आजादी के इतने साल बाद भी चाणस्मा के मेरवाड़ा गांव को आज भी बुनियादी सुविधाओं की दरकार है
ग्रामीणों की मूलभूत सुविधाएं पूरी नहीं होने पर अगले लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का आंदोलन तेज कर दिया गया.
आजादी के इतने वर्षों बाद भी पाटन जिले का सुदूरवर्ती गांव मेरवाड़ा विकास के लिए तरस रहा है और गांव में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में स्थानीय नेताओं समेत ग्रामीण नाराजगी जता रहे हैं.
मेरवाड़ा के ग्रामीणों ने गांव के विकास के मुद्दों पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी गांव में कोई विकास नहीं हुआ है. गांव में लोगों को कोर्ट के मोहल्ले में जाने के लिए कच्ची सड़क का सहारा लेना पड़ता है. रात में लोग इस सड़क पर जाने से डरते हैं. इसलिए वर्षों से ग्रामीण यह मांग करते आ रहे हैं कि खेतों में जाने के लिए नदी के कच्चे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है. साथ ही सामान लाने के लिए नदी से कोई सड़क भी नहीं है. इस सड़क के बारे में कई बार शिकायत करने के बाद भी यह सड़क आज तक कच्ची बनी हुई है. ग्रामीणों ने बताया कि सामान लाने के लिए इस सड़क को पक्का करना बेहद जरूरी है.
इस गांव से तालुका मुख्यालय चाणस्मा के लिए सुबह 10:00 बजे कोई बस सेवा नहीं है, जिसके कारण छात्रों सहित ग्रामीणों को गाड़ी धीमी करके चाणस्मा लौटने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
आजादी के इतने वर्षों बाद भी मेरवाड़ा गांव में सड़क, सड़क और साफ-सफाई सहित बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण स्थानीय नेताओं और राजनीतिक नेताओं के प्रति नाराजगी की भावना विकसित हुई है। उस समय ग्रामीणों में यह सुगबुगाहट सुनाई दे रही थी कि अगले लोकसभा चुनाव से पहले मेरवाड़ा गांव की मूलभूत सुविधाएं पूरी नहीं हुई तो ग्रामीणों द्वारा चुनाव का बहिष्कार करने की गतिविधियां भी तेज हो गई हैं.
रिपोर्टर गोवाभाई अहीर पाटन