गोमाता को पशु सूची से हटाकर माता के पद पर स्थापित करें सरकार – स्वामी अखिलेश्वरा नन्द गिरी
सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित “गोवंश रक्षा वर्ष” के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 258 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि आज राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है ,क्योंकि आज ही के दिन महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का जन्म हुआ था। उन्हीं की याद में इस दिन (National Mathematics Day) को मनाने की शुरुआत की गई और जैसा रामानुजन का जीवन रहा वह इस उपलब्धि के हकदार भी हैं।
पूज्य स्वामीजी ने भारत विकास परिषद् के संस्थापक सदस्य एवं भारत माता मन्दिर हरिद्वार के संस्थापक पूज्य स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी जी महाराज के कृपापात्र एवं मध्यप्रदेश गो संवर्धन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष परम पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरा नन्द गिरी जी महाराज को एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 257 वें दिवस की अध्यक्षता के नाते निवेदन कर पूज्य स्वामी जी का आभार प्रकट करते हुए कहां कि मेरा देश पुनः विकास की सीढी पर चढ़ रहा है , यानि मैकाले शिक्षा पद्धति के प्रभाव एवं लम्बे समय से गुलामी के मकड़जाल में फंसने के कारण हम भगवती गोमाता को भूल चुके थे और उसे पशु समझकर उसकी उपेक्षा करने लग गए थे लेकिन अब पुनः लोगों के हृदय में गो सेवा का भाव जगा है और लोग श्रद्धा पूर्वक भगवती गोमाता के लिए चुनर एवं 56 भोग लेकर पधार रहें है ।
पूज्य स्वामीजी ने गोमूत्र की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि भगवती गोमाता का गो मूत्र इस दुनियां का सबसे बड़ा कृमि नाशक है साथ ही इससे कैंसर जैसी असाध्य बीमारी भी इसके माध्यम से ठीक हो रही है।
*257 वें दिवस के अध्यक्ष के नाते अपने आशीर्वचन में परम पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरा नन्द गिरी जी महाराज ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परम पूज्य सरसंघचालक डॉक्टर मोहन जी भागवत ने विगत 24 दिसम्बर 2012 को जिस गो अभयारण्य रूपी पौधे का बीजारोपण किया था आज वह पौधा विश्व के प्रथम गो अभयारण्य रूपी वटवृक्ष के रूप में प्रफुल्लित हो गया है यानि गो संवर्धन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष मेघराज जी जैन ने जो सपना इस गो अभयारण्य को लेकर संजोया था वह सपना पूरा हो रहा है ।
स्वामीजी ने आगे बताया गाय विश्व के अर्थ का आधार है और जिस जिस देश में गोमाता की उपेक्षा हुई है वहां की जे.डी.पी.गिरी है और वह देश कंगाल हुआ है और पूज्य स्वामीजी ने देश एवं राज्यों के मुखियाओं से आग्रह किया कि भगवती गोमाता को पशु सूची से हटाकर माता के रूप में स्थापित करें और सम्पूर्ण भारत में गो हत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगे तभी भारत पुनः विश्वगुरु के पद पर पुन: स्थापित हो सकती है ।भारत विकास परिषद् आगर इकाई के और से विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में 51 क्विंटल सब्जी एवं फलों का विशाल 56 भोग का आयोजन एवं साध्वी कपिला गोपाल सरस्वती दीदी जी के जन्मदिवस के पुण्य अवसर पर उनके गुरुदेव भगवान स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती एवं उनका स्वयं का तुलादान करवाया
गो कृपा कथा के 257 वें दिवस पर नई दुनियां आगर के संवाददाता श्रीकांत माहेश्वरी, अभी तक चेनल के राजेन्द्र शर्मा,हेमंत शर्मा एवं साधना व भारत चेनल के गोविंद गुरु का भगवती गोमाता की छवि देकर बहुमान किया
258 वे दिवस पर चुनरीयात्रा भारत विकास परिषद् आगर , राजस्थान एवं मध्यप्रदेश से
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 258 वें दिवस पर चुनरी यात्रा भारत विकास परिषद् आगर इकाई के अध्यक्ष कैलाश माहेश्वरी,प्रान्त प्रमुख राजेन्द्र विश्वकर्मा,कोषाध्यक्ष रमण जैन , सूचना सदस्य अनूप सिंह सदस्य पुरूषोतम गुप्ता,महेश माहेश्वरी, श्रीकांत माहेश्वरी, महिला प्रमुख उमा शर्मा व सुधा मेडी के नेतृत्व में भारत विकास परिषद् के सभी सदस्यों सहित एवं शाजापुर जिले के मोहना से श्रीमति प्रेम बाई धर्मपत्नी मुरलीधर सोलंकी,के साथ पुत्रवधु श्रीमती माया सोलंकी,पुत्र सत्य सोलंकी,पुत्रवधु दीपिका एवं उनके पुत्र राम सोलंकी एवं सुसनेर तहसील के खेरिया ग्राम व राजस्थान के कोटा महानगर से दिलीप कुमार सोनी,श्रीमती राधे सोनी,कन्हैया लाल सोनी,तनु सोनी एवं झालावाड़ जिले की पचपहाड़ तहसील के। ठिकाना कोटड़ी से डॉक्टर विक्रम सिंह जी जमुनिया के समधि तूफ़ान सिंह परिवार के साथ सेंकड़ों युवा एवं मातृशक्ति ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए 56 भोग एवं विशाल चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।