जिला संवाददाता विमल गुप्ता यूपी
जनपद कानपुर देहात
देवीपुर चौराहा
डीजे की धुन पर देवीपुर के भक्तों ने काली माता के दरबार में किया श्रध्दा भक्ति के साथ ज्वारों को विसर्जित देवीपुर के सभी मंदिरों पर भक्तों ने टेका माथा
कानपुर देहात । तहसील भोगनीपुर के देवीपुर चौराहे में बहुत ही धूमधाम से हुआ जवारों का विसर्जन। काली माता के खप्पर की पूजा-अर्चना कर राजा सिंह यादव के घर से ज्वारें विसर्जित करने के लिए माताओं बहनों ने किया मंदिरों का भ्रमण। राजा सिंह यादव के निजी आवास से जवारे की यात्रा आरम्भ होती है जो देवीपुर चौकी के सामने से गुजरते हुए बरौर रोड पर बने मंदिर तक जाकर पूजा-अर्चना करके वापस होते हुए गुप्ता मोहल्ला देवीपुर में भोलेनाथ के मन्दिर में ज्वारों सहित पहुंचकर महाकाल की आराधना कर भक्तिमय माहौल बना दिया। वहीं मंदिर प्रांगण में ही अरुण गुप्ता , राम सेवक गुप्ता व अन्य ग्रामीण भक्तों ने ठंडा शरबत सभी भक्तों को प्रसाद के रुप में वितरित किया। माता रानी के ज्वारे विमला काम्प्लेक्स में पूजन कर बाबा चाय भण्डार के सपीम बने मंदिर में सभी भक्तों ने विश्राम किया वहीं पर माता रानी के पण्डा शिब्बू शिवम ने सांग लगवाया और भी युवक-युवतियों ने भी सांग लगवाकर माता रानी के जोरदार जयकारे लगाते हुए फिर काली माता के मंदिर के लिए प्रस्थान किया स्टेशन रोड होते हुए काली माता के मंदिर में भक्तिभाव के साथ सभी भक्तों की सांग उतारी गई और सच्चे दरबार के जयकारों से काली माता का मंदिर गूंज उठा।
द्वादशी को ज्वारों का महत्व सनातन धर्म में बहुत अधिक है। द्वादशी हर महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आती है, और इस दिन ज्वारों का पूजन करने से कई लाभ होते हैं। द्वादशी के दिन ज्वारों का पूजन करने से विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है और व्यक्ति का कल्याण होता है। द्वादशी के दिन ज्वारों का पूजन करने से पापों का नाश होता है। इससे व्यक्ति के पापों का बोझ कम होता है और वह पापों से मुक्त होता है। द्वादशी के दिन ज्वारों का पूजन करने से स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इससे व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और वह समृद्धि की ओर बढ़ता है। द्वादशी के दिन ज्वारों का पूजन करने से आध्यात्मिक उन्नति होती है। इससे व्यक्ति का आध्यात्मिक ज्ञान बढ़ता है और वह आत्म-साक्षात्कार की ओर बढ़ता है। द्वादशी के दिन ज्वारों का पूजन करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन किया जाता है। द्वादशी के दिन सुबह स्नान करने के बाद ज्वारों का पूजन किया जाता है ।
ज्वारे एक मिट्टी के बर्तन में बोए जाते हैं और उनकी पूजा की जाती है। ज्वारों की पूजा और आरती की जाती है, जिसमें विष्णु जी की स्तुति की जाती है। द्वादशी के दिन व्रत रखा जाता है, जिसमें व्यक्ति उपवास करता है और ज्वारों का पूजन करता है। द्वादशी के दिन ज्वारों का पूजन करने से व्यक्ति को कई लाभ होते हैं और वह अपने जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त करता है। माता रानी के दरबार में सभी भक्तों की हर एक मनोकामना पूरी होती है। ज्वारों को विसर्जित करते हुए डीजे पर भक्ति गीतों की धुन पर सभी भक्तों ने जमकर नृत्य किया।इस विसर्जन कार्यक्रम में क्षेत्र की माताओं-बहनों के साथ युवक-युवतियों व बच्चों ने बढ़-चढ़कर हर्षोल्लास के साथ हिस्सा लिया इस दौरान कमेटी के सदस्य कल्लू भाई , अमित यादव ,हिमांशु , विकास , गुलशन, सुनील, ऋतिक, विशाल , सनी , साहिल, सौरभ, अंकुश,नीरज ,भोला , अश्विनी नीलू, रोहन, कन्हैया व अन्य भक्त एवं ग्रामीण मौजूद रहे।