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गुड़ में गड़बड़ : जिम्मेदार कौन? सील, सैंपल और सस्पेंस की कहानी

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गुड़ में गड़बड़ : जिम्मेदार कौन? सील, सैंपल और सस्पेंस की कहानी

क्या जिले के उपभोक्ताओं की सेहत से खिलवाड़ करने का मिला है खुला अधिकार

एक दशक से ज्यादा समय से जमे अधिकारियों की शह पर जारी है जिले में मिलावट खोरी का कारोबार

सत्यार्थ न्यूज लाइफ
ब्यूरो चीफ
मनोज कुमार माली सोयत कला,सुसनेर

सुसनेर नगर में जिले में मिठास की मिठाई की जगह अब सवालों की कड़वाहट घोलने वाला गुड़ चर्चा का विषय बन चुका है । जब खाद्य सुरक्षा अधिकारी के एल कुंभकार ने तिरुपति ट्रेडर्स के गोदाम पर 28 दिसंबर को छापा मारा और 30 क्विंटल रिसायकल किया जा रहा गुड़ नष्ट किया, तो हर कोई राहत की सांस ले रहा था। लेकिन दो महीने बाद भी जांच रिपोर्ट का इंतजार क्यों हो रहा है, यह रहस्य बरकरार है। आपको बता दें कि 26 दिसंबर को  एक ही परिवार के सात सदस्य, गुड़ से बनी खाद्य सामग्री का सेवन करने के बाद पेट दर्द और उल्टी की शिकायत से ग्रसित हो गए थे

इस मिलावट के जिम्मेदार कौन
 
जब खुद खाद्य अधिकारी जानते थे कि गुड़ खराब है और उसे रिसायकल करके सप्लाई किया जा रहा है, तो पहले ही कदम क्यों नहीं उठाए गए? क्या दुकानदारों में पहले से सप्लाई हुए गुड़ को रोकना इनकी जिम्मेदारी नहीं थी? क्या जिले के उपभोक्ताओं की सेहत से खिलवाड़ करने का अधिकार इनको मिला हुआ है

जिम्मेदारो की लापरवाही ने बदला गुड़ का स्वाद

तिरुपति ट्रेडर्स के गोदाम से दीपावली के दौरान अक्टूबर माह में भी खाद्य सामग्री के नमूने लिए गए थे। नियमानुसार, इनकी रिपोर्ट 15 दिनों में आनी चाहिए थी। अब दिसंबर आ गया है, लेकिन रिपोर्ट अभी भी कोसों दूर है। सवाल उठता है कि क्या रिपोर्ट कहीं दफ्तरों के फाइलों में दबी हुई है, या जानबूझकर देरी की जा रही है? रिपोर्ट में देरी ओर कारवाई में लचीलापन अधिकारियों की करवाई पर संदेह का सवाल खड़ा कर रहा है। अगर उसी समय गोदाम को सील कर दिया गया होता तो ऐसा दोबारा नही होता। कही न कही जिम्मेदारो की लापरवाही से इस गुड़ का स्वाद बदला है

सालों से जिले में चल रहा मिलावटखोरी का कारोबार  

गुड़ रिसायकल करने का यह कारोबार किसी एक दिन का मामला नहीं है। आरोप है कि जिले में वर्षों से यह खेल खाद्य विभाग की “मौन स्वीकृति” के साथ चल रहा है। इस बात को सब जानते हैं, लेकिन कोई मानता नहीं है। जिले में एक दशक से भी ज्यादा समय से जमे अधिकारीयो की शह व मिलीभगत से मिलावट खोरी का कारोबार सालों से चल रहा है

