छ.ग. विशेष संवाददाता :- राजेन्द्र मंडावी पैराडाइज स्कूल मे मनाई गयी आजादी के महानायक सुभाष चंद्र बोस की जयंती
कांकेर। पैराडाइज हायर सेकेण्डरी स्कूल में 23 जनवरी को आजादी के महानायक सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई गयी। जिसमे उनकी साहस एवं उनके संघर्ष को याद करते हुए स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को याद किया गया।
जिसमें छात्रा अलिना अली ने उनके कुछ पक्तियों को बताते हुये कहा कि’’स्वतंत्रता दी नहीं जाती, ली जाती है।’’बुशरा फातिमा ने कहा ’’उन्होंने स्वतंत्रता के लिए अपना खून बहाकर देश के प्रति अपना कर्तव्य को निभाया। हम अपने बलिदान और परिश्रम से जो स्वतंत्रता प्राप्त करेंगे, उसे हम अपनी शक्ति से बचाए रख सकेंगे।’’ चेष्टा नेताम ने उनकी जीवनी के बारे में बताते हुये कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भागीदारी उल्लेखनीय थी। वे एक बहादुर और साहसी नेता थे। अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में भगवद गीता से गहराई से रहे प्रेरित थे, इसी कारण स्वतंत्रता, समानता, राष्ट्रभक्ति के लिए उनके संघर्ष को भुलाया नही जा सकता। उनके लिए राष्ट्र सर्वोपरि था। नूरअफषा खान ने बताया कि सुभाष चंद्र बोस ने ’’जय हिन्द’’ का नारा दिया था जो आज भी भारत का राष्ट्रीय नारा है। तेजस्वनी शर्मा ने बताया कि ’’तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा’’ का नारा उन्होंने दिया था जो स्वतंत्रता संग्राम के समय अत्यधिक प्रेरणादायक रहा। स्नेह मण्डावी ने नेता जी के बारे में बताते हुये कहा कि एक महान स्वतंत्रता सेनानी और सच्चे देशभक्त थे देश को आजादी दिलाने में उनके बहुमूल्य योगदान को भारत हमेंषा याद रखेगी।
इस देशभक्ति एवं प्रेरणादायी कार्यक्रम को संपन्न कराने मे प्राचार्य रश्मि रजक, उप प्राचार्य हरिन्द्र गोलुगुरी, एडमिनिस्ट्रेटर हमीद खान, कोआॅर्डिनेटर पूनम जीत कौर, वरिष्ठ शिक्षक प्रीति झा, पवित्र बराई, रूबी खान, दीपांजली गोगोई, एस.मर्सी, वर्षा रमानी, मेघा सेवा, अवतार सिंह, तीरथ साहू, कृष्णापद कुंभकार, भारती सेठिया, प्रतीक सिह, संगीता भारती, जीतूदास माण्डले, सरिता मिश्रा, इतिश्री गोलुगुरी, अनिल कुमार ढाके, उज्जवल निर्मलकर, शांति लीना नेताम, रीया सोनी, प्रीतिलता सोरी, सुन्नदा शर्मा, शिखा मेहरा, रचना शर्मा, लक्ष्मीनारायण नामदेव, अपूर्वा ठाकुर, रामेश्वरी साहू, पार्वती गजबल्ला, पविन्द्र साहू, पेंकेटेश, तुलसी निषाद, शिल्पी पालित, देवश्री साहू, प्रियंका श्रीवास्तव, सपना पाण्डे, कमलप्रीत कौर, संतोष ठाकुर, आदि शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा कार्यक्रम का संचालन नोशिद्ध नेताम ने किया।