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ग्रामोत्थान परियोजना के तहत आदर्श स्वायत सहकारिता के तुलसी स्वयं सहायता समूह को मिला पतंजलि आउटलेट खोलने की स्वीकृति

Parul Rathaur
Haridwar

ग्रामोत्थान परियोजना के तहत आदर्श स्वायत सहकारिता के तुलसी स्वयं सहायता समूह को मिला पतंजलि आउटलेट खोलने की स्वीकृति

 

दिनांक 15 जनवरी 2024 को, हरिद्वार जिले के विकास भवन, रोशनाबाद स्थित ग्रामोत्थान परियोजना के जिला कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में जिला परियोजना प्रबंधक (डीपीएम) द्वारा विकासखंड लक्सर के आदर्श सीएलएफ के तहत कार्यरत बंधन ग्राम संगठन के तुलसी स्वयं सहायता समूह के प्रस्तावित पतंजलि आउटलेट से संबंधित सभी दस्तावेजों की समीक्षा की गई। यह पहल ग्रामोत्थान परियोजना के सहयोग से महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार के उद्देश्य से की जा रही है। इस कार्य में सहायक प्रबंधक (सेल्स एंड मार्केटिंग) और लक्सर के लाइवलीहुड कॉर्डिनेटर ने अहम भूमिका निभाई।

दस्तावेजों की जांच और स्वीकृति प्रक्रिया:-

बैठक के दौरान, जिला परियोजना प्रबंधक ने पतंजलि आउटलेट खोलने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेजों की विस्तार से जांच की। दस्तावेजीकरण प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया गया कि प्रस्ताव और उससे संबंधित वित्तीय योजनाएं सही और पूरी तरह से स्पष्ट हैं। जिला परियोजना प्रबंधक ने सभी पहलुओं का गहन अध्ययन किया, जिससे परियोजना के लिए आवश्यक वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करने में कोई बाधा न हो।

इसके अतिरिक्त, सहायक प्रबंधक (सेल्स एंड मार्केटिंग) और लाइवलीहुड कॉर्डिनेटर ने समूह की महिलाओं को पूरी प्रक्रिया के दौरान सहायता प्रदान की। उन्होंने पतंजलि आउटलेट की स्थापना से जुड़े सभी तकनीकी और व्यावसायिक पहलुओं पर मार्गदर्शन दिया। यह सुनिश्चित किया गया कि समूह को सभी जरूरी जानकारी और संसाधन मिलें, जिससे वे अपना व्यवसाय सुचारू रूप से चला सकें।

महिलाओं से संवाद और परियोजना की स्वीकृति:-

दस्तावेजों की जांच पूरी होने के बाद, जिला परियोजना प्रबंधक ने तुलसी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से सीधा संवाद किया। इस बातचीत का उद्देश्य समूह की महिलाओं को प्रोत्साहित करना, उनकी शंकाओं का समाधान करना, और उन्हें व्यवसाय संचालन के विभिन्न पहलुओं की जानकारी देना था। महिलाओं ने भी अपनी योजनाओं, लक्ष्यों, और संभावित चुनौतियों के बारे में खुलकर चर्चा की।

महिलाओं के साथ संवाद के दौरान, जिला परियोजना प्रबंधक ने उनके प्रयासों की सराहना की और पतंजलि आउटलेट खोलने के लिए स्वीकृति प्रदान की। यह स्वीकृति समूह की मेहनत और परियोजना की व्यावहारिकता को ध्यान में रखते हुए दी गई।

वित्तीय संरचना:-

इस परियोजना के वित्तीय ढांचे को तीन मुख्य हिस्सों में विभाजित किया गया है:

1. ग्रामोत्थान परियोजना का योगदान:- पतंजलि आउटलेट खोलने के लिए 3 लाख रुपये का वित्तीय सहयोग ग्रामोत्थान परियोजना द्वारा दिया जाएगा।

2. बैंक ऋण:- समूह को 1.5 लाख रुपये का बैंक ऋण भी प्राप्त होगा। यह ऋण समूह की वित्तीय स्थिरता और व्यवसायिक जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा।

3. महिलाओं का योगदान:- तुलसी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा 50,000 रुपये का योगदान स्वयं किया जाएगा। यह योगदान महिलाओं की परियोजना के प्रति प्रतिबद्धता और आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।

परियोजना के उद्देश्य और संभावित लाभ:-

इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनके लिए स्थायी आजीविका के अवसर पैदा करना है। पतंजलि आउटलेट खोलने से न केवल समूह की महिलाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि यह क्षेत्र के अन्य लोगों को भी लाभान्वित करेगा।

1. आर्थिक सशक्तिकरण:- महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी।

2. स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा:- पतंजलि आउटलेट के माध्यम से स्थानीय और पारंपरिक उत्पादों को भी एक व्यापक बाजार मिलेगा।

3. सामाजिक प्रभाव:- इस प्रकार की पहल से महिलाओं की सामाजिक स्थिति में सुधार होगा और उन्हें अपने परिवार और समुदाय में एक नई पहचान मिलेगी।

परियोजना की भविष्य की दिशा:-

यह परियोजना महिलाओं के लिए एक मिसाल कायम करेगी और अन्य समूहों को भी प्रेरित करेगी। जिला परियोजना प्रबंधक और उनकी टीम ने यह सुनिश्चित किया है कि यह पहल सफलतापूर्वक लागू हो और इसके परिणामस्वरूप महिलाओं को दीर्घकालिक लाभ मिलें।

ग्रामोत्थान परियोजना के तहत इस प्रकार की गतिविधियां महिलाओं को उद्यमिता की ओर प्रेरित करने और उनके कौशल को निखारने में मदद करती हैं। भविष्य में, इस प्रकार की और पहलें शुरू की जा सकती हैं, जिनसे हरिद्वार जिले की ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिले।

दिनांक 15 जनवरी 2024 का यह आयोजन ग्रामोत्थान परियोजना के उद्देश्यों को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने का एक और कदम है। जिला परियोजना प्रबंधक की सक्रिय भूमिका, सहायक प्रबंधकों और लाइवलीहुड कॉर्डिनेटर का सहयोग, और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का समर्पण, इस परियोजना की सफलता के प्रमुख आधार हैं। पतंजलि आउटलेट की स्थापना से न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि यह क्षेत्र के समग्र विकास में भी योगदान देगा।

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