नगर की दुकानो पर सप्लाई हुआ गुड़ का जिम्मेदार कौन

तिरुपति ट्रेडर्स क्षेत्र में गुड़, तेल सहित अन्य खाद्य सामग्री का थोक विक्रेता है इसके द्वारा क्षेत्र के दुकानदारों को गुड़ की सप्लाई की गई है जिसकी जांच करने वाला कोई नही है। अभी भी बाजार में खराब गुड़ बिकने को मौजूद है। अगर पहली जांच में गोदाम सील हो जाता तो यह बाजार में सप्लाई नही होता। अधिकारियों की लापरवाही ने ऐसे मिलावट खोरो की हिम्मत को बढावा दिया है। अगर जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी समझे और तिरुपति ट्रेडर्स के बिलों की जांच की जाए तो साफ हो जाएगा कि यह गुड़ किन-किन दुकानदारों तक पहुंचा है। इसी के साथ टैक्स चोरी का खुलासा भी हो जायेगा। लेकिन क्या सच में विभाग की नीयत इस ओर ध्यान देने की है, या बस छापेमारी की रस्म अदायगी करनी है

 “गुड़” का खेल, जिम्मेदारी की “गड़बड़” का मेल  

अब सवाल यह है कि क्या ये लापरवाही महज एक संयोग है, या एक सुनियोजित षड्यंत्र? आखिरकार, गुड़ का यह खेल मिठास कम, बल्कि कड़वाहट ज्यादा घोल रहा है। अगर इसी तरह जांच रिपोर्ट आती रही और कार्रवाई कछुए की रफ्तार से होती रही, तो अगली बार शायद गुड़ नहीं, कोई और खाद्य सामग्री खबरों में होगी। आखिर कब जागेगा खाद्य विभाग

यह है पूरा मामला

26 दिसंबर 2024 को नारायणसिंह सोंधिया निवासी मैना के घर के 7 सदस्यों द्वारा स्वयं के घर में गुड़ से तैयार रेलामा ( गुड , घी , गेहूं का आटा से बने) खाने से परिवार के सभी सदस्य को पेट दर्द उल्टी की शिकायत होने पर सुसनेर अस्पताल में प्राथमिक उपचार किया गया। इस क्रम में संबंधित शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर फूड पॉइजनिंग के केस में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पदेन उपसंचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन के निर्देशानुसार तथा सीएचओ मैना के पंचनामा के आधार पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी केएल कुंभकार द्वारा सालाग्राम गुड वाले (गोघटपुर) के सुसनेर स्थित व्होलसेल गोडाउन तिरुपति ट्रेडर्स की जांच की गई। जिसमें परिसर में थोक में तेल, गुड, नमक आदि के साथ- साथ गुड के जो भेली टूट जाती है उन्हे दुबारा भट्टी में गरम कर पुनः छोटी गुड की भेली बनाकर बेचने के उद्देश्य से अस्वच्छ परिस्थितियों में संग्रहित लगभग 30 क्विंटल गुड, जिसका बाजार मूल्य लगभग 90000 रुपए जप्त कर नष्ट किया गया। साथ ही टीन शेड लगे खुले परिसर के मैन गेट पर ताला लगाकर सील बंद किया गया। खरीदा गया गुड तथा तिरुपति ट्रेडर्स से लिए गए गुड दोनो के सैंपल लेकर पृथक – पृथक सैंपल जांच के लिए प्रयोग शाला भेजे गए। प्रकरण में पीड़ित व्यक्ति के जांच पर्चे ; प्रिस्क्रिप्शन भी विवेचना में लिए गए है

तिरुपति ट्रेडर्स के गोदाम में खराब गुड़ को बाजार में सप्लाई करने की योजना से रिसायकल किया जा रहा था। जिसको सप्लाई होने से पहले ही नष्ट कर सील करने की कारवाई की गई है। इसके पहले भी इस गोदाम से 30 अक्टूबर को नमूने लेकर गुड़ को नष्ट कराया था। जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है। खुला परिसर होने के कारण सील नही किया गया था।  हमारे द्वारा नमूने लेकर जांच के लिए भेजे जाते हैं रिपोर्ट आने पर वसुली की कार्रवाई होती है। इस बार भी जांच आने पर नियमानुसार कारवाई जरुर होंगी। 

                      के एल कुम्भकार 
       खाद्य एवं औषधि विभाग आगर मालवा

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