सत्यार्थ न्यूज श्रीडूंगरगढ़-सवांददाता मीडिया प्रभारी
1.कल से बदल जाएगा स्कूलों का समय
मौसम में बदलाव के साथ ही राजस्थान के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों का एक अप्रैल से समय बदल जाएगा। अब एकल पारी स्कूल सुबह साढ़े सात बजे शुरू होंगे, वहीं दो पारी स्कूल का समय सुबह सात बजे से होगा। शिक्षा विभाग ने सालाना पंचांग में इसका उल्लेख किया है। राज्य के शिक्षा विभाग से जुड़े सरकारी व प्राइवेट स्कूल के लिए शिविरा पंचांग की पालना जरूरी होती है। इसी पंचांग में एकल पारी स्कूल का समय सुबह साढ़े सात बजे से दोपहर एक बजे तक तय की गई है। वहीं दो पारी स्कूल का समय सुबह सात बजे से छह बजे तक रहेगा। जिसमें एक पारी सुबह सात बजे से दोपहर साढ़े बारह बजे तक और दूसरी पारी साढ़े बारह बजे से शाम छह बजे तक होगी। दरअसल, गर्मी में दिन बड़े होने के कारण छह बजे तक अंधेरा नहीं होता, ऐसे में स्कूली बच्चे आराम से दूसरी पारी के बाद भी अपने घर पहुंच जाते हैं, वहीं सर्दी में शाम छह बजे तक अंधेरा होने लगता है। ऐसे में जल्दी छुट्टी होती है। अब दोनों ही पारी में स्कूल साढ़े पांच घंटे तक लगेंगे।
अप्रैल में पांच छुट्टियां
अप्रैल महीने में रविवार के अलावा पांच छुट्टियां हैं। इनमें छह अप्रैल को रामनवमी का अवकाश है, जबकि दस अप्रैल को महावीर जयंती की छुट्टी रहेगी। 14 अप्रैल को अंडेकर जयंती को भी स्कूल में अवकाश और उत्सव दोनों है। 18 अप्रैल को गुड फ्राइडे और 29 अप्रैल को परशुराम जयंती की छुट्टी है।
प्राइवेट स्कूलों का नया सेशन
उधर, अंग्रेजी माध्यम के प्राइवेट स्कूल का सेशन भी एक अप्रैल से ही शुरू होता है। कुछ स्कूलों का सेशन अप्रैल के पहले सप्ताह में शुरू होगा। इन स्कूलों के रिजल्ट भी आने शुरू हो गए हैं। खासकर सीबीएसई स्कूलों का रिजल्ट जारी हो रहा है।
6 बदलाव जो कल से लागू होंगे…
1.टैक्स स्लैब में बदलाव: 20 से 24 लाख की इनकम के लिए नया स्लैब
क्या बदलाव हुआ है: न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 12 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह छूट 12.75 लाख रुपए हो जाएगी। न्यू टैक्स रिजीम में 20 से 24 लाख की इनकम के लिए 25% टैक्स का नया स्लैब भी शामिल किया गया है।
असर क्या होगा: पहले 30% की अधिकतम दर 15 लाख रुपए से ऊपर की आय पर लागू होती थी,लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर 24 लाख रुपए कर दी गई है। इससे मध्यम और उच्च-मध्यम आय वर्ग को कर में बचत होगी।
2.TDS लिमिट की सीमा बढ़ी: 6 लाख तक की रेंटल इनकम पर टैक्स नहीं
क्या बदलाव हुआ है: कुछ भुगतानों पर TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) की सीमा को बढ़ाया गया है…
रेंट से होने वाली इनकम पर TDS छूट दोगुनी : रेंट से होने वाली इनकम पर TDS की सीमा ₹2.4 लाख से बढ़कर ₹6 लाख हो गई है। वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज आय पर छूट
दोगुनी : बैंक एफडी से ब्याज आय अर्जित करने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस सीमा ₹50 हजार से बढ़कर ₹1 लाख हो गई है।
प्रोफेशनल सर्विस पर TDS सीमा में बढ़ोतरी: प्रोफेशनल सर्विस पर TDS की सीमा अब 30 हजार से बढ़कर 50 हजार हो गई है।
असर क्या होगा: इससे कम आय वाले व्यक्तियों पर TDS का बोझ कम होगा और नकदी प्रवाह में सुधार होगा।
3.TCS लिमिट की सीमा बढ़ी: विदेश में पढ़ाई के लिए 10 लाख तक भेजने पर टैक्स नहीं
