नई दिल्ली:-प्रधानमंत्री नेरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बीकानेर की धरती से गुरुवार को पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ सख्त चेतावनी दी. पीएम की इस स्पीच के बाद अब पाकिस्तान में खलबली मच गई है. राजस्थान में पीएम मोदी की दी गई स्पीच पर पाकिस्तान का अब बयान सामने आया है. पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की गुहार लगाई है.
पाकिस्तान की हरकतों का पीएम मोदी ने जब पर्दाफाश कर दिया है तो अब पाकिस्तान इसको भारत की चुनावी राजनीति से जोड़ने की नापाक कोशिश कर रहा है. पीएम ने बीकानेर में आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को साफ करते हुए कहा, ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद से निपटने के तीन सूत्र तय कर दिए हैं. पहला- जावब देने का समय और तरीका सेना तय करेगी, एटम बम की गीदड़भभकी से भारत डरने वाला नहीं है. आतंक के आका और आतंक को पनाह देने वालों को अलग-अलग नहीं देखेंगे. पीएम ने कहा, पाकिस्तान का असली चेहरा पूरी दुनिया को दिखाया जाएगा.
पाकिस्तान में मची खलबली
पीएम मोदी की स्पीच के बाद पाकिस्तान में हलचल मच गई है. पाकिस्तान ने कहा, राजस्थान में हाल ही में एक सार्वजनिक संबोधन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री ने निराधार और गैर-जिम्मेदाराना आरोप लगाए इसको खारिज करते हैं. साथ ही पीएम की स्पीच को राजनीति से जोड़ने की नापाक कोशिश करते हुए पाकिस्तान ने कहा, गलत बयानी और भड़काऊ बयानबाजी से भरी टिप्पणियों का मकसद साफ तौर पर राजनीतिक लाभ के लिए क्षेत्रीय तनाव को भड़काना है.
इसी के साथ एक बार फिर पाकिस्तान ने वो ही किया जो वो हमेशा करता आया है. उस ने पाकिस्तान को आतंकवाद का पीड़ित बताया और फिर जम्मू- कश्मीर का वहीं पुराना राग दुहराया.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मदद की गुहार लगाई
इसी के साथ पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मदद की गुहार लगाई. पाकिस्तान ने कहा, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भारत के आक्रामक रुख और नफरत से प्रेरित बयानों पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए जो क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा हैं. जहां एक तरफ पाकिस्तान शांति बनाए रखने की बात कर रहा है वहीं फिर एक बार एटम बम की गीदड़भभकी सामने आई है. उन्होंने कहा, शांति की हमारी इच्छा को कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए. उस ने गीदड़भभकी देते हुए कहा, किसी भी दुस्साहस या आक्रामकता का जवाब दिया जाएगा. पाकिस्तान ने पहले भी अपने संकल्प का प्रदर्शन किया है और जरूरत पड़ने पर फिर ऐसा करेगा.
“पाकिस्तान को चुकानी होगी कीमत”
पीएम मोदी ने पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाते हुए कहा, पाकिस्तान के साथ न ट्रेड होगा न टॉक. सिर्फ पीओके की बात होगी. पाकिस्तान को भारत के हक का पानी नहीं मिलेगा. भारत के खून से खेलना पाकिस्तान को महंगा पड़ेगा. यह भारत का संकल्प है. विकसित भारत के निर्माण के लिए सुरक्षा जरूरी है और यह तभी मुमकिन होगा जब भारत का कोना-कोना मजबूत होगा. इसी के साथ पीएम ने कहा था, मेरी रगों में लहू नहीं गर्म सिंदूर बह रहा है. पाकिस्तान को हर आतंकी हमले की कीमत चुकानी पड़ेगी.
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने 65 साल पुरानी इंडस वाटर्स ट्रीटी (IWT) को निलंबित कर दिया था. अब एक महीने बाद, इसका पाकिस्तान पर क्या असर हुआ है, इसे समझने के लिए हमने नदी के पानी के बहाव और सैटेलाइट तस्वीरों का अध्ययन किया. पिछले एक महीने में भारत ने चिनाब और झेलम नदियों पर अपने डैम से पानी की निकासी (फ्लशिंग) को नियमित कर दिया है.
आइए आसान भाषा में समझते हैं कि इसका मतलब क्या है और पाकिस्तान पर इसका असर कैसे दिख रहा है…
डैम में पानी भरना और निकालना: क्या हो रहा है?
ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस टीम ने पाया कि भारत के चिनाब और झेलम नदियों पर बने डैम में एक खास पैटर्न देखा गया है. पहले डैम को पूरी तरह से पानी से भरा जा रहा है, फिर अचानक सारा पानी निकाल दिया जाता है ताकि उसमें जमा गाद (सिल्ट) साफ हो सके. इससे डैम की पानी स्टोर करने की क्षमता बढ़ती है और बिजली बनाने वाली टर्बाइनों को भी फायदा होता है.
सैटेलाइट तस्वीरों और पानी के बहाव के डेटा से पता चला कि चिनाब नदी पर भारत का आखिरी डैम, बगलिहार डैम और पाकिस्तान का पहला डैम, मराला डैम, इस बदलाव को दिखा रहे हैं. मराला डैम पर पानी का बहाव (आउटफ्लो) इस तरह बदला…
•जब संधि रद्द हुई, तब बहाव 14,800 क्यूसेक (पानी
की मात्रा प्रति सेकंड) था.
•2 मई को यह घटकर 8,087 क्यूसेक हो गया.
•3 मई को अचानक बढ़कर 55,148 क्यूसेक हो
गया.
•6 मई तक यह फिर से बहुत कम होकर 3,761
क्यूसेक रह गया.
•9 मई को यह 18,331 क्यूसेक तक पहुंचा, फिर
16 मई को 3,470 क्यूसेक तक गिर गया. 20 मई
को 20,648 क्यूसेक तक बढ़ गया.
सैटेलाइट तस्वीरों में बगलिहार डैम पर
सैटेलाइट तस्वीरों में बगलिहार डैम पर 1 मई को फ्लशिंग दिखी. पानी के साथ गाद निकलने से नदी का रंग बदल गया. इसके बाद 10 दिन तक डैम के गेट बंद रहे. फिर 11 मई को अचानक पानी छोड़ा गया. अगले हफ्ते भी ऐसा ही हुआ.
झेलम नदी पर क्या दिखा?
झेलम नदी पर पाकिस्तान के मंगला डैम में पानी का स्तर बहुत ज्यादा नहीं बदला, लेकिन कुछ समय के लिए पानी का बहाव बढ़ा हुआ दिखा. यह भारत के ऊपरी डैम से फ्लशिंग की वजह से हो सकता है. यूरोपियन स्पेस एजेंसी की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला कि झेलम की सहायक नदी पर बने किशनगंगा डैम के गेट 29 अप्रैल को पूरी तरह खुले थे. अगले हफ्ते तक सिर्फ एक गेट खुला रहा, और 21 मई को यह पूरी तरह बंद कर दिया गया. किशनगंगा एक रन-ऑफ-द-रिवर प्रोजेक्ट है, जिसका मतलब है कि यह ज्यादा पानी स्टोर नहीं कर सकता. इसका रिजर्वायर सिर्फ 18.8 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी रख सकता है.
इंडस नदी पर कोई बदलाव नहीं
इंडस नदी पर अभी कोई बड़ा बदलाव नहीं दिखा, क्योंकि भारत के पास इस नदी पर कोई बड़ा स्टोरेज डैम नहीं है.
पाकिस्तान को क्या नुकसान?
पहले, जब IWT लागू था, तब पाकिस्तान इस फ्लशिंग का विरोध करता था. फ्लशिंग से पानी के साथ गाद नीचे जाती है, जो पाकिस्तान की नहरों को ब्लॉक कर सकती है. वहीं, जब डैम के गेट बंद करके रिजर्वायर भरा जाता है, तो कुछ समय के लिए पाकिस्तान में पानी का बहाव कम हो जाता है. इससे उसकी खेती और पानी की सप्लाई पर असर पड़ सकता है.
भारत की लंबी योजना
भारत अब इन नदियों का ज्यादा से ज्यादा पानी इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है. इसके लिए चार नए पावर प्लांट बनाने का प्रस्ताव है, जिनके रिजर्वायर से पानी का उपयोग बढ़ेगा। इसके अलावा…
•झेलम नदी पर तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट को फिर से
शुरू करने की बात है.
•वुलर झील और झेलम नदी को बाढ़ नियंत्रण के लिए
बेहतर बनाया जाएगा.
•जम्मू क्षेत्र में रणबीर और प्रताप नहरों का बेहतर
इस्तेमाल होगा.
•लिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट्स से पानी का उपयोग बढ़ेगा.
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने भारत को चिट्ठी लिखकर कहा है कि वह IWT को फिर से शुरू करने के लिए बातचीत करना चाहता है. लेकिन भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ कहा है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को पूरी तरह बंद नहीं करता, तब तक यह संधि रद्द ही रहेगी.