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सोनभद्र -आपस में नफरत आपस में तकरारमानव के जीवन की सबसे बड़ी हार

आपस में नफरत आपस में तकरारमानव के जीवन की सबसे बड़ी हार

-तुलसीदास व प्रेमचंद जयंती के पूर्व संध्या पर हुई कविगोष्ठी

-रॉबर्ट्सगंज कचहरी परिसर स्थित सोनभद्र बार एसोसिएशन सभागार में हुआ आयोजन

 

सोनभद्र /सत्यनारायण मौर्य/संतेश्वर सिंह

Mo 9580757830

सोनभद्र। शहीद स्थल प्रवंधन ट्रस्ट करारी सोनभद्र व सोनभद्र बार एसोसिएशन के संयुक्त संयोजन में बुधवार को सोनभद्र बार एसोसिएशन सभागार में कविगोष्ठी आयोजित की गई। अध्यक्षता कर रहे शिक्षक, साहित्यकार राष्ट्रपति पदक वीनर ओमप्रकाश त्रिपाठी एवं उपन्यासकार कथाकार, समीक्षक रामनाथ शिवेन्द्र मुख्य अतिथि ने वाग्देवी और तुलसीदास तथा प्रेमचंद के चित्र पर माल्यार्पण दीपदान कर कवि ईश्वर विरागी के वाणी वंदना से विधिवत कार्यक्रम का आगाज हुआ। कवयित्री कौशल्या कुमारी चौहान ने, आपस में नफरत आपस में तकरार, मानव के जीवन की है सबसे बड़ी हार सुनाकर तालियां बटोरी।

धर्मेश चौहान ने नित नूतन निर्माण हो जीवन नीव अटल आधार हो जीवन, प्रदुम्न त्रिपाठी ने, पड़े जरूरत जब भी वतन को कफन बांध हम आयेंगे, काश लहू का इक इक कतरा भारत माँ के काम आये सुनाकर देशप्रेम की छटा बिखेर दिया। विकास वर्मा ने मजहब को अपने घर में ही महदूद कीजिये, दयानंद दयालू ने उजड़ल जाता बाग बगैचा सगरो लागै सूना, दिलीप सिंह दीपक ने जला शमशान में घंटों तलक बस राख होने को, दिवाकर मेघ ने हास्य रचना, बीए पढै लागल बा बेटौवा, संचालन कर रहे अशोक तिवारी ने बेबसी अंधेरे की जब देखी नहीं गयी,, हमने घर जलाकर रौशनी की है, अजय चतुर्वेदी कक्का ने तीक्ष्ण धारदार व्यंग्य अक्ल बड़ी या भैंस सुनाकर खूब हंसाये।

राकेश शरण मिश्र ने सोनभद्र की पावन धरती हम सबका अभिमान है, ओज कवि प्रभात सिंह चंदेल ने फिर घना काला अंधेरा मुल्क पर अब छा रहा है, सुधाकर स्वदेश प्रेम ने जनाजा जब मेरा निकले वतन के वास्ते निकले, शाइर अब्दुल हई ने सच बोल दिये तो कितनों के चेहरे उतर गये सुनाकर वाहवाही लूटी।

मुख्य अतिथि रामनाथ शिवेन्द्र ने लोकमंगल के संवाहक गोस्वामी तुलसीदास व शेक्सपियर के समकक्ष खड़े मजलूम मुफलिस के दर्द को अपने रचना संसार में उकेरने वाले प्रेमचंद के व्यक्तित्व कृतित्व पर विशद निरूपण किया। अध्यक्षता करते हुए ओमप्रकाश त्रिपाठी ने तुलसीदास को मानव कल्याण के लिए अवतरित साधक व प्रेमचंद को समाज में विषमता बुराई पर आघात करनेवाला चिंतक बताये आख्यान दिये।

इस अवसर पर मदन चौबे, अमित सिंह, विवेक चतुर्वेदी शाइर ने भी विविध रसों मे गीत गजल छंद रुबाई मुक्तक नव गीत सुनाकर वाहवाही बटोरी।

दीपक केसरवानी ने अपने वक्तव्य से दोनों महापुरुषों को नमन किया। सोन संगीत फाउंडेशन के सुशील मिश्रा ने संगीत मय प्रस्तुति,, देशवा हमार शहीद के सपनवां हो परनवां दिहले ना,,, सुनाकर शमां बांध दिया। कवयित्री शिक्षक दिव्या राय ने सुमधुर श्रृंगार गीत से पावस को समर्पित रचना पाठ कर मन मोहा।

आयोजन देर शाम तक चलता रहा। अतिथियों को अंगवस्त्र लेखनी पुस्तकों के साथ देकर अभिनंदन किया गया। बार अध्यक्ष अरुण मिश्र एडवोकेट, महामंत्री अखिलेश कुमार पांडेय ,पूर्व अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार पाठक एड, चंद्र प्रकाश दिवेदी एड, जयशंकर त्रिपाठी एड, राकेश दूबे एड, देवानंद पांडेय एड ,आत्म प्रकाश तिवारी एड, ठाकुर पुरुषोत्तम, ऋषभ त्रिपाठी आदि देर शाम तक जमे रहे।

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