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जल संसाधन विभाग मरवाही बना भ्रष्टाचार का गढ़, कार्यपालन अभियंता कि भूमिका संदिग्ध,

जल संसाधन विभाग मरवाही बना भ्रष्टाचार का गढ़, कार्यपालन अभियंता कि भूमिका संदिग्ध,

भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच जल संसाधन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल,

सूरज यादव, गौरेला पेंड्रा मरवाही। छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय की सरकार अपनी अनूठी योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है वहीं दूसरी ओर विभागीय अधिकारी इन योजनाओं पर भ्रष्टाचार का लेप लगाने में भी पीछे नहीं  हैं। जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही अंतर्गत जल संसाधन विभाग संभाग मरवाही इन दिनों भ्रष्टाचार और गड़बड़ी के नए आयाम गढ़ रहा है। कांग्रेस शासन काल से जमे कार्यपालन अभियंता संतोष कौशिक के द्वारा अपने चहेते मरवाही एसडीओ को कोटमी उपसंभाग का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है तथा दोनों मिलकर भ्रष्टाचार के रंगीन खेल में लिप्त है।

इसमें कोई संदेह नहीं कि संतोष कौशिक कार्यपालन अभियंता को कांग्रेस शासनकाल मेँ शीर्ष कांग्रेसी नेताओं और मंत्रियों का विशेष आर्शीवाद मिला हुआ था। और इस आशीर्वाद का असर वर्तमान तक अप्रत्यक्ष रूप से अब तक बना हुआ है। मरवाही क्षेत्र मेँ हुए कई विभागीय कार्यों मेँ भ्रष्टाचार और अनियमितता को कौशिक एवं उनके अधीनस्थ का पूर्ण संरक्षण प्राप्त था और है भी। कार्यपालन अभियंता संतोष कौशिक के द्वारा निर्माण कार्यों के नाम पर भ्रष्टाचार के अलावा कोई कार्य ही नही गया हैं फिर चाहे वह लोवर सोन केनाल का कार्य हो या बगड़ी केनाल चाहे गंगनई हेड वाल का कार्य हो या माड़ाकोट जलाशय का गुणवत्ताहीन कार्य। संतोष जी के कार्य से हरतरफ आमजन असंतोष है, किन्तु सबने अपनी आँखे मुंदी हुई हैँ। इन कार्यों मेँ हुई व्यापक गड़बड़ी की शिकायत आमजन द्वारा मुख्यमंत्री से करने की योजना बनाई जा रही है। क्योंकि विभाग तो मुख्यमंत्री जी का ही है।

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