सवांददाता ब्युरो चीफ रमाकान्त झंवर बीकानेर श्रीडूंगरगढ़
पवित्र तीर्थ स्थल प्रयागराज में महा कुंभ के रूप में विश्व के सबसे बड़े मेले की रौनक अब परवान चढ़ने लगी है। विगत एक-दो माह से जो बड़े- बड़े शिविर उत्तम साज-सज्जा के साथ निर्मित हो रहे थे, वे अब साधु-संतों एवं अनुयायियों के आगमन कथा, भजन तथा भण्डारों से रौनकदार हो रहे हैं। जयपुर के टेंट कलाकारों द्वारा जयपुरी शैली में बनाए शिविर अधिक चर्चित हो रहे हैं। यहां सर्वेश्वर नगर के विशाल पाण्डाल में श्रद्धालु -जिज्ञासु भक्तों के सान्निध्य में निम्बार्क पीठाधीश्वर श्रीराधा मोहन शरणजी महाराज ने श्रीमद भागवत के चतुर्थ दिवस की कथा करते हुए कपिलोपाख्यान के अन्तर्गत भागवतीय सांख्य शास्त्र का विवेचन किया। कपिल भगवान ने अपनी माता देवहुति के संशयों का नाश करते हुए सांख्य योग का ज्ञान प्रदान किया था। प्रकृति और पुरुष का विवेचन. करते हुए कथा में प्रकृति के 24 विकारों को बताया गया। निम्बार्क पीठ के इस शिविर में आज भी हजारों साधु-संतों को भण्डारे के रूप में भोजन प्रसाद कराया गया। आज बड़ी संख्या में यहां अनुयायियों का भी सुआगमन हुआ। यहां सौ से अधिक लकड़ी के काॅटेज, श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए निर्मित किये गये हैं। कथा यजमान हरिप्रसाद जांगिड़ के अर्थ सौजन्य से इस कथा का आयोजन किया जा रहा है। डॉ. चेतन स्वामी ने अनेक संत सम्प्रदाय के आचार्यों से मुलाकात कर कुंभ में उनके शिविरों द्वारा चलाई जा रही धार्मिक-सामाजिक गतिविधियों का अंकन किया। राजस्थान के त्रिवेणी धाम, काठिया डाकोर तथा खोजी द्वारे के शिविर से जाना कि यहां प्रति दिन पांच हजार साधु-संतों तथा कुंभ में आनेवाले श्रद्धालुओं का दोनों समय भोजन भण्डारा किया जाएगा। उधर बहुचर्चित बालक योगेश्वरदासजी के शिविर में देश में शहीद होने वाले सैनिकों के तर्पणार्थ 100 कुंडीय विशाल यज्ञ का आयोजन 13 जनवरी से किया जाएगा। शहीद परिवारों के लिए यहां 32 टेंट लगाए गए हैं। शहीदों की याद में यहां 42 वां यज्ञ किया जाएगा। आज अनेक खालसाओं के साधु संतों ने गाजे बाजे के साथ शोभा यात्राएं निकाली। संगम में पवित्र स्नान करनेवालों की दिनभर भीड़ रही।