ब्यूरो चीफ राहुल कुमार 25 सितंबर 2025 स्थान गिंदोड़ा जिला मुरादाबाद।
गिंदौड़ा गांव के ग्रामीणों ने ग्राम विकास कार्यों और मनरेगा कार्यो में धांधली और गड़बड़ी करने का ग्राम प्रधान पर लगाया आरोप।
मौके पर जांच करने पहुंचे डिप्टी कमिश्नर व अन्य अधिकारी।

मुरादाबाद: जिला मुरादाबाद के ग्राम गिंदौडा में ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान रजनी देवी पत्नी जितेंद्र सिंह पर विकास कार्यों और मनरेगा कार्यो में धांधली करने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
जबकि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों तक नहीं पहुंच पा रहा है जिससे कि ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि किसी भी सरकारी योजनाओं का लाभ अभी तक नहीं मिला है।
केंद्र और राज्य सरकार द्वारा ग्राम प्रधान के द्वारा किए गए मुख्य कार्यों में सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना, गांव में स्वच्छता व स्वच्छ जल उपलब्ध कराना, सड़कों और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण व रखरखाव करना और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना शामिल है। ग्राम प्रधान यह सुनिश्चित करते हैं कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों तक पहुंचे जैसे स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण का कार्य, गांव में सड़कें, नाली, सामुदायिक भवन और खेल के मैदाने का निर्माण बार रखरखाव करना प्रधान का कार्य होता है। लेकिन सभी नियम और कानून को ताक पर रखते हुए गिंदौड़ा गांव के ग्राम प्रधान रजनी देवी पत्नी जितेंद्र सिंह ने ग्राम में अभी तक कोई विकास कार्य नहीं कराया है। ग्रामीणों का कहना है की ग्राम प्रधान ने गांव के बाहर चक रोड पर कोई भी कार्य नहीं कराया है जबकि उन्होंने सरकारी दस्तावेजों में चकरोड का कार्य दिखाकर सरकार से पूर्ण भुगतान करा लिया है। इसी गांव की रहने वाली पूनम और राजवती देवी ने ग्राम प्रधान पर मनरेगा में धांधली करने और गड़बड़ी करने के गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि हमारे पति ने मनरेगा के तहत कुछ दिन काम किया था जिसका आज तक ग्राम प्रधान ने कोई पैसा नहीं दिया है। हमने ग्राम प्रधान से कहा तो वह कहते हैं की सरकार पैसा नहीं दे रही।
वहीं दूसरी और ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान पर धांधली करने और गड़बड़ी करने का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मनरेगा पार्क में कोई भी विकास कार्य नहीं कराया है जबकि सरकारी दस्तावेजों में 19 लाख रुपए की लागत बताकर ग्राम प्रधान ने भुगतान करवा लिया है।

