सड़क हादसे में घायल को मिलेगी 1.5 लाख तक कैशलेस उपचार की सुविधा : उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ
-सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को कैशलेस उपचार उपलब्ध कराने के लिए पायलट योजना की शुरू
-परेशानी होने पर हेल्पलाइन नंबर-14555 पर कर सकते हैं कॉल
पलवल, 25 जनवरी
कृष्ण कुमार छाबड़ा

उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि भारत सरकार ने मोटर वाहनों के इस्तेमाल के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को कैशलेस उपचार उपलब्ध कराने के लिए एक पायलट योजना की शुरुआत की है। भारत सरकार का यह कदम सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम करने की अपनी प्रतिबद्धता और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 162 के तहत कानूनी प्रक्रिया के अनुरूप है।
उपायुक्त ने बताया कि सड़क हादसे में घायल नागरिक आयुष्मान भारत योजना के पैनल के अस्पतालों में 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज का हकदार है। उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मृत्यु को रोकना है। इस प्रतिबद्धता को दोहराते हुए सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 162 के तहत मोटर वाहनों के उपयोग से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को नकद रहित उपचार प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि सड़क हादसे में कोई भी पीड़ित नागरिक आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) के तहत आघात और बहु-आघात के लिए स्वास्थ्य लाभ पैकेज के अनुसार दुर्घटना की तिथि से अधिकतम 7 दिनों की अवधि के लिए प्रत्येक दुर्घटना के लिए प्रति 1.5 लाख रुपये तक कैशलेस इलाज का हकदार है।
उपायुक्त ने बताया कि सरकार की उक्त योजना का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को समय पर चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना है, जिसमें गोल्डन ऑवर भी शामिल हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) पुलिस व स्वास्थ्य विभाग आदि के साथ समन्वय से इस योजना का क्रियान्वयन करना सुनिश्चित किया जाएगा। इस योजना के तहत दुर्घटना की तिथि से अधिकतम सात दिनों की अवधि के लिए प्रत्येक दुर्घटना के लिए पीड़ितों को अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के कैशलेस उपचार का अधिकार मिलेगा। यह योजना किसी भी श्रेणी की सड़क पर मोटर वाहन के उपयोग के कारण होने वाली सभी सड़क दुर्घटनाओं पर लागू रहेगी। उपचार प्रदान करने के लिए अस्पतालों द्वारा उठाए गए दावों की प्रतिपूर्ति मोटर वाहन दुर्घटना निधि से की जाएगी। इस योजना को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के ई-डीएआर एप्लीकेशन और एनएचए के ट्रांजैक्शन मैनेजमेंट सिस्टम (टीएमएस) की कार्यक्षमताओं को मिलाकर एक आईटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से लागू किया जाएगा।
पलवल जिला के इन प्राइवेट अस्पतालों को किया गया है सूचीबद्ध :
उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि योजना के तहत जिला पलवल के 14 प्राइवेट अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है, जिनमें गुरुनानक अस्पताल, पलवल अस्पताल, गोल्डल अस्पताल, गोयल नर्सिंग होम, श्री साईं अस्पताल, राहुल नर्सिंग होम, सचिन अस्पताल, कॉसमॉस अस्पताल, प्रभा आई अस्पताल, श्री सत्यसाई संजीवनी इंटरनेशनल सेंटर फॉर चाइल्ड हार्ट केयर एंड रिसर्च, मनोज हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर, तुला अस्पताल, गलेक्सी अस्पताल व एटलस अस्पताल शामिल हैं, जहां दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी।
परेशानी होने पर हेल्पलाइन नंबर-14555 पर कर सकते हैं कॉल :
उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने में अगर किसी व्यक्ति को कोई परेशानी आती है तो वह हेल्पलाइन नंबर-14555 पर कॉल कर सकता है।