जौनपुर से जिला ब्यूरो अमन विश्वकर्मा की रिर्पोट
स्थगन आदेश के बावजूद प्रशासन का अत्याचार: गरीब महिलाओं की जमीन दबंगों को सौंपी, खड़ी फसल जबरन कटवाई
जौनपुर: न्यायालय द्वारा पारित स्थगन आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने न केवल गरीब महिलाओं की जमीन दबंगों को सौंप दी, बल्कि उनके खून-पसीने से उगाई गई फसल को भी जबरन कटवा दिया। यह चौंकाने वाली घटना ग्राम सुल्तानपुर खास, थाना सुजानगंज, तहसील मछलीशहर, जिला जौनपुर की है, जहां पुलिस की मौजूदगी में खुलेआम अन्याय किया गया।
मृतक शेषमनी की बेटियों पुष्पा रानी और सुषमा ने अपने हक की जमीन पर मेहनत से फसल उगाई थी। लेकिन, स्थानीय प्रशासन ने न्यायालय के स्थगन आदेश को अनदेखा करते हुए नायब तहसीलदार बिवेक श्रीवास्तव, निर्भय कुमार यादव कानूनगो और सुजानगंज थाना अध्यक्ष के नेतृत्व में दबंगों को खड़ी फसल सौंप दी।
महिला पुलिस की निगरानी में महिलाओं को बंधक बनाकर फसल काटी गई और ट्रैक्टर के जरिए जबरन उठा ली गई। पीड़ित महिलाओं की कोई सुनवाई नहीं हुई और प्रशासनिक मशीनरी ने खुलेआम अन्याय का समर्थन किया।
न्याय की उम्मीद पर प्रहार
यह मामला न केवल प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल उठाता है, बल्कि गरीबों और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के दावों को भी कठघरे में खड़ा करता है। जब न्यायालय का आदेश ही ताक पर रख दिया जाए, तो आम जनता किससे उम्मीद करे?
प्रशासन की मनमानी पर उठते सवाल
1. स्थगन आदेश के बावजूद किस आधार पर प्रशासन ने फसल कटवाई?
2. महिला पुलिस की मौजूदगी में महिलाओं को क्यों रोका गया?
3. क्या प्रशासन अब दबंगों का संरक्षक बन चुका है?
4. क्या गरीबों और महिलाओं के पास न्याय पाने का कोई रास्ता बचा है?
जरूरत है न्याय की आवाज उठाने की
देवदूत विश्वकर्मा सेना भारत इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएगी और पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। हम सरकार से मांग करते हैं कि—
इस घटना की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
जिम्मेदार अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
पीड़ित महिलाओं को उनकी जमीन और फसल का हक दिलाया जाए।
अगर न्याय की आवाज दबा दी गई, तो यह अन्याय की जीत होगी!