सभी ग्रामीण गुस्से में और ग्रामीणों में भारी आक्रोश है की ग्राम प्रधान ने कोई भी विकास कार्य नहीं कराया है। इस बात को लेकर ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत भी की है जिसके संबंध में गुरुवार को ग्राम सचिव और अन्य अधिकारियों के साथ डिप्टी कमिश्नर मौके पर पहुंचे और मनरेगा पार्क एवं कच्चे चकरोड का निरीक्षण भी किया। जिसमें ग्रामीणों ने बताया कि मनरेगा पार्क का 19 लाख रुपए का भुगतान ग्राम प्रधान ने करा लिया है जबकि इसमें घटिया सामग्री एवं सस्ते माल का प्रयोग किया गया है और कच्ची ईंटें लगाई गई हैं। ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान के साथ-साथ ग्राम सचिव और उच्च अधिकारियों की मिलीभगत के चलते यह सब धांधली और गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है की ग्राम विकास कार्यों में धांधली करने में मनरेगा के पैसों में गड़बड़ी करने में ग्राम सचिव और उच्च अधिकारियों का भी हाथ है। उन्होंने आगे बताया कि इससे पहले भी अधिकारी निरीक्षण करने के लिए आए लेकिन ग्राम प्रधान के खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की गई। ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान पर धांधली करने और मनरेगा में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए बताया की ग्राम प्रधान ने मनरेगा के तहत कोई कार्य नहीं कराया है लेकिन इसके बावजूद भी ग्रामीणों की उपस्थिति दिखाकर ग्राम प्रधान ने सरकार से पैसे का भुगतान करवा लिया है। जब ग्राम प्रधान ने ग्रामीणों से कहा कि आपके खाते में पैसे आ गए तो ग्रामीणों ने कहा कि हमसे तो अपने काम कराया ही नहीं फिर पैसे कैसे आ गए। तब ग्राम प्रधान ने कहा कि हमने आपके खाते में पैसे डलवा दिए हैं और वह पैसे निकालकर हमें दे दो। ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान के कहे अनुसार पैसे निकालकर ग्राम प्रधान को दे दिए जिसमें से दो दो हजार रूपए उन लोगों को वापस कर दिए।
वहीं दूसरी और जयपाल सिंह कश्यप ने ग्राम प्रधान पर आरोप लगाते हुए कहा की ग्राम प्रधान ने हमें आज तक किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं दिलवाया है और ना ही हमारे घर में शौचालय बनवाया है। जब सत्यार्थ न्यूज़ की टीम जयपाल सिंह कश्यप के घर पहुंची तो वहां जाकर देखा कि वास्तव में ग्राम प्रधान रजनी देवी पत्नी जितेंद्र सिंह ने गांव में कोई भी विकास कार्य नहीं कराया है जिससे सभी ग्रामीणों में भारी गुस्सा और आक्रोश है। जब हमारी टीम ने पीड़ित जयपाल सिंह कश्यप से बात की तो उन्होंने बताया कि मेरा कच्चा मकान है जो बहुत जर्जर हालत में है कभी भी हमारे ऊपर गिर सकता है और बड़ा हादसा हो सकता है। इस संबंध में हमने अपने ग्राम प्रधान से कहा कि हमें आवास दिलवा दीजिए जिससे कि हमें कुछ राहत मिल जाए और हम अपना जीवन यापन कर सकें। इस संबंध में हमने तीन चार बार अपने कागज भी प्रधान जी को दिए हैं लेकिन वह यही कहते हैं की आवास योजना बंद है, सरकार आवास नहीं दे रही हम आपको कहां से दें। वहीं दूसरी और पीड़ित गोलू ने बताया कि मैंने मनरेगा के तहत 1 महीने काम किया है जिसका अभी तक प्रधान जी ने कोई पैसा नहीं दिया है।
ग्रामीणों की शिकायत के बाद अधिकारियों के साथ डिप्टी कमिश्नर मौके पर पहुंचे और गांव का निरीक्षण किया इसके साथ-साथ मनरेगा पार्क भी पहुंचे। जहां पर उन्हें कई कमियां देखने को मिली। उसके बाद में है कच्चे चक रोड पर जाकर निरीक्षण करने लगे और ग्राम प्रधान से पूछा कि इस रास्ते का विकास कार्य वाला फोटो दिखाओ, इस पर ग्राम प्रधान फोटो दिखाने में नाकामयाब रहे क्योंकि उस चक रोड में उन्होंने काम कराया ही नहीं था।
इसी बात को लेकर ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान के द्वारा कराए गए विकास कार्यों की जांच करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि ग्राम प्रधान ने गांव में कोई विकास कार्य कराया है तो उसकी पूर्ण रूप से गहनता से जांच की जाए और मनरेगा पार्क का भी निरीक्षण गहनता और बारीकी से किया जाए जिससे कि ग्राम विकास कार्यों में धांधली और मनरेगा कार्यो में गड़बड़ी करने पर ग्राम प्रधान के खिलाफ उचित जांच कर कानूनी कार्यवाही की जाए। इस मौके पर गंगा सरन, डालचंद, जयपाल सिंह कश्यप, गोलू कश्यप, गुड्डू, गुरमीत, अमन, पूनम और राजवती के साथ सभी ग्रामवासी मौजूद रहे।















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