गोतीर्थ बनकर पूरे विश्व में अपनी कीर्ति स्थापित करेगा गो अभयारण्य मालवा स्वामी गोपालानंद सरस्वती
सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित “गोवंश रक्षा वर्ष” के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 260 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि आज ही के दिन वल्लभाचार्य जी के द्वितीया पुत्र के रूप में श्री विट्ठलनाथ जी प्रकट हुए है और इनके जीवनकाल में गोमाताएं बहुत सुखी रही है क्योंकि उनका गोमाताओं के प्रति अपार स्नेह रहा है और पूज्य गुसाई विठ्ठल जी के जन्मोत्सव के शुभ दिन में ही आज से 12 वर्ष पूर्व 24 दिसम्बर 2012 को मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं गो संवर्धन बोर्ड मध्यप्रदेश द्वारा संचालित विश्व के इस प्रथम गो अभयारण्य रूपी वटवृक्ष का बीजारोपण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परम पूजनीय सरसंघ चालक डॉक्टर मोहन जी भागवत के करकमलों एवं भारत सरकार के वर्तमान कृषि मंत्री एवं उस समय के मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी चौहान की अध्यक्षता में हुआ है और आज यह वटवृक्ष अपनी युवावस्था में प्रवेश कर श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के संरक्षक एवं संस्थापक गो ऋषि पूज्य स्वामी दत्त शरणानंद जी महाराज की पावन सन्निधि में प्रस्फुटित होकर लहलहा रहा है और आने वाले समय में यह विशाल वटवृक्ष के रूप में मालवा का गोतीर्थ बनकर पूरे विश्व में अपनी कीर्ति स्थापित करेगा । कामधेनु गो अभयारण्य के स्थापना दिवस पर आदरणीय मेघराज जी जैन और उनके साथ कंधा से कंधा मिलाकर उस समय नींव के पत्थर की भूमिका निभाने वाले लाल सिंह जी,कालू सिंह जी,नाथूसिंह जी सालरिया सहित जिन जिन भी गो भक्तों की भूमिका इस अभयारण्य के स्थापना के समय रहीं है उन सभी श्रेष्ठिजनों का पूज्य महाराज जी ने आभार जताया ।
स्वामीजी ने नारायण जी देसाई के जन्मदिवस एवं भारतीय राष्ट्रवादी, वैज्ञानिक और आविष्कारक सतीश चंद्र दासगुप्ता का आज निर्वाण दिवस पर उनको याद करते हुए उनके कार्यों से प्रेरणा लेने की बात कही ।
पूज्य स्वामीजी ने राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर देश वासियों से अपील की कि लोग आपको जागृत करने के लिए जागो ग्राहक 9जागो,, अपने अधिकार का उपयोग करों लेकिन हम कहते है, जागो ग्राहक जागो,अपने विचारों का उपयोग करों , अधिकारों का नहीं । हर कोई अधिकार चाहता है,विचार एवं कर्तव्य का पालन कोई करता नहीं है और सब अधिकारों की आंधी में डूबे पड़े है और आज राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर यही कहूंगा कि हमें जिस जिस का उपयोग करना है उसके बारे में जागना चाहिए क्योंकि बाजार कचरे एवं नकली सामान के ढेर से भरा पड़ा है उससे बचकर हमें गो दुग्धान एवं गो कृषि से उत्पन्न अन्न का ही उपयोग कर हमें भारतीय उपभोक्ता बनना चाहिए क्योंकि हमारे अन्दर अच्छा जाएगा तो अन्दर से कुछ अच्छा निकलेगा ।
पूज्य स्वामीजी ने आज की गोकृपा कथा में तिलक की महिमा के बारे में बताते हुए कहां कि तिलक हमारी सतोगुणी वर्दी है अर्थात जिस प्रकार एक सैनिक के लिए उसकी वर्दी का महत्त्व है और उसको पहनकर वह अपने आप पर गर्व की अनुभूति करता है,उसी प्रकार हर सनातनी के लिए तिलक की महत्ता है और जब उसके ललाट पर तिलक सुशोभित होता है तो उसमें अपने आप सतोगुण आ जाता है ।
*गो कृपा कथा के 260 वें दिवस पर युवराज राठौर डाबी, राणा प्रवीण सिंह पालड़ा, मृत्युंजय सिंह राठौड़ जयपुर , दूले सिंह तंवर
शिवपाल सिंह तंवर , नारायण नाथ, शुभम नाथ नापा खेड़ी (आगर) एवं श्याम लाल व्यास बरडिया लड़ा(झालावाड़)अतिथि उपस्थित रहें*
260 वे दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के पिड़ाव से
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 260 वें दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिड़ावा की महिला मंडल ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।