क्या बदलाव हुआ है: विदेश में पढ़ाई के लिए पैसा भेजने पर टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (TCS) की लिमिट अब 7 लाख रुपए से बढ़कर 10 लाख रुपए हो गई है। वहीं अगर पैसा किसी फाइनेंशियल आर्गनाइजेशन जैसे बैंक आदि से लोन लिया गया हो टीसीएस नहीं लगेगा।
असर क्या होगा: टीसीएस हटने से छात्रों और उनके परिवारों दोनों को फायदा होगा। पहले 7 लाख से ज्यादा कि राशि पर 0.5%-5% टीसीएस कटता था। इससे ट्रांसफरिंग प्रोसेस थोड़ी हेक्टिक बन जाती थी। वहीं अब दूसरे छोर पर 10 लाख रुपए तक की पूरी राशि पहुंच पाएगी।
4.अपडेटेड रिटर्न भरने के लिए ज्यादा समय: 48 महीने तक दाखिल कर सकेंगे
क्या बदलाव हुआ है: अब टैक्सपेयर्स असेसमेंट ईयर के अंत से 24 महीने के बजाय 48 महीने तक अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। इसकी कुछ शर्तें हैं…
24 से 36 महीने के बीच दाखिल रिटर्न पर 60% अतिरिक्त टैक्स।
36 से 48 महीने के बीच दाखिल रिटर्न पर 70% अतिरिक्त टैक्स।
असर क्या होगा: इससे करदाताओं को अपनी गलतियों को सुधारने के लिए अधिक समय मिलेगा। स्वैच्छिक अनुपालन भी बढ़ेगा। यानी, किसी व्यक्ति या संगठन का अपनी मर्जी से नियमों, कानूनों का पालन करना।
5.यूलिप पर कैपिटल गेन टैक्स: 2.5 लाख से ज्यादा प्रीमियम कैपिटल एसेट माना जाएगा
क्या बदलाव हुआ है: यदि यूलिप यानी, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान का प्रीमियम प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपए से अधिक है, तो इसे कैपिटल एसेट माना जाएगा। ऐसे यूलिप को भुनाने से होने वाले किसी भी फायदे पर कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। यूलिप एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसमें प्रीमियम का एक हिस्सा शेयर बाजार में निवेश किया जाता है।
यदि इसे 12 महीने से अधिक समय तक रखा जाता है, तो इस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) के रूप में 12.5% टैक्स लगेगा।
यदि इसे 12 महीने से कम समय तक रखा जाता है, तो इस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) के रूप में 20% टैक्स लगेगा।
असर क्या होगा: उच्च प्रीमियम वाले ULIP में निवेश करने वालों को अब टैक्स देना होगा। सरकार ने ये बदलाव हाई-इनकम टैक्स पेयर्स को यूलिप को टैक्स-फ्री इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट के रूप में उपयोग करने से रोकने के लिए किए हैं। यूलिप प्रीमियम का एक बड़ा हिस्सा शेयर बाजार में निवेश किया जाता है, इसलिए सरकार का तर्क था कि इसे ट्रेडिशनल इंश्योरेंस की तरह टैक्स छूट नहीं मिलनी चाहिए।
6.सस्ता-महंगा: कस्टम ड्यूटी बदलने का 150-200 प्रोडक्ट पर असर
क्या बदलाव हुआ है: सरकार ने फरवरी में पेश किए गए बजट में कुछ प्रोडक्ट पर कस्टम ड्यूटी घटाई थी और कुछ पर बढ़ाई थी। इससे करीब 150-200 प्रोडक्ट प्रभावित होंगे। आम तौर पर वित्तीय वर्ष की शुरुआत यानी 1 अप्रैल 2025 से कस्टम ड्यूटी में हुए बदलाव लागू होते हैं।
हालांकि,कुछ बदलावों की लागू होने की तारीखें केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के नोटिफिकेशन पर निर्भर करती हैं। जैसे,पिछले बजट में कुछ कस्टम ड्यूटी बदलाव (जैसे मोबाइल फोन और कीमती धातुओं पर) 24 जुलाई 2024 से लागू हुए थे।
असर क्या होगा: कुछ चीजें सस्ती और कुछ महंगी हो सकती है। कस्टम ड्यूटी के घटने-बढ़ने का इनडायरेक्ट असर चीजों की कीमतों पर पड़ता है।


















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