सवांददाता मीडिया प्रभारी मनोज मूंधड़ा बीकानेर श्रीडूंगरगढ़
सूडसर। कोटासर गांव के भोमियाजी मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन कथावाचक पं. प्रकाश तिवाड़ी ने श्रोताओं को भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला प्रसंगों को सुनाया। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण का अवतार भक्तो के उद्धार हेतु होता है पूतना राक्षसी को अविद्या का स्वरूप कहते हुवे बताया कि ये अविद्या ही हमे सही मार्ग से गलत मार्ग पर भटका देती है। शिव-स्याम मिलन कथा से बताया की भगवान संकर को भी कृष्ण दर्शन हेतु गति प्रतीक्षा ओर प्राथना करनी पड़ी सही भांति हमे भी फल प्राप्त हेतु भगवत कार्य प्रार्थना ओर प्रतीक्षा करनी चाहिए भक्ति मार्ग का स्वरूप यही है कथा के दौरान संत हरिदास जी महाराज लखासर का हुआ आगमन हुआ। इस अवसर पर गोग्राम सेवा संघ के जिला संयोजक महेंद्र सिंह तंवर,मदन सिंह राठौड़ मोहन सिंह देवड़ा,भंवर खिलेरी,भीम सिंह तंवर लखासर,लिखमीसर दिखणादा उपसरपंच मोहन सिंह,हेमाराम डेलू,प्रभु राम कूकणा हरिराम भादू देराजसर से धुड़ाराम,परमेश्वर राम,लिच्छूराम सुरजाराम भादू,दुलचासर से भागीरथ ओझा हरिओम सेन रामरतन सेन,रेवंत सिंह पड़िहार,नत्थूसिंह पड़िहार,गोपालराम सुथार,दुसारणा से रामप्रताप सारण,रुघाराम मूंड,रामलाल पींपासरिया से पेमाराम गोदारा,भागीरथ गोदारा,शिव कुमार मास्टर,मघाराम मास्टर जगदीश प्रसाद,सावंतसर से शंकरलाल धारणियां,हंसराज धारणियां आदि पधारें और सभी अतिथिगणों ने कथा में सहयोग किया। व्यास पीठ से सभी अतिथियों ने आर्शीवाद लिया एवं सभी को स्मृति चिह्न देकर व दुपट्टा पहना कर स्वागत किया गया। वहीं दुलचासर,सूडसर,देराजसर गोपालसर लखासर,लिखमीसर,दुसारणा,पींपासरिया,भोजास आदि गांवों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा का लाभ लेने पहुंचे।