ब्यूरो चीफ मंजीत डाबला महेन्द्रगढ़ हरियाणा
राज्य हरियाणा जिला महेन्द्रगढ़
दिनाँक 13/02/1025
हरियाणा महेन्द्रगढ़ हिट एंड रन मामले में पीड़ित को मुआवजा तथा सड़क हादसे के शिकार को पैनल के अस्पतालों में 1.5 लाख रुपए तक के कैशलेस इलाज को लेकर उपायुक्त डॉ विवेक भारती ने चिकित्सकों के साथ की बैठक
हिट एंड रन मामले में पीड़ित को मुआवजा तथा सड़क हादसे के शिकार को पैनल के अस्पतालों में 1.5 लाख रुपए तक के कैशलेस इलाज को लेकर आज उपायुक्त डॉ विवेक भारती ने सरकारी, गैर सरकारी अस्पतालों के प्रबंधकों व चिकित्सकों के साथ बैठक की। इस मौके पर प्रोजेक्टर के माध्यम से इस योजना की जानकारी दी गई। इस बैठक में पुलिस अधीक्षक पूजा वशिष्ठ भी मौजूद थीं।
डीसी ने पैनल के सभी निजी अस्पतालों को स्पष्ट निर्देश दिए कि आयुष्मान भारत योजना के तहत पैनल के अस्पतालों को सड़क हादसे में घायल हुए लोगों को तुरंत प्रभाव से इलाज मुहैया करवाना होगा। अगर कोई भी निजी अस्पताल इस मामले में लापरवाही करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। ईलाज में गोल्डन आवर महत्वपूर्ण होता है।
डीसी ने बताया कि हरियाणा #सरकार इस योजना को लेकर पूरी तरह से गंभीर है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों को रोकना है। इस प्रतिबद्धता को दोहराते हुए सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 162 के तहत मोटर वाहनों के उपयोग से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को नकद उपचार प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू की है।
उपायुक्त ने कहा कि सड़क हादसे में पीड़ित नागरिक आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) के तहत आघात और बहु-आघात के लिए स्वास्थ्य लाभ पैकेज के अनुसार दुर्घटना की तिथि से अधिकतम 7 दिनों की अवधि के लिए प्रत्येक दुर्घटना के लिए प्रति 1.5 लाख रुपए तक कैशलेस इलाज का हकदार है।
यह योजना किसी भी श्रेणी की सड़क पर मोटर वाहन के उपयोग से होने वाली सभी सड़क दुर्घटनाओं पर लागू है।
उन्होंने बताया कि पीड़ित को निकटतम सूचीबद्ध अस्पताल में शीघ्र एडमिट करने के लिए 112 नंबर पर एम्बुलेंस उपलब्ध है। पीड़ित चाहे किसी भी माध्यम से पहुंचा हो, अस्पतालों में तुरंत इलाज देना होगा।
इस संबंध में किसी भी प्रकार की परेशानी आए तो नागरिक नेशनल हेल्थ अथारिटी के टोल फ्री नंबर 14555 पर काल कर सकते हैं। जिला में 38 प्राइवेट अस्पताल सरकार के पैनल पर हैं।
इसके अलावा उपायुक्त ने बताया कि हिट एंड रन मामले में पीड़ित को तुरंत अस्पताल में भर्ती करना है। अगर हादसे के जिम्मेदार व्यक्ति का पता नहीं चलता है तो उस सूरत में घायल को 50 हजार तथा मौत होने पर उसके परिजनों को 2 लाख रुपए तक का मुआवजा दिया जाता है।
इस बैठक में जेल अधीक्षक संजय बांगड़, डीएसपी सुरेश कुमार, सचिव आरटीए मनोज कुमार, डॉ धर्मेंद्र सांगवान व डॉ धर्मेश सैनी के अलावा विभिन्न निजी अस्पतालों के प्रबंधक व चिकित्सक भी मौजूद थे।



















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