रूप से कहा कि समाज तभी आगे बढ़ेगा जब हम कुरीतियों का त्याग करेंगे और मानवता, सेवा व सरलता की ओर अग्रसर होंगे।
उनके इस संदेश को उपस्थित समाजजनों ने हाथ उठाकर स्वीकार किया और मृत्यु भोज न करने का सामूहिक वचन लिया।
कालांवाली का यह आयोजन जैन समाज के लिए एक नई दिशा तय करता है। रूल्दु राम जैन रब्ब का त्याग, साध्वी श्री सर्वज्ञ प्रभा जी महाराज की प्रेरणा और समाज का सामूहिक संकल्प मिलकर एक ऐतिहासिक बदलाव का आधार बना है।
यह निर्णय न केवल जैन समाज बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक है, जो यह संदेश देता है कि कुरीतियों को त्यागकर सेवा और धर्म के मार्ग पर चलना ही सच्चा जीवन है।